इस साल देश में कैसा रहेगा मानसून, Skymet ने जताया पूर्वानुमान, जानिए क्या-क्या कहा?

भारत में मानसून आधिकारिक तौर पर जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। जून से सितंबर की अवधि के लिए एलपीए 868.6 मिमी है। एलपीए के 96-104% के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है।

Monsoon in India

देश में कैसा रहेगा मानसून?

Skymet Monsoon Prediction: इस साल देश में मानसून सामान्य रहने की उम्मीद है। मानसून के 5% की त्रुटि मार्जिन के साथ लंबी अवधि के औसत (LPA) के लगभग 102% पर सामान्य होने की संभावना है। निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्काईमेट ने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में अल नीनो की स्थिति से ला नीना की ओर एक तेज बदलाव होगा, जिसका मतलब संभवतः गर्मियों में बारिश की धीमी शुरुआत होगी, और बाद में भारी बारिश का दौर शुरू होगा। इसमें यह भी कहा गया है कि इस मौसम में बारिश का वितरण असमान होने की संभावना है।

अल नीनो से ला नीना में बदलावभारत में मानसून आधिकारिक तौर पर जून में शुरू होता है और सितंबर तक रहता है। जून से सितंबर की अवधि के लिए एलपीए 868.6 मिमी है। एलपीए के 96-104% के बीच बारिश को सामान्य माना जाता है। स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने एक बयान में कहा, अल नीनो तेजी से ला नीना में तब्दील हो रहा है। ला नीना वर्षों के दौरान मानसून परिसंचरण मजबूत हो जाता है। सुपर अल नीनो से मजबूत ला नीना में बदलाव से एक अच्छा मानसून रहता है। हालांकि, अल नीनो के बाकी प्रभावों के कारण मानसून का मौसम नुकसान के जोखिम के साथ शुरू हो सकता है।

पिछले साल सटीक रहा था पूर्वानुमान

अल नीनो की विशेषता पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में पानी का असामान्य रूप से गर्म होना है और इसका संबंध भारत में गर्म ग्रीष्मकाल, सूखे और कमजोर मानसूनी बारिश से है। ला नीना का विपरीत असर पड़ता है। पिछले साल स्काईमेट ने एलपीए के 94% पर मानसून के सामान्य से नीचे श्रेणी में रहने की भविष्यवाणी की थी, जो सटीक साबित हुई थी। स्काईमेट वेदर ने कहा कि इस सीजन में सकारात्मक हिंद महासागर डिपोल (आईओडी) का शुरुआती पूर्वानुमान बेहतर मानसून संभावनाओं के लिए ला नीना के साथ काम करेगा।

कहां-कहां होगी अच्छी बारिश?

इसके बावजूद, अल नीनो से ला नीना में तेजी से बदलाव के कारण सीजन की शुरुआत में देरी होने की उम्मीद है। इसके अलावा, बारिश का वितरण असमान होने की संभावना है और पूरे मौसम के लिए समान नहीं है। स्काईमेट ने कहा कि उसे दक्षिण, पश्चिम और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में अच्छी बारिश की उम्मीद है, साथ ही महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मुख्य मानसून वर्षा आधारित क्षेत्र में पर्याप्त वर्षा होगी। हालांकि, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में जुलाई और अगस्त के दौरान कम बारिश की आशंका है। पूर्वोत्तर भारत में जून और जुलाई में सामान्य से कम बारिश दर्ज होने की संभावना है।

पिछले साल थे ऐसे आंकड़े

पिछले कुछ वर्षों में समग्र मानसून बारिश के आंकड़ों ने काफी असमानताएं दिखाई हैं। पिछले साल बारिश के आगमन में देरी के कारण जून में बारिश औसत से 9% कम थी, लेकिन जुलाई में बारिश फिर से औसत से 13% अधिक हो गई। 36% की कमी के साथ अगस्त सबसे शुष्क था, लेकिन सितंबर में फिर से जमकर बारिश हुई और देश में सामान्य से 13% अधिक बारिश हुई। भारत की राष्ट्रीय मौसम एजेंसी आईएमडी ने अक्टूबर में सीजन खत्म होने के बाद यही जानकारी दी थी। भारतीय मौसम विभाग का आधिकारिक मानसून पूर्वानुमान 15 अप्रैल के आसपास आने की उम्मीद है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited