देश की 5.7 करोड़ से अधिक आबादी फंगल डिजीज के चपेट में, शरीर के इन अंगों पर अधिक खतरा

Fungal disease in india:आम तौर पर हम स्किन से जुड़ी परेशानियों को नजरंदाज करते हैं। लेकिन एक शोध के मुताबिक देश की करीब 4.4 फीसद आबादी फंगल डिजीज का सामना कर रही है।

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5.7 करोड़ से अधिक आबादी फंगल डिजीज की शिकार

Fungal disease in india: देश की आबादी 130 करोड़ के पार है और एक रिसर्च के मुताबिक 5.70 करोड़ से अधिक लोग फंगल डिजीज(Fungal disease in india) का सामना कर रहे हैं। इनमें से 10 फीसद लोग जानलेवा मोल्ड इंफेक्शन से पीड़ित हैं। फंगल डिजीज के मामले में 400 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। भारत में फंगल डिजीज के मामले आम हैं लेकिन इसका प्रसार किस हद तक है इसके बारे में पुख्ता जानकारी नहीं है। इस शोध में दिल्ली एम्स(Delhi aiims research), बंगाल के कल्याणी में स्थित एम्स, पीजीएमआईआर चंडीगढ़ के साथ साथ मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता शामिल थे। भारत की करीब 4.4 फीसद आबादी अलग अलग फंगल डिजीज की शिकार है।

रिपोर्ट में सामने आई जानकारी

ओपन फोरम इंफेक्शन डिजीज में इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। शोध पत्र में पाया गया है कि वैजाइनल थ्रश या यीस्ट इंफेक्शन से करीब 2.4 करोड़ महिलाएं प्रभावित हैं। इसके साथ ही हेयर फंगर इंफेक्शन जिसे टीनिया कैपिटिस कहा जाता है उससे स्कूल जाने वाले परेशान हैं। इसमें बाल झड़ते हैं और माथे पर दाने निकल आते हैं। इसके अलावा मोल्ड इंफेक्शन से होने वाली मौत की संख्या ज्यादा है। इससे करीब 2.5 लाख लोग प्रभावित हैं। इसके अलावा 17 लाख लोग श्वसन तंत्र की समस्या से जूझ रहे हैं। 35 लाख लोग फेफड़े के मोल्ड डिजीज का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा करीब 10 लाख लोग अंधेपन को झेल रहे हैं जिसे ब्लैक मोल्ड नाम दिया गया है।एम्स दिल्ली के शोधकर्ता अनिमेश रे का कहना है कि भारत में टीबी के हर वर्ष 30 लाख मामले सामने आते हैं। लेकिन फंगल डिजीज का दायरा बड़ा है, हालांकि इसे कभी गंभीरता से नहीं लिया गया।

इन अंगो को नुकसान

  • योनि में छाले जिसे यीस्ट इंफेक्शन कहते हैं।
  • बालों में इंफेक्शन जिसमें बाल झड़ते हैं
  • साइनस और लंग्स में मोल्ड इंफेक्शन
  • क्रानिक एस्परगिलोसिस जिसे श्वसन तंत्र प्रभावित होता है।
  • आंखों में म्यूकरमायकोसिस कोरोना की दूसरी लहर के बाद केस में हुआ था इजाफा

ग्रामीण इलाकों के लोग बेपरवाह

यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर के प्रोफेसर डेविड का कहना है कि अच्छी बात यह है कि भारत में विगत कुछ वर्षों में इन रोगों की पहचान करने में महारत हासिल हुई है। लेकिन फंगल डिजीज एक बड़ी आबादी पर खतरा है। इसका मुकाबला करने के लिए हेल्थकेयर सिस्टम में और सुधार करने की आवश्यकता है। ग्रामीण इलाकों में स्किन डिजीज को लेकर बेपरवाह रहते हैं इसके साथ यह भी देखा गया है कि जिन लोगों का सामाजिक आर्थिक स्तर कमजोर है वो स्किन डिजीज को लेकर तब तक बेपरवाह रहते हैं जबतक कोई बड़ी बीमारी ना उन्हें घेर लेती हो।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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