Morbi Bridge Collapse केस में Oreva Group के MD का सरेंडर, 1200 पन्नों की चार्जशीट में आरोपी के तौर पर है जिक्र

Morbi Bridge Collapse Case: अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के झूलता पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो मरम्मत के कुछ दिनों बाद पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था।

Morbi Bridge Collapse Case: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे (पिछले साल) के मामले में मंगलवार (31 जनवरी, 2023) को ओरेवा समूह के प्रबंध निदेशक (एमडी) जयसुख पटेल ने कोर्ट (मोरबी में) में सरेंडर कर दिया। उन्होंने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। पुलिस की ओर से 27 जनवरी को दाखिल आरोप पत्र में पटेल को एक आरोपी के रूप में नामजद किया गया था।

मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील दिलीप अगेचानिया ने इस बारे में मीडिया से कहा, ‘‘पटेल ने सीजेएम एमजे खान की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया, जिसने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।’’ सीजेएम कोर्ट में पुलिस उपाधीक्षक पीएस जाला की ओर से दाखिल 1,200 से अधिक पन्नों के आरोप पत्र में, पटेल का जिक्र 10वें आरोपी के रूप में किया गया था। उन्होंने गिरफ्तारी की आशंका के मद्देनजर अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी।

दरअसल, अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) मोरबी में मच्छू नदी पर ब्रिटिश काल के झूलता पुल के संचालन और रखरखाव के लिए जिम्मेदार था, जो मरम्मत के कुछ दिनों बाद पिछले साल 30 अक्टूबर को टूट गया था।

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अभिषेक गुप्ता author

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