MP Police : महिला थाना प्रभारी की शर्मनाक करतूत, CM हेल्पलाइन में शिकायत करने पर फरियादी को जूतियों से पीटा
MP Police : मुरैना से करीब 22 किलोमीटर दूर सिहौनियां थाना क्षेत्र के ग्राम मातापुरा का ये मामला है। जहां पर धर्मेंद्र तोमर नामक युवक के साथ पूरी घटना घटित हुई। थाने में ले जाकर उसे महिला थाना प्रभारी रूबी तोमर ने बुरी तरह से पीटा।
एमपी पुलिस।
MP Police : प्राय: शासन-प्रशासन द्वारा ऐसा कहा जाता है कि, पुलिस जनता की मदद के लिए होती है। लेकिन क्या हो अगर वही पुलिस जनता की सहायता करने के बजाय उन्हें ही जूतों से पीटने लगे। जी हां, ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश से जहां पर चंबल पुलिस की शिकायत CM हेल्पलाइन पर करना युवक को महंगा पड़ गया। जैसे ही इस बात की भनक पुलिस को लगी तो थाने की महिला प्रभारी ने युवक को लॉकअप में बंद कर उसकी मां के सामने जूतियों बर्बरतापूर्वक पीटा। पिटाई के कारण उसके शरीर पर निशान बन गए। अब उस युवक की हालत ऐसी है कि उसे चलने के लिए लाठी का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं अपने बचाव के लिए पुलिस ने जबरन युवक से कबूल कराया कि, उसने झूठी शिकायत दर्ज कराई है।
ये है पूरा मामला
मुरैना से करीब 22 किलोमीटर दूर सिहौनियां थाना क्षेत्र के ग्राम मातापुरा का ये मामला है। जहां पर धर्मेंद्र तोमर नामक युवक के साथ पूरी घटना घटित हुई। धर्मेंद्र ने बताया कि उनका पड़ोसी प्रमोद तोमर पुलिस का खबरी है। विगत 22 मई को उनके (धर्मेंद्र तोमर) घर के पीछे बने हिस्से में प्रमोद पत्थर गाढ़ रहा था, तभी 10 वर्षीय बेटे ने प्रमोद के बेटे से कहा कि, हमारी जगह पत्थर क्यों गाढ़ रहे हो, अपनी जगह लगाओ। इसी बात पर दोनों बच्चों के बीच बहस हो गई। अगली सुबह पुलिस वाले घर आ गए जिनमें आरक्षक राहुल सिकरवार, शैलेंद्र सिकरवार अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। जबरन थाने ले गए और आरक्षक राहुल सिकरवार ने जेब में रखे पांच हजार रुपये भी लूट लिए।
लूट बात भी शिकायत में लिखी
धर्मेंद्र ने बताया कि, थाने जाने के बाद उसने कई बार पुलिस वालों बताया कि पूरा विवाद बच्चों के बीच हुआ, लेकिन उन्होंने उसकी एक न सुनी। काफी अभद्रता करने के बाद पुलिस वालों ने घर भेजा। जहां वापस आकर मैंने CM हेल्पलाइन में सिहौनियां थाना पुलिस के खिलाफ अपने शिकायत दर्ज कर दी। उसमें मैंने लिखा कि, 'कोई FIR न होने के बावजूद पुलिस मुझे घर से उठा ले गई और आरक्षक ने पांच हजार रुपए लूट लिए।' वहीं इसकी जानकारी जैसे ही प्रमोद को लगी तो उसने शिकायत वापस लेने की धमकी दी जिस पर मैंने मना कर दिया।
महिला थाना प्रभारी की दबंगई
बकौल पीडि़त, 24 मई को राहुल सिकरवार और शैलेंद्र सिकरवार समेत 5 आरक्षक धर्मेंद्र के घर आए। उन्होंने शिकायत वापस लेने की बात कही जिस पर उसने इंकार दिया। तब पुलिसकर्मियों ने उसे जीप में बैठाया और थाने ले आए उस वक्त उसकी मां सरोज तोमर भी साथ थीं। इस दौरान उन्होंने बीच रास्ते में धर्मेंद्र को उसके पड़ोसी प्रमोद से पिटवाया। जैसे ही सभी थाने पहुंचे तो महिला थाना प्रभारी रूबी तोमर आईं और जूतियों से पीटने लगीं। उन्होंने धर्मेंद्र को इतना पीटा कि उसके कान में गंभीर चोटें आ गईं और पैर फ्रैक्चर की स्थिति में पहुंच गया। काफी मिन्नतों के बाद भी थाना प्रभारी नहीं रुकीं और धर्मेंद्र को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगीं। इस दौरान महिला थाना प्रभारी ने उसका वीडियो बनवाया और कहा कि- 'बोल सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत झूठी है और पुलिस वालों ने पैसे नहीं निकाले हैं।'
एसपी के सामने बयां किया दर्द
पीडि़त धर्मेंद्र ने बताया है कि, कागज पर साइन कराने के बाद महिला थाना प्रभारी रूबी तोमर ने शिकायत वापस लेने की शर्त पर उसे छोड़ा। 26 मई जब वह जिला अस्पताल इलाज कराने के बाद वह एसपी ऑफिस गया और एसपी शैलेंद्र सिंह के सामने पूरा दर्द बयां किया। उन्हें चोटें दिखाईं और न्याय दिलाने की बात कही। इस पर उन्होंने जांच का आश्वासन दिया है।
खेती कर आजीविका चलाता है धर्मेंद्र
धर्मेंद्र तोमर ने बताया है कि वह किसान है। उसके पास 10 बीघा जमीन है जिस पर खेती कर पर वह अपने परिवार की आजीविका चलाता है। घर में वह पिता रघुवीर, मां सरोज, पत्नी रचना, दो बेटे और एक बेटी के साथ रहता है। उसने बताया कि, उसका बड़ा भाई महेंद्र भी है जो ग्वालियर में उसकी पत्नी और बच्चों के साथ रहता है।
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