आबादी का बड़ा हिस्सा, फिर भी मुसलमानों को न मिल रहा उचित हिस्सा- बोले NCP चीफ शरद पवार
वह बोले, ‘‘ मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के बीच यह भावना है कि देश की जनसंख्या में बड़ी भागीदारी होने के बावजूद उन्हें उनका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है, जो वाकई एक सच्चाई है और इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए कि कैसे उन्हें उनका उचित हिस्सा मिल पाए।’’
एनसीपी चीफ शरद पवार।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) चीफ शरद पवार ने कहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग महसूस कर रहे हैं कि इस देश की जनसंख्या में एक बड़ी भागीदारी होने के बावजूद उन्हें उनका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है। शनिवार (आठ अक्टूबर, 2022) को महाराष्ट्र के नागपुर में विदर्भ मुस्लिम इंटेलेक्चुअल्स फोरम की ओर से आयोजित ‘ भारतीय मुसलमानों के सामने मुद्दे’ विषयक कार्यक्रम में उन्होंने ऊर्दू की तरफदारी की लेकिन राज्यों की ‘मुख्य भाषा’ की अहमियत पर भी जोर दिया। उन्होंने इस संदर्भ में केरल के हालात का उदाहरण दिया।संबंधित खबरें
'यह सच और इस पर हो चर्चा'संबंधित खबरें
वह बोले, ‘‘ मुस्लिम समुदाय के सदस्यों के बीच यह भावना है कि देश की जनसंख्या में बड़ी भागीदारी होने के बावजूद उन्हें उनका उचित हिस्सा नहीं मिल रहा है, जो वाकई एक सच्चाई है और इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए कि कैसे उन्हें उनका उचित हिस्सा मिल पाए।’’ सरकारी भर्ती परीक्षाओं में ऊर्दू के इस्तेमाल की मांग से जुड़े एक पूर्व वक्ता के बयान पर पवार ने इस भाषा की तारीफ की और कहा कि कई लोग पीढ़ियों से इससे जुड़े हैं।संबंधित खबरें
केरल का जिक्र कर कही यह बातसंबंधित खबरें
उन्होंने कहा, ‘‘ हमें ऊर्दू विद्यालय और शिक्षा पर विचार करना चाहिए, लेकिन ऊर्दू के साथ ही, हमें राज्य की मुख्य भाषा पर विचार करना है।’’ उनके मुताबिक, केरल में अल्पसंख्यकों की एक बड़ी आबादी है और व्यक्ति को इस बात के लिए अध्ययन करने की जरूरत है कि सर्वाधिक साक्षरता दर वाले इस राज्य में कैसे अल्पसंख्यक मुख्य भाषा को साथ दे रहे हैं और उन्हें इससे क्या फायदे मिल रहे हैं।संबंधित खबरें
बेरोजगारी सभी समुदायों में मुद्दा- पवारसंबंधित खबरें
पवार ने कहा कि देश में बेरोजगारी सभी समुदायों में एक मुद्दा है, लेकिन इस मोर्चे पर अल्पसंख्यकों की शिकायत वाकई असली है और उसपर गौर करने की जरूरत है। मुस्लिम समुदाय ऊर्दू के माध्यम से कला, काव्य एवं लेखन में बड़ा योगदान कर सकता है क्योंकि उनके सदस्यों में ‘गुणवत्ता एवं दक्षता’ है लेकिन उन्हें ‘सहयोग और समान अवसर’ की जरूरत है। पवार ने आगे कहा कि राकांपा ने हमेशा अल्पसंख्यकों को समुचित प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है और फिलहाल उसके आठ सांसदों में दो मुसलमान हैं।संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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