अगले दो दिनों में मानसून पकड़ेगा जोर, इन राज्यों में बरसेंगे बादल, जानिए IMD और Skymet का मौसम अपडेट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर, गुजरात, मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिणी पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है।
मानसून पर अपडेट
Monsoon Update: मौसम रोज नई करवट ले रहा है। कभी तेज तो कभी धीमी चाल के साथ मानसून खूब आंखमिचौली खेल रहा है। कई दिनों तक इंतजार करवाने के बाद मानसून अब दोबारा जोर पकड़ रहा है। निजी मौसम पूर्वानुमानकर्ता स्काईमेट (Skymet) के अनुसार, दक्षिण-पश्चिम मानसून, जो अपनी सामान्य तिथि से दो दिन पहले 9 जून को मुंबई पहुंचने के बाद रुक गया था, अगले कुछ दिनों में फिर से गति पकड़ लेगा। स्काईमेट ने कहा कि कई प्रमुख क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम की स्थितियां लगातार अनुकूल होती जा रही हैं। बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों के भीतर मानसून के आगमन की उम्मीद की जा सकती है।
मानसून पर फसलें और पैदावार निर्भर
मानसून का आगमन खरीफ फसल के मौसम के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि बुआई दक्षिण-पश्चिम मानसून की पहली बारिश पर निर्भर करती है। मानसून की धीमी चाल के कारण कृषि मंत्रालय ने अभी तक विभिन्न फसलों के तहत बोए गए क्षेत्र पर डेटा जारी नहीं किया है। हालांकि, मानसून केरल में तय समय से एक दिन पहले 31 मई को और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से पांच दिन पहले पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून भारत में अपने खेतों और जलाशयों को फिर से भरने के लिए जरूरी लगभग 70% बारिश लाता है।
24 जून तक पूरे देश में बारिश की कमी 18% थी। पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में 16% की कमी रही, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में 56% की भारी कमी के साथ हालात अधिक चिंताजनक बने हुए हैं। मध्य भारत में बारिश में 22% की कमी रही, जबकि दक्षिणी प्रायद्वीप में आंकड़ा 10% रहा। स्काईमेट ने कहा कि आने वाले दिन हालांकि अहम सुधार की उम्मीद लेकर आ रहे हैं।
आईएमडी ने क्या कहा?
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून उत्तरी अरब सागर, गुजरात, मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और दक्षिणी पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगे बढ़ गया है। आईएमडी के हालिया आंकड़ों से पता चलता है कि जून में धीमी गति से मानसूनी बारिश होगी, जिसके बाद सितंबर में लंबे समय तक भारी बारिश होगी। यह बदलाव मानसून के महीनों के दौरान बढ़ते तापमान और पूर्वी भारत में शुष्क दिनों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ आया है।
हीटवेव में आई कमी
हीटवेव पर आईएमडी ने कहा कि अगले दो दिनों में उत्तर पश्चिम और मध्य भारत में अधिकतम तापमान में कोई अहम बदलाव नहीं देखा गया है, और तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। अन्य क्षेत्रों में अधिकतम तापमान में काफी हद तक बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। सोमवार को, पंजाब, पश्चिम राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, पश्चिम उत्तर प्रदेश और बिहार में अधिकतम तापमान 40-43 डिग्री सेल्सियस और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 38-40 डिग्री सेल्सियस के बीच था। सोमवार को राजस्थान के जैसलमेर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
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