Morbi Bridge Collapse के बाद कब्रिस्तानों में लाशें दफनाने के लिए वेटिंग! बोले केजरीवाल- CM दें इस्तीफा, थमें चुनाव
Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में हुए पुल हादसे पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने गहरा शोक जाहिर किया। उन्होंने पीड़ितों और घायलों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। सौराष्ट्र क्षेत्र के मोरबी शहर में बने एक सदी से भी अधिक पुराने पुल को व्यापक मरम्मत और नवीनीकरण के बाद पांच दिन पहले ही आम लोगों के लिए फिर से खोला गया था। रविवार शाम को इस पर भीड़ अधिक होने के कारण पुल टूट गया और हादसे में अब तक 134 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि जिस शाम हादसा हुआ था, उसी रात से लेकर अगले दिन की शाम करीब सात बजे तक 150 लोग कब्र खोदने के काम में जुटे रहे। जानकारी के मुताबिक, शहर के एक ही कब्रगाह में 26 लोग दफनाए गए। लाशों के लिए जगह की कमी पड़ने से साफ समझा जा सकता है कि दफन करने वालों की अधिक संख्या वहां जुट गई थी। यह कुछ हद तक कोरोना वायरस संकट की दूसरी लहर के दौरान आए हाल जैसी स्थिति थी, तब भी अत्यधिक लाशों के चलते जगह की कमी पड़ गई थी।
यह पुल हादसा गुजरात में व्यापक भ्रष्टाचार का नतीजा- केजरीवाल
वहीं, दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर इस पुल हादसे को मुद्दा बनाने की कोशिश की। उन्होंने मंगलवार (एक नवंबर, 2022) को कहा कि सूबे के सीएम को अब चले जाना (तत्काल इस्तीफा देना) चाहिए, जबकि विधानसभा चुनाव रुक जाने चाहिए। उनके मुताबिक, "मोरबी पुल हादसा भ्रष्टाचार का नतीजा है।"
केजरीवाल ने मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए वह बोले, ‘‘मोरबी पुल हादसा व्यापक भ्रष्टाचार का नतीजा है। पीड़ितों के साथ मेरी दुआएं हैं। एक घड़ी बनाने वाली ऐसी कंपनी को पुल निर्माण का ठेका क्यों दिया गया, जिसे इसका कोई अनुभव नहीं था?’’ इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख ने कहा कि गुजरात में भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) संघर्ष कर रही है क्योंकि आगामी चुनाव में ‘आप’ उसे चुनौती देने वाली है।
'पुल हादसे को साजिश कहें या महज हादसा', शिवसेना ने पूछा
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के धड़े ने कहा कि गुजरात सरकार मोरबी पुल हादसे में लोगों की मौत पर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। उसने साथ ही सवाल किया कि इस घटना को धोखाधड़ी, साजिश का कृत्य कहा जाना चाहिए या महज हादसा कहना सही होगा? ठाकरे ने अपने दल के मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में लिखा, ‘‘जब पश्चिम बंगाल में 2016 में ऐसा ही हादसा हुआ था तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार की आलोचना की थी।’’मराठी पत्र में मोरबी के झूलते पुल के पुनर्निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े किए गए।
हादसे से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि वह इस घटना की जांच के लिए न्यायिक आयोग गठित करने से जुड़ी जनहित याचिका पर 14 नवंबर को सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित और जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी की बेंच के सामने वकील विशाल त्रिवेदी ने कहा कि उनकी जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई हो। इस पर बेंच बोली, “आप क्या चाहते हैं।” वकील का जवाब आया, “मैं टॉप कोर्ट के पूर्व जज के नेतृत्व में एक आयोग से न्यायिक जांच कराने की अपील कर रहा हूं।” बेंच ने कहा कि जनहित याचिका को 14 नवंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा।
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