इस बार मानसून में कुछ देरी, 4 जून तक केरल में देगा दस्तक, मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में होगा थोड़ा विलंब होगा।
इस बार मानसून में कुछ देरी
Monsoon Update: मौसम में लगातार उतार चढ़ाव के बीच मानसून को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान आ गया है। भारतीय मौसम विभाग ने पूर्वानुमान जताया है कि केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में होगा थोड़ा विलंब होगा। इसके चार जून को दस्तक देने की संभावना है।
चार जून तक आने की संभावना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने मंगलवार को कहा कि केरल के ऊपर दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी हो सकती है और इसके चार जून तक आने की संभावना है। दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य रूप से लगभग 7 दिनों के मानक विचलन के साथ 1 जून को केरल में प्रवेश करता है। मौसम कार्यालय ने एक बयान में कहा कि इस साल केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत में थोड़ी देरी होने की संभावना है। केरल में मानसून की शुरुआत 4 जून को 4 दिनों की मॉडल त्रुटि के साथ होने की संभावना है।
दक्षिणी राज्य में मानसून पिछले साल 29 मई, 2021 में 3 जून और 2020 में 1 जून को पहुंचा था। दक्षिण-पश्चिम मानसून का आगे बढ़ना केरल के ऊपर शुरुआत से चिह्नित है और गर्म और शुष्क मौसम से बरसात के मौसम में बदलने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है। आईएमडी ने पिछले महीने कहा था कि अल नीनो की स्थिति के बावजूद भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम में सामान्य बारिश होने की उम्मीद है।
वर्षा आधारित कृषि भारत के कृषि परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण घटक है। कृषि क्षेत्र का 52 प्रतिशत इसी सिंचाई पद्धति पर निर्भर है। यह देश के कुल खाद्य उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत है, जो भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
केरल के बाद बाकी हिस्सों में सक्रिय होता है मानसून
मानसून के समय से सक्रिय होने का भारत के लिए खास महत्व है। इसमें देरी होने की स्थिति में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खास तौर पर इससे किसान प्रभावित होते हैं और उनकी बुवाई और खेती पर असर पड़ता है। मानसून केरल से शुरू होकर देश के बाकी हिस्सों में सक्रिय होता है। ऐसे में अगर केरल में मानसून के आगमन में देरी हो जाए तो देश के बाकी हिस्सों की स्थिति समझी जा सकती है।
इस बार अल-नीनो का प्रभाव बता दें कि इस बार तमाम एजेंसियों ने भीषण गर्मी पड़ने का अनुमान जताया है। विशेषज्ञों ने अल-नीनो प्रभाव की भी भविष्यवाणी की है जिसमें प्रचंड गर्मी पड़ने के साथ आंधी-तूफान और बाढ़ का खतरा होता है। पिछली बार 2016 में रिकॉर्ड गर्मी पड़ी थी। इस बार उस रिकॉर्ड के भी टूटने का अनुमान जताया जा रहा है। अभी तापमान 40 डिग्री से ऊपर चल रहा है और दिनोंदिन इसके और अधिक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।
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