फिर दिखा मोदी का 'कर्मयोगी' अवतार, मां को मुखाग्नि देने के बाद तुरंत काम पर लौटे, ममता बोलीं- रेस्ट कर लीजिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का शुक्रवार को निधन हो गया। मां का अंतिम संस्कार करने के बाद पीएम मोदी तुरंत काम पर लौट आए और उन्होंने पश्चिम बंगाल के कोलकाता में आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिरकत की और विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन तथा लोकार्पण किया।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी और सीएम ममता बनर्जी
PM Modi News: पीएम मोदी के अनुशासन और समयनिष्ठता का विपक्ष भी कायल रहा है। बीजेपी नेताओं सहित कई विश्लेषक उन्हें कर्मयोगी कहते हैं। पीएम का यह कर्मयोगी वाला अवतार एक बार फिर दिखा। मां Heeraben के अंतिम संस्कार के तुरंत बाद पीएम मोदी (Narendra Modi) सरकारी कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए और रिमोट का बटन दबाकर कोलकाता में रेलवे की कई परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इस दौरान उन्होंने कोलकाता में मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) को हरी झंडी दिखाकर उद्घाटन किया।
ममता बोलीं- आराम करें
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहीं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की ओर से, हमें यह अवसर देने के लिए मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देती हूं। उन्होंने पीएम मोदी की मां के निधन पर शोक जताते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री जी आज आपके लिए बहुत दुखद दिन है। मैं भगवान से प्रार्थना करूंगी की आपको यह दुख सहन करने की क्षमता दे। आपकी माँ का मतलब हमारी माँ भी है। भगवान आपको अपना काम जारी रखने की शक्ति दे, कृपया थोड़ा आराम करें। मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि आप इस कार्यक्रम को छोटा रखें क्योंकि आप अभी अपनी मां के अंतिम संस्कार से आए हैं।'
पीएम ने कही ये बात
विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'बंगाल की पुण्य धरती को आज मेरे लिए नमन करने का असवर है। बंगाल के कण-कण में आज़ादी का इतिहास समाया हुआ है। जिस धरती से 'वंदे मातरम' का जयघोष हुआ वहां से 'वन्दे भारत' को हरी झंडी दिखाई गई। आज इतिहास में 30 दिसंबर की तारीख का बड़ा महत्व है। 30 दिसंबर 1943 में नेताजी सुभाष में अंडमान में तिरंगा फैराकर भारत की आज़ादी की बिगुल फूंका था। इस घटना के 75 वर्ष होने पर साल 2018 में मैं अंडमान गया था और नेताजी के नाम पर एक द्वीप का नामकरण भी किया था।'
PM मोदी ने कहा, '21वीं सदी में भारत के तेज़ विकास के लिए भारतीय रेलवे का तेज़ विकास और सुधार जरूरी है। इसलिए केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के लिए निवेश कर रही है। आज वन्दे भारत, तेजस, हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेन देश में बन रही हैं, रेलवे को भी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जा रहा है। 2014 से पहले देश में कुल मेट्रो नेटवर्क 250 किमी से भी कम था।केंद्र सरकार ने इसको बदलने का प्रयास किया और पिछले 8 सालों में मेट्रो का 2 दर्जन शहरों में विस्तार किया। आज देश के अलग-अलग शहरों में लगभग 800 किमी ट्रेक पर मेट्रो चल रही है और 1000 किमी नए मेट्रो रूट पर काम चल रहा है।'
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किशोर जोशी author
राजनीति में विशेष दिलचस्पी रखने वाले किशोर जोशी को और खेल के साथ-साथ संगीत से भी विशेष लगाव है। यह ट...और देखें
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