MP में महिलाओं पर 'सर्वाधिक अत्याचार', पर मंत्री का सिर्फ एक्ट्रेस के कपड़ों पर ध्यान- कन्हैया का निशाना
Madhya Pradesh Politics: कुमार ने इस दौरान दक्षिणपंथी संगठनों पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की मूल पहचान बदलने के लिए ‘‘आदिवासी’’ को ‘‘वनवासी’’ बताने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कटाक्ष किया,‘‘अगर वन में रहने वाले वनवासी हैं, तो क्या फ्लैट में रहने वाले लोगों को फ्लैटवासी कहना शुरू कर दिया जाए।’’
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)
Madhya Pradesh Politics: कांग्रेस की छात्र इकाई नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर जुबानी हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि म.प्र में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, मगर सीएम शिवराज सिंह चौहान के मंत्री मिश्रा की निगाहें सिर्फ अभिनेत्री के कपड़ों पर रहती है।
सूबे के इंदौर शहर में आयोजित जनजातीय समुदाय के विद्यार्थियों और बेरोजगार युवाओं की ‘‘आदिवासी युवा महापंचायत’’ में वह रविवार (30 जुलाई, 2023) को बोले कि राज्य में महिलाओं पर कथित रूप से सबसे ज्यादा अत्याचार होते हैं, लेकिन गृह मंत्री की दिलचस्पी यह देखने में रहती है कि अभिनेत्री दीपिका पादुकोण फिल्मों में कैसे कपड़े पहनती हैं।
बकौल पूर्व जेएनयू छात्र,‘‘मिश्रा को फिल्मों में बड़ी रुचि है। वह अक्सर देखते रहते हैं कि दीपिका पादुकोण (फिल्मों में) कैसे कपड़े पहनती हैं। मध्यप्रदेश में महिलाओं और आदिवासियों के खिलाफ सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। लिहाजा बेहतर होगा कि गृह मंत्री पहले अपना राज्य चला लें।’’ उन्होंने आगे कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले पेश ‘‘लाडली बहना योजना’’ के बहाने महिलाओं को ठगा जा रहा है।
उनके अनुसार, वे (भाजपा नेता) कह रहे हैं कि इस योजना की रकम को बढ़ाकर 2,000 रुपए किया जाएगा। वे 2,000 रुपए अपने पास रखें और बताएं कि 350 रुपये का रसोई गैस सिलेंडर 1,400 रुपये में क्यों मिल रहा है?
दरअसल, मिश्रा ने शाहरुख खान और पादुकोण स्टारर फिल्म ‘‘पठान’’ के 25 जनवरी को परदे पर उतरने से पहले इस उसके शीर्षक के साथ ही उसके एक गाने "बेशरम रंग" में खान और पादुकोण के कपड़ों के रंगों पर गहरी आपत्ति जताई थी। गृह मंत्री ने चेतावनी भी दी थी कि अगर निर्माता-निर्देशक ने इस फिल्म में ‘‘सुधार’’ नहीं किए, तो राज्य सरकार विचार करेगी कि फिल्म को प्रदर्शन की अनुमति दी जाए या नहीं। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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