अंग्रेजी हुकूमत ने जलाईं 'सोज-ए-वतन' की प्रतियां तो 'उपन्यास सम्राट' ने बदला नाम; धनपत राय से कहलाए प्रेमचंद

Munshi Premchand Birth Anniversary: देश आज हिंदी साहित्य के महान लेखक और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती मना रहा है। मुंशी प्रेमचंद ने 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियों की रचना की। उर्दू और फारसी में शुरुआती शिक्षा के बाद अंग्रेजी से बीए किया और बाद में शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर तैनात हुए।

मुंशी प्रेमचंद (फाइल फोटो)

मुख्य बातें
  • अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में त्यागी थी नौकरी।
  • मुंंशी प्रेमचंद ने 15 उपन्यास की रचना की।
  • मुंशी प्रेमचंद को 'उपन्यास सम्राट' की दी गई थी उपाधि।
Munshi Premchand Birth Anniversary: देश और दुनिया में जब-जब हिंदी साहित्य की बात होगी तो जहन में सबसे पहला नाम मुंशी प्रेमचंद (Munshi Premchand) का आएगा। उन्होंने अपने उपन्यास से न सिर्फ समाज को जागरूक करने का काम किया, बल्कि अपने लेखन से हिंदी भाषा को भी नई दिशा दी।

मुंशी प्रेमचंद की रचनाएं

हिंदी साहित्य के महान लेखक और उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की आज 144वीं जयंती है। उनकी गिनती हिंदी और उर्दू के महानतम लेखकों में की जाती है। उन्होंने कुल 15 उपन्यास, 300 से अधिक कहानियों की रचना की।
मुंशी प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई, 1880 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के लमही गांव में हुआ था। उनके पिता अजायब राय एक डाकघर के क्लर्क थे। उनकी मां का नाम आनंदी देवी था। माता-पिता ने उनका नाम धनपत राय श्रीवास्तव रखा था।
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