Morbi Bridge Collapse: क्या होता है Cable Bridge और देश में कहां-कहां पब्लिक करती है इस्तेमाल?

Morbi Bridge Collapse, What is a Cable Bridge: ऐसे पुलों में सस्पेंशन केबल और एंकर केबल (जो दोनों तरफ होते हैं) होते हैं। पुल पर जहां वाहन चलते हैं, उसे डेकिंग कहते हैं, जबकि सस्पेंशन केबल और डेकिंग को जो चीज पकड़ कर रखती है, वह सस्पेंडर कहलाती है।

cable bridge

गुजरात में मोरबी में रविवार शाम जो पुल टूटा था, वह केबल सस्पेंशन ब्रिज ही थी। हादसे में 132 लोगों की जान चली गई। (प्रतीकात्मक क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो

Morbi Bridge Collapse, What is a Cable Bridge: गुजरात के मोरबी शहर में माच्छू नदी पर बना जो मौत का पुल 132 से अधिक जानें लील गया, वह केबल पुल (Cable Bridge) था। इस तरह के पुल सस्पेंशन ब्रिज (Suspension Bridge) के नाम से भी जाने जाते हैं। इन पुलों में इसकी केबल सबसे खास होती है।

ऐसा इसलिए, क्योंकि सामान्य पुल कंक्रीट के खंभों पर टिकाए जाते हैं। पर सस्पेंशन ब्रिजों में 70 से 75 फीसदी केबल का काम होता है। इनमें हजारों छोटे-छोटे तार लगे होते हैं, जिन्हें जोड़कर बड़ी केबल बनाई जाती है। लॉन्ग स्पैन के लिए इस तरह पुलों का इस्तेमाल किया जाता है। ये खास कर नदी, समुद्र, झील, घाटी के ऊपर और पहाड़ों की घाटियों के बीच बनाए जाते हैं, ताकि ये आसानी से हवा की तेज मार को झेल सकें। ये देखने में भी काफी सुंदर नजर आते हैं।

यह छोटे-मोटे मूवमेंट को आसानी से सहन कर सकता है। मान लीजिए कि तेज हवा चलती है या फिर वहां पर किसी कारणवश पुल हिलता है तब सस्पेंशन ब्रिज हिलेगा, जबकि सामान्य पुल को इस स्थिति में नुकसान पहुंच सकता है। उसमें दरार तक पड़ सकती हैं। वह टूट भी सकता है। आम ब्रिज के मुकाबले इस तरह के पुल बनाने में समय भी कम लगता है।

ऐसे पुलों में सस्पेंशन केबल और एंकर केबल (जो दोनों तरफ होते हैं) होते हैं। पुल पर जहां वाहन चलते हैं, उसे डेकिंग कहते हैं, जबकि सस्पेंशन केबल और डेकिंग को जो चीज पकड़ कर रखती है, वह सस्पेंडर कहलाती है।

ये दोनों तरफ से तनाव में होते हैं, क्योंकि सस्पेंशन केबल इसे ऊपर से खींचता है और डेकिंग इसे नीचे की ओर खींचता है। इन पुलों पर बीच में टेंशन (खिंचाव) कम होता है, जबकि किनारे अधिक रहता है। दोनों टावर्स के बीच में जो दूरी होती है वह स्पैन लेंथ के तौर पर जानी जाती है।

वैसे, भारत में और जगह भी इस तरह के केबल सस्पेंशन ब्रिज हैं, जिनका पब्लिक बेझिझक इस्तेमाल करती है। लक्ष्मण झूला (उत्तराखंड), विद्यासागर सेतु (प.बंगाल) और डोपरा-चंती पुल (उत्तराखंड), कोटो हैंगिंग ब्रिज, लोहित रिवर (अरुणाचल प्रदेश) और दार्जलिंग के ब्रिज के साथ कई अन्य जगहों पर इस तरह के पुल इस्तेमाल किए जाते हैं।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article
Subscribe to our daily Newsletter!

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited