PM Modi Ukraine Visit: पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे पीएम मोदी, यूक्रेन संकट के समाधान पर दुनिया की नजरें
विदेश मंत्रालय ने मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक यात्रा होगी, जो 30 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी।
पीएम मोदी जाएंगे यूक्रेन
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से तीन दिन की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा पर रवाना हो रहे हैं
- पीम दो दिन पोलैंड की यात्रा पर रहेंगे और 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे
- 30 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूक्रेन यात्रा
PM Modi Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से तीन दिन की पोलैंड और यूक्रेन यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। वह दो दिन पोलैंड में रहेंगे और 23 अगस्त को यूक्रेन का दौरा करेंगे। 30 साल पहले राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली यूक्रेन यात्रा है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री पोलैंड से कीव तक ट्रेन से यात्रा करेंगे, जिसमें करीब 10 घंटे लगेंगे। वापसी की यात्रा भी लगभग इतनी ही अवधि की होगी। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन समेत विश्व के कई नेताओं ने भी यूक्रेनी सीमा के पास स्थित पोलिश रेलवे स्टेशन से ट्रेन द्वारा कीव की यात्रा की है। यूक्रेन की यात्रा से पहले, मोदी 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की दो दिवसीय यात्रा करेंगे।
रूसी क्षेत्र में यूक्रेन के सैन्य आक्रमण के बीच दौरा
प्रधानमंत्री की यूक्रेन यात्रा कीव द्वारा रूसी क्षेत्र में ताजा सैन्य आक्रमण के बीच हो रही है। मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी हाई-प्रोफाइल यात्रा के कुछ सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी। इस सप्ताह कीव की करीब सात घंटे की यात्रा करने से पहले भारत ने सोमवार को कहा कि वह रूस-यूक्रेन संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान तलाशने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करने को इच्छुक है।
30 साल में भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा
विदेश मंत्रालय ने मोदी की 23 अगस्त की यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक यात्रा होगी, जो 30 साल पहले दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा होगी। विदेश मंत्रालय में सचिव तन्मय लाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि भारत के रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मजबूत और स्वतंत्र संबंध हैं और ये साझेदारियां अपने-अपने बूते हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत और यूक्रेन के बीच निरंतर सहयोग को मजबूत करेगी।
कई मौकों पर राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात
लाल ने कहा, इस यात्रा का उद्देश्य दूसरे के नुकसान से अपना फायदा पाना नहीं है। प्रधानमंत्री ने रूस की यात्रा भी की थी। कई विचारों पर चर्चा की गई थी। प्रधानमंत्री ने पिछले एक साल में कई मौकों पर राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की है और अब वे फिर से यूक्रेन में मिलेंगे। ये स्वतंत्र व्यापक संबंध हैं और जारी संघर्ष पर भी निश्चित रूप से चर्चा होगी। यूक्रेन संघर्ष के बारे में पूछे जाने पर लाल ने कहा, भारत इस जटिल मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद करने के लिए हर संभव सहायता और योगदान देने को तैयार है। साथ ही, उन्होंने मोदी और जेलेंस्की के बीच वार्ता के नतीजे का पूर्वानुमान जताने से इनकार कर दिया।
युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता
उन्होंने कहा, भारत ने यह बहुत स्पष्ट और सतत रुख अख्तियार किया है कि कूटनीति और संवाद से इस संघर्ष का समाधान निकल सकता है जिससे दीर्घकालिक शांति आ सकती है। इसलिए बातचीत बहुत जरूरी है। स्थायी शांति केवल उन विकल्पों के माध्यम से प्राप्त की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों और यह केवल बातचीत के माध्यम से ही संभव है। भारत सभी हितधारकों के साथ बातचीत जारी रखे हुए है। लाल ने यह भी कहा कि यूक्रेन संघर्ष पर बातचीत के माध्यम से समाधान तक पहुंचने के लिए भारत लगातार कूटनीति और बातचीत की वकालत करता रहा है। लाल ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि यह युद्ध का समय नहीं है। युद्ध के मैदान में समाधान नहीं खोजा जा सकता। यह एक स्पष्ट स्थिति है जिसे भारत ने अपनाया है और हमारा मानना है कि अधिकांश देश इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं।
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