[Video] मुख्तार अंसारी ने पेशी पर हमले का बताया खतरा, योगी के खौफ में पूर्वांचल का 'घुंघरू सेठ'!
Mukhtar Ansari attack fear: बात पूर्वांचल के घुंघरू सेठ की...जिसपर इन दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ का खौफ इस कदर सता रहा है कि वो अपने गांव जाने से भी कतरा रहा है
पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी
पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी का खौफ़ का आज अंत हो गया. गाजीपुर की जिस धरती पर उसका आंतक कायम था वो अब आखरी सांसे गिन रहा है. गाजीपुर में आज मुख्तार को पेश होना था लेकिन विरोधी माफिया ब्रजेश सिंह के डर की वजह से मुख्तार ने आने से इनकार कर दिया. मुख्तार फिलहाल बांदा जेल में बंद है. योगी राज में माफिया मुख्तार की अरबों की संपत्ति पर बुलडोजर चल चुका है या फिर उसे सीज कर दिया गया है. योगी की सख्ती से मुख्तार का साम्राज्य करीब करीब ढह चुका है.
जिस माफिया के नाम से कभी पूर्वांचल कांपता था और गाजीपुर में उसकी आहट सुनते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता था वही डॉन अब भींगी बिल्ली बन चुका है . उसी मुख्तार अंसारी में अब इतनी हिम्मत नहीं बची कि वो अपने गृह जिले गाजीपुर में कदम रख सके. पूर्वांचल का डॉन इस कदर खौफ में है कि जब उसकी जिंदगी के सबसे बड़े मुकदमे में गवाही की तारीख आई तो उसने अदालत आने से इनकार कर दिया.
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गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में आज माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को सशरीर हाजिर होना था . 21 साल पुराने उसरी चट्टी कांड में उनकी गवाही बहुत अहम थी. लेकिन हत्या की आशंका जताकर डर के मारे मुख्तार ने गाजीपुर आने से इनकार कर दिया . मुख्तार ने बांदा जेल ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गवाही दी.
गाजीपुर की MP- MLA कोर्ट में आज मुख्तार को अपने पुराने दुश्मन ब्रजेश सिंह के खिलाफ गवाही देनी थी . उसे अदालत के सामने डॉन ब्रजेश सिंह की पहचान करनी थी कि 15 जुलाई 2001 को उसरी चट्टी कांड में मौका-ए-वारदात पर वो मौजूद था कि नहीं. अगर मुख्तार अंसारी अदालत आकर पहचान कर लेता तो ब्रजेश सिंह की मुश्किलें बढ़नी तय थीं. लेकिन डॉन ने उससे पहले ही सरेंडर कर दिया. मुख्तार बांदा जेल से बाहर कदम रखने की हिम्मत नहीं जुटा पाया .
हालांकि मुख्तार की डिमांड पर अदालत के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. लेकिन मौत का खेल खेलने वाला मुख्तार पहली बार मौत से इतना डर गया कि गवाही देने नहीं आया । मुख्तार के गाजीपुर नहीं आने से उसके गैंग ने भी सरेंडर कर दिया. मुख्तार के गवाह तौकीर ने कहा कि उसने मौका-ए-वारदात पर अनिल सिंह और ब्रजेश सिंह को नहीं देखा था. तौकीर की गवाही सिर्फ मुख्तार के लिए झटका नहीं है. ये इस बात का भी सबूत है अब पूर्वांचल में मुख्तार की डॉनगीरी का खेला खल्लास हो चुका है. इस मामले में अगली सुनवाई 10 जनवरी को होगी.
मुख्तार के खौफ का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसके परिवार ने गाजीपुर में पेशी से पहले
चीफ जस्टिस आफ इंडिया, चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट, यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी
पेशी पर लाने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स के कमांडो तैनात करने की मांग की .
बुलेटप्रूफ एंबुलेंस की मांग की
बूलेटप्रूफ एंबुलेंस नहीं होने पर दूसरा बुलेटप्रूफ वाहन मांगा
बुलेटप्रूफ जैकेट की मांग की गई
ग्रीन कॉरिडोर बनाकर लाने की मांग की गई .
गनतंत्र पर यकीन करने वाला मुख्तार और उसके परिवार की डिमांड लिस्ट देखकर लगता है माफिया का खानदान इसे ही लोकतंत्र समझता है . अगर यूपी में बाबा की बुलडोजर सरकार के बजाय मायावती या फिर समाजवादी सरकार होती तो मुख्तार की ये डिमांड पूरी हो सकती थी. लेकिन बाबा के राज में माफियाओं पर रहम नहीं होता बल्कि उनका बुलडोजर से इलाज होता है.
बीजेपी के सत्ता में आने के बाद ही माफियाओं के खिलाफ कड़क एक्शन शुरू हुआ.
साल 2017 से 2022 तक मुख्तार की दो अरब 80 करोड़ की संपत्तियों पर बाबा का बुलडोजर गरजा
एक अरब 82 करोड़ से भी अधिक की धनराशि गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त की गई।
मुख्तार के गढ़ मऊ में सबसे अधिक 16 करोड़ 80 लाख की चल और अचल संपत्ति जमीदोज़ की गई .
63 करोड़ 17 लाख की संपत्ति जब्त की गई
गाजीपुर में 11 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला और इतनी ही धनराशि जब्त की गई।
माफिया मुख्तार की कमर तोड़ने के लिए योगी बाबा ने उसके गुर्गों पर भी जमकर हंटर चलाया . उसके गुर्गों के
166 हथियार लाइसेंस निलंबित किए गए .
120 शस्त्र लाइसेंस निरस्त किए गए .
164 असलहे जब्त किए गए .
योगी बाबा की सख्ती ने यूपी में माफियाओं की कमर तोड़ दी . पिछले विधानसभा चुनाव में माफियागीरी पर योगी बाबा के तूफानी एक्शन का फायदा भी बीजेपी को खूब मिला. चुनावी रैलियों में बीजेपी ने माफिया मुक्त यूपी के मुद्दे को खूब भुनाया.
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