प्रदर्शन से डरीं CM ममता! किले में बदला सचिवालय नबन्ना, तीन लेयर की सुरक्षा, हजारों पुलिसकर्मी तैनात
March to Nabanna : पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसी भी व्यक्ति या संगठन ने राज्य सचिवालय नबन्ना तक ऐसी रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी है, उन्होंने बल को कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए ईमेल भेजे।
कोलकाता रेप-मर्डर कांड के खिलाफ लोगों में गुस्सा।
March to Nabanna : कोलकाता के केजी कर अस्पताल में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप एवं हत्या मामले में बुरी तरह से घिरीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ लोगों का गुस्सा थमा नहीं है। वह लगातार निशाने पर हैं। ममता का इस्तीफा मांगा जा रहा है। कोलकाता का एक छात्र संगठन मंगलवार को उनके इस्तीफे की मांग को लेकर पश्चिम बंगाल के सचिवालय नबन्ना तक मार्च निकालेगा। इस मार्च को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के भारी इंतजाम किए हैं। नबन्ना को किले में तब्दील कर दिया गया है और उसकी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
नबन्ना की सुरक्षा त्रि-स्तीयर बनाई
शहर में छह हजार से ज्यादा अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नबन्ना की सुरक्षा त्रि-स्तीयर बनाई गई है। इस मार्च का आयोजन पश्चिमबंगा छात्र समाज ने किया है। नबन्ना की तरफ आने वाली सड़कों के 19 स्थानों पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। यही नहीं प्रदर्शनकारियों को काबू में रखने के लिए कोलकाता, हावड़ा सिटी पुलिस, कॉम्बैट फोर्स, हेवी रेडियो फ्लाइंग स्क्वॉड्स, रैपिड एक्शन फोर्स, क्विक रिएक्शन टीम्स और वाटर कैनन टीमों की तैनाती हुई है।
मार्च निकालने की अनुमति नहीं दी गई
पश्चिम बंगाल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) मनोज वर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि किसी भी व्यक्ति या संगठन ने राज्य सचिवालय नबन्ना तक ऐसी रैली आयोजित करने की अनुमति नहीं मांगी है, उन्होंने बल को कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने के लिए ईमेल भेजे। हालांकि, एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई कारणों से उन्हें ‘नबन्ना अभियान’ आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई। वर्मा ने संवाददाताओं को बताया, 'हमें विभिन्न मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से ‘नबन्ना अभियान’ रैली के बारे में पता चला है। आज तक, न तो किसी व्यक्ति न ही किसी संगठन ने अनुमति के लिए आवेदन किया है, ऐसे में यह आयोजन अवैध है।'
धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू
उन्होंने कहा कि नबन्ना एक प्रतिबंधित क्षेत्र है जहां बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, जिससे पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक लग गई है। वर्मा ने संवाददाताओं से कहा, 'सर्वोच्च न्यायालय ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी थी, लेकिन अदालत ने राज्य को ऐसे वैध उपाय करने से नहीं रोका है।' उन्होंने कहा कि नबन्ना के निकट किसी भी नियोजित कार्यक्रम के लिए पुलिस की मंजूरी की आवश्यकता होती है, जो शायद ही कभी दी जाती है। पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें विभिन्न स्रोतों से जानकारी मिल रही है कि निहित स्वार्थ वाले कुछ उपद्रवी तत्व पुलिस को भड़काने के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका वे फिर फायदा उठाएंगे।'
मंगलवार को होने वाली है यूजीसी नेट परीक्षा
वर्मा ने आश्वासन दिया कि पुलिस इन सूचनाओं पर काम कर रही है तथा उन्होंने कहा कि आयोजक अपने कार्यक्रम के लिए कोई वैकल्पिक स्थान चुनते हैं तो उन्हें सहायता देने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने कहा, 'हम कोलकाता और हावड़ा में अन्य स्थानों पर भी उनके लिए व्यवस्था करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें।' इसके अतिरिक्त, वर्मा ने मंगलवार को होने वाली यूजीसी नेट परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को आश्वासन दिया कि यह सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है कि वे बिना किसी व्यवधान के परीक्षा दे सकें। अतिरिक्त उप महानिदेशक, दक्षिण बंगाल, सुप्रतिम सरकार ने बाद में संवाददाताओं को बताया कि पुलिस ने दोनों संगठनों को अनुमति नहीं दी थी।
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