बांग्लादेश हिंसा: मोहम्मद यूनुस ने पीएम मोदी से की फोन पर बात, हिंदुओं की सुरक्षा का दिया भरोसा
बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अपने देश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया।
पीएम मोदी - मो. यूनुस
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर अपने देश में हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया। इसकी जानकारी पीएम मोदी ने आज ट्वीट करके दी। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, बांग्लादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस से टेलीफोन कॉल आया। मौजूदा स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। लोकतांत्रिक, स्थिर, शांतिपूर्ण और प्रगतिशील बांग्लादेश के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। उन्होंने हिंदुओं और बांग्लादेश के सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, सुरक्षा का आश्वासन दिया।
मोहम्मद यूनुस ने संभाली अंतरिम सरकार की कमान
बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद आठ अगस्त को मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में शपथ ली थी। यूनुस के कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं देते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बृहस्पतिवार को उम्मीद जताई थी कि हिंसा प्रभावित बांग्लादेश में हालात जल्द ही सामान्य होंगे। उन्होंने कहा था कि 140 करोड़ भारतीय पड़ोसी देश में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
उन्होंने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में कहा कि भारत शांति के लिए प्रतिबद्ध है और वह बांग्लादेश की विकास यात्रा में उसका शुभचिंतक बना रहेगा। शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हिंसा बढ़ी है। हसीना नौकरियों में विवादित आरक्षण व्यवस्था को लेकर अपनी सरकार के खिलाफ हुए व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देश छोड़कर पांच अगस्त को भारत आ गई थीं।
‘बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस’ नामक एक गैर-राजनीतिक हिन्दू संगठन ने दावा किया है कि पांच अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से 48 जिलों में 278 स्थानों पर अल्पसंख्यक समुदाय को हमलों और धमकियों का सामना करना पड़ा है। संगठन ने इसे हिंदू धर्म पर हमला करार दिया है।
शेख हसीना के खिलाफ हत्या का एक और मामला दर्ज
वहीं, शेख हसीना के खिलाफ एक शिक्षक की मौत के संबंध में शुक्रवार को हत्या का एक और मुकदमा दर्ज किया गया। हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में यह नया मामला है। हसीना और आवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर के खिलाफ हत्या का यह मुकदमा बोगुरा में दर्ज किया गया। सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ विद्यार्थियों के व्यापक प्रदर्शन के बाद हसीना (76) को इस्तीफा देना पड़ा था और पांच अगस्त को वह भारत चली गईं।
शिवगंज उपजिला के पलिकंडा गांव के रहने वाले 35 वर्षीय सलीम हुसैन की हत्या के संबंध में बोगुरा सदर थाने में दर्ज मुकदमे में आवामी लीग के 99 अन्य स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को आरोपी बनाया गया है। हुसैन की चार अगस्त को हत्या कर दी गई थी। चार अगस्त को जिस दिन हसीना इस्तीफा देकर बड़े पैमाने पर विद्रोह के कारण देश छोड़कर चली गईं उस दिन हुसैन बोगुरा के सतमाथा इलाके में हो रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था। शिकायत के मुताबिक, आवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया और हुसैन की धारदार हथियारों से हमला कर हत्या कर दी।
हुसैन के भाई ने आरोप लगाया कि आवामी लीग के लोगों ने हसीना और कादर से आदेश मिलने के बाद उसके भाई की हत्या कर दी। हसीना के पांच अगस्त को देश छोड़कर चले जाने के बाद उनके खिलाफ दर्ज यह नया मुकदमा है। हसीना और उनके मंत्रिमंडल के पूर्व मंत्रियों सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ वर्ष 2015 में एक वकील के अपहरण के सिलसिले में 14 अगस्त को मुकदमा दर्ज किया गया था।
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अमित कुमार मंडल author
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