मेरी बेटी को पाल लो, अहसान होगा- जब हुई 7वीं बच्ची तो भरतपुर के अस्पताल में छोड़ गई मां, पत्र में बयां किया दर्द

यह घटना भरतपुर के जनाना अस्पताल की है। गुरुवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में एक नवजात अकेली पड़ी मिली। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि बच्ची एक बेंच पर पड़ी है। एक दूध की बोतल, कुछ कपड़े और एक चिट्ठी भी वहां रखी थी। ​​​ ​

भरतपुर के अस्पताल में नवजात बच्ची को छोड़ गई मां (प्रतीकात्मक फोटो- pixabay)

मुख्य बातें
  • सातवें बेटी को अस्पताल में छोड़कर भागी मां
  • बेटियों को लेकर सास देती थी ताने
  • सिर्फ 3 दिन की है सातवीं बेटी

हाल ही में यूपीएससी (UPSC) का रिजल्ट आया है, बेटियों ने दुनिया की कठिन परिक्षाओं में से एक माने जाने वाली इस परीक्षा में टॉप के कई स्थानों पर काबिज हो ये जता दिया कि बेटियां, बेटों से कम नहीं हैं। लेकिन बेटियों की ये सफलता अभी भी लगता है कुछ इलाकों में अपनी धमक बनाने में नाकाम रही है, समाज की चेतना जगाने में नकाम रही है, वरना राजस्थान (Rajasthan) के भरतपुर (Bharatpur) में जो हुआ है वो नहीं होता। एक मां बेटे की चाहत में छह बच्चियों को पहले ही जन्म दे चुकी है और जब सातवीं बच्ची भी हुई तो उसने एक चिट्ठी के साथ अपनी नवजात बच्ची को अस्पताल में ही छोड़कर भाग गई। चिट्ठी में मां ने अपनी मजबूरी भी बताई है। अपना दर्द भी बयां किया है।

भरतपुर का है मामला

यह घटना भरतपुर के जनाना अस्पताल की है। गुरुवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में एक नवजात अकेली पड़ी मिली। बच्ची की रोने की आवाज सुनकर जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि बच्ची एक बेंच पर पड़ी है। एक दूध की बोतल है, कुछ कपड़े हैं और एक चिट्ठी भी वहां रखी है।

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