100 से अधिक IAS-IPS अधिकारियों ने सीखी इनर इंजीनियरिंग, सद्गुरू बोले- 'तय होगा संपूर्ण जीवन का कल्याण'
ईशा फाउंडेशन ने कोयंबटूर के ईशा योग केंद्र में इनर इंजीनियरिंग लीडरशिप प्रोग्राम के अंतर्गत अब तक 800 से अधिक सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। कार्यक्रम के प्राथमिक उद्देश्यों में तनावपूर्ण स्थितियों को संभालने की क्षमता को बढ़ाना, शासन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग में सुधार करना है।
इनर इंजीनियरिंग लीडरशिप रिट्रीट कार्यक्रम में सद्गुरू
Isha Foundation: भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने ईशा फाउंडेशन के सहयोग से IAS, IPS, IoFS और अन्य केंद्रीय सिविल सेवा के 100 से अधिक अधिकारियों के लिए 5 दिवसीय इन-सर्विस लीडरशिप कार्यक्रम का आयोजन किया। सद्गुरु द्वारा विशेष रूप से डिज़ाइन इनर इंजीनियरिंग लीडरशिप रिट्रीट कार्यक्रम 29 जनवरी से 2 फरवरी 2024 के बीच तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित ईशा योग केंद्र में आयोजित किया गया।
कार्यक्रम में सद्गुरु द्वारा निर्देशित ध्यान सत्र, योग मुद्राओं का एक समग्र सेट, सद्गुरु के साथ आकर्षक बातचीत के साथ अधिकारियों को 21 मिनट के शक्तिशाली योग अभ्यास शांभवी महामुद्रा क्रिया में भी दीक्षित किया गया, जो इंसान के अंदर स्वास्थ्य, आनंद और उत्साह की नींव बनाकर आनंद की अवस्था बनाने में मदद करता है।
सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक परिवर्तन लाएगी इनर इंजीनियरिंग
सोशल मीडिया एक्स पर इसके बारे में साझा करते हुए सद्गुरु ने कहा, आंतरिक खुशहाली और उच्च संभावनाओं के लिए इतने सारे प्रशासनिक सेवा अधिकारियों को इनर इंजीनियरिंग में निवेश करते देखना अद्भुत है। सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाने में आपकी आंतरिक खुशहाली, आस-पास के संपूर्ण जीवन के कल्याण को तय और प्रभावित करेगी। इसे साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए आपको बधाई। शुभकामनाएं और आशीर्वाद।
महसूस हुई आत्म-जागरूकता की भावना
कार्यक्रम के अपने अनुभव को साझा करते हुए, सोनल गोयल, IAS, स्थानिक आयुक्त, त्रिपुरा भवन, नई दिल्ली ने कहा, यह वास्तव में जबरदस्त, शानदार और अद्भुत अनुभव था। सच कहूं तो मैं बिना किसी अपेक्षा के और सिर्फ अपने जीवन में कुछ नया और सकारात्मक अनुभव करने आई हूं। कार्यक्रम करने के बाद, मैंने वास्तव में ऊर्जावान महसूस किया और स्वयं के साथ जुड़कर मुझे आत्म-जागरूकता की भावना महसूस हुई। उन्होंने आगे कहा, मैं बहुत खुश हूं कि मुझे सद्गुरु से व्यक्तिगत रूप से मिलने का अवसर मिला। कार्यक्रम को बहुत अच्छे से डिज़ाइन किया गया है। लोगों के जीवन में सुधार लाने के उनके जुनून और जिस तरह से वह देश के लिए सकारात्मक योगदान दे रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। इसके लिए प्रिय सद्गुरु जी के लिए मैं कृतज्ञता व्यक्त करती हूं।
कार्यक्रम की मुख्य बातों पर प्रकाश डालते हुए, सरवनन मुरुगन, IAS, प्रमंडलीय आयुक्त, सारण प्रमंडल, छपरा, बिहार ने कहा, मैं जो अंदर सोचता हूं, वही बाहर प्रकट होता है। अगर मेरी सोच स्पष्ट है, तो मेरे कार्य बेहतर होंगे। इसका मेरी सेवा से जुड़े निर्णय लेने में सीधा योगदान होगा। इनर इंजीनियरिंग प्रोग्राम ने मेरे जीवन और करियर को बदलने के लिए आवश्यक दक्षता विकसित करने वाला दृष्टिकोण, विचार और प्रक्रियाएं दी हैं। कार्यक्रम से मिली सीख के बारे में बताते हुए नेहा यादव, IPS, प्रिंसिपल पुलिस ट्रेनिंग सेंटर, अरुणाचल प्रदेश ने इनर इंजीनियरिंग कार्यक्रम को अपने काम के लिए प्रासंगिक बताया। उन्होंने अपना अनुभव बताते हुए कहा, हम सभी अक्सर ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं, जिनमें दूसरों के साथ संवाद और बातचीत शामिल होती है। आमतौर पर, हम दूसरे व्यक्ति को खुद को ना समझने वाले एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में देखते हैं। कार्यक्रम पूरा करने के बाद, अब मैं उस व्यक्ति को भी अपना ही एक हिस्सा मानूंगी, जिसे मुझे कोई परिस्थिति समझानी है। दूसरे व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण है; दोनों दृष्टिकोणों को मिलने दें और समाधान निकालें। पहले, मैं हमेशा दूसरे व्यक्ति के साथ एक प्रतिद्वंद्वी के रूप में व्यवहार करती थी, कभी भी अपने हिस्से के रूप में नहीं। मेरा मानना है कि यह परिप्रेक्ष्य आगे आने वाली चुनौतियों में सकारात्मक बदलाव लाएगा।
800 से अधिक सिविल सेवक हो चुके हैं प्रशिक्षित
इस कार्यक्रम को केंद्र और राज्य सरकारों में वरिष्ठ नेतृत्व पदों पर बैठे सरकारी अधिकारियों के लिए डिज़ाइन किया गया है। कार्यक्रम के प्राथमिक उद्देश्यों में तनावपूर्ण स्थितियों को संभालने की क्षमता को बढ़ाना, शासन के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अंतर-विभागीय सहयोग में सुधार करना, पारस्परिक संबंधों को बढ़ाना और आंतरिक शांति व संतुष्टि की गहरी भावना के साथ-साथ व्यक्तिगत और व्यावसायिक स्पष्टता को बढ़ावा देना शामिल है। जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर यह समग्र कार्यक्रम कई दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ भी देता है, जिसमें पुरानी शारीरिक और मानसिक बीमारियों से राहत पाना शामिल है। दुनिया भर में योग और ध्यान से जुड़े पाठ्यक्रम प्रदान करने में अग्रणी ईशा फाउंडेशन ने भारत सरकार के डीओपीटी के लिए अब तक 800 से अधिक सिविल सेवकों को प्रशिक्षित किया है। यह कार्यक्रम कोयंबटूर के सुरम्य ईशा योग केंद्र में आयोजित किया जाता है, जो आत्म-परिवर्तन और रूपांतरण के लिए एक उपयुक्त स्थान है। यहां दुनिया भर से लोग अपने आंतरिक विकास के लिए समय व्यतीत करने आते हैं।
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