कश्मीर में आतंकी सोच पर मोदी सरकार का कड़ा प्रहार! MLJK पर 5 साल के लिए लगा प्रतिबंध
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 दिसंबर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है।
जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) पर प्रतिबंध
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं के बीच मोदी सरकार ने आतंकी सोच पर कड़ा प्रहार किया है। जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रविरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल, साथ ही आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वाले मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) (MLJK-MA) को बुधवार को प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया गया।
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मोदी सरकार का सख्त रवैया
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 दिसंबर को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (यूएपीए) के तहत मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट) पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि संगठन और उसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि मोदी सरकार का संदेश बिल्कुल स्पष्ट है कि भारत की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
क्या बोले शाह
एक्स पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लिखा- "मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)'/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है। यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।"
कई साजिशों में शामिल रहा है मसरत
जानकारी के अनुसार 2010 में, मसरत आलम घाटी में आजादी समर्थक विरोध प्रदर्शन के मुख्य आयोजकों में से एक था। विरोध प्रदर्शन के बाद, उसे अन्य नेताओं के साथ पीएसए (जम्मू और कश्मीर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम) के तहत गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन बाद में 2015 में तत्कालीन महबूबा मुफ्ती सरकार ने रिहा कर दिया था।
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