Modi Surname Case: मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट की वो 5 बड़ी टिप्पणियां, जिससे राहुल गांधी हो जाएंगे खुश

Modi Surname Case: गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

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राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

Modi Surname Case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानहानि मामले में उनको मिली सजा पर रोक लगा दी है। सजा पर रोक के बाद राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता भी बहाल होने का रास्ता साफ हो गया है।

क्या है मामला

गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा में मोदी उपनाम के संबंध में की गई कथित विवादित टिप्पणी को लेकर राहुल के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें ट्रायल कोर्ट से राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई थी, जिसके कारण उनकी सांसदी भी चली गई थी। राहुल गांधी को गुजरात हाईकोर्ट में भी हार मिली थी, जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणियां

  • न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा अधिकतम सजा देने का कोई कारण नहीं बताया गया है, ऐसे में अंतिम फैसला आने तक दोषसिद्धि के आदेश पर रोक लगाने की जरूरत है।
  • SC ने कहा कि अपीलीय अदालत और उच्च न्यायालय ने दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने में काफी पन्ने खर्च किए हैं, लेकिन इसमें भी अधिकतम सजा के कारण के पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को राहत देते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट के आदेश के प्रभाव व्यापक हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इससे न केवल गांधी का सार्वजनिक जीवन में बने रहने का अधिकार प्रभावित हुआ, बल्कि उन्हें चुनने वाले मतदाताओं का अधिकार भी प्रभावित हुआ।
  • पीठ ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि टिप्पणी उचित नहीं थी और सार्वजनिक जीवन में भाषण देते समय एक व्यक्ति से सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है।
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गुजरात हाई कोर्ट के न्यायाधीश का आदेश पढ़ने में बहुत दिलचस्प है। उन्होंने इसमें बहुत उपदेश दिया है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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