MSCB Bank Scam: अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को एमएससीबी घोटाले में मिली क्लीनचिट, उद्धव गुट ने BJP पर किया कटाक्ष

MSCB Bank Scam: मुंबई पुलिस की EOW ने MSCB बैंक घोटाले मामले में अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को क्लीनचिट दे दी है। इसपर अब उद्धव गुट की प्रतिक्रिया सामने आई है। शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा कि पीएम मोदी ने एक बार उन्हें भ्रष्ट परिवार कहा था, लेकिन आज उन्हें क्लीन चिट मिल गई।

MSCB Bank Scam Sunetra Pawar

सुनेत्रा पवार को MSCB Bank Scam में मिली क्लीन चिट

MSCB Bank Scam: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी और बारामती से लोकसभा चुनाव लड़ रही सुनेत्रा पवार को 25 हजार करोड़ के एमएससीबी बैंक घोटाले मामले में क्लीनचिट दी है। ईओडब्ल्यू ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में बताया कि इस मामले में उन्हें क्रिमिनल एक्ट नहीं दिखाई दिया। इस मामले में अजित पवार उनकी पत्नी सुनेत्रा पवार और अन्य लोगों को EOW ने क्लीन चिट दी है। ईओडब्ल्यू की क्लोजर रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब विपक्षी गठबंधन-इंडिया के नेताओं ने भाजपा पर अपने वॉशिंग मशीन आरोप को फिर से दोहराया है, यह दावा करते हुए कि असंतुष्ट नेताओं के पार्टी छोड़ने और सत्ताधारी पार्टी में शामिल होने के बाद जांच एजेंसियां उन पर धीमी गति से काम करती हैं।

ईओडब्ल्यू को मामले में नहीं मिली कोई आपराधिक गड़बड़ी

इस बीच, सुनेत्रा पवार को क्लीन चिट पर प्रतिक्रिया देते हुए , शिवसेना (यूबीटी) नेता आनंद दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को 25000 करोड़ रुपये के एमएससीबी बैंक घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू से क्लीन चिट मिल गई है। पीएम मोदी ने एक बार उन्हें भ्रष्ट परिवार कहा था, लेकिन आज उन्हें क्लीन चिट मिल गई। क्लोजर रिपोर्ट में कहा गया है कि ईओडब्ल्यू को मामले में कोई आपराधिक गड़बड़ी नहीं मिली, किसी न किसी गलत काम के आरोपी सभी विपक्षी नेताओं को क्लीन चिट मिल गई भाजपा में शामिल होने पर वे विपक्षी नेताओं पर आरोप लगाते हैं, ताकि उसके बाद उन्हें अपने पक्ष में कर सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि उन्हें क्लीन चिट मिल जाए।'

हालांकि, जो लोग भाजपा के साथ नहीं हैं और उनके खिलाफ खड़े होने की हिम्मत करते हैं, उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसियों द्वारा परेशान किया जा रहा है और छापे मारे जा रहे हैं। उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जाते हैं और उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया जाता है। यहां तक कि (विपक्ष शासित राज्यों के) मुख्यमंत्री भी हैं 'उन्हें बख्शा नहीं जा रहा है। और अगर असंतुष्ट नेता भाजपा के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो उन्हें मंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाया जाता है या लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया जाता है।' उन्होंने कहा कि 'अगर यह तानाशाही नहीं है , तो फिर क्या है?

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Shashank Shekhar Mishra author

शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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