यूपी में ढाबों पर नाम से लेकर डिप्टी-स्पीकर पद पर घमासान तक...संसद सत्र में इन मुद्दों पर हंगामा तय
संसद सत्र से पहले कांग्रेस ने रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें कांग्रेस ने जोर दिया कि नीट मामले, उत्तर प्रदेश सरकार के भोजनालयों को आदेश और जम्मू और मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा स्थिति जैसे मुद्दों पर संसद के बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी चाहिए।
संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक
Parliament Monsoon Session: आज से शुरू हो रहे मानसून संसद सत्र में कई मुद्दों पर जोरदार हंगामे के आसार हैं। इसी सत्र में आम बजट भी पेश किया जाना है। विपक्षी दलों के पास कई मुद्दे हैं जिन्हें वह संसद में जोरदार तरीके से उठाने जा रहा है। इसकी बानगी रविवार को हुई सर्वदलीय बैठक में भी दिख गई है। हालिया यूपी ढाबों पर नाम लिखने से आदेश से लेकर, जम्मू में आतंकी हमले, रेल दुर्घटनाएं, मणिपुर की स्थिति और डिप्टी स्पीकर पद पर भी जबरदस्त हंगामे की तस्वीर बनती दिख रही है। ऐसे में सरकार की सहयोग की अपील के बावजूद संसद में पिछले सत्र की ही तहर संग्राम दिखने के आसार हैं। लोकसभा चुनाव में बेहतर नतीजों से उत्साहित विपक्ष अब मोदी सरकार पर पुरजोर हमलावर है और पहले के मुकाबले इस बार पूरी तरह एकजुट है। राहुल गांधी को नेता विपक्ष की जिम्मेदारी मिली है और उनका साथ देने के लिए सदन में सपा प्रमुख अखिलेश यादव जैसे नेता भी मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग उठाई
कांग्रेस ने रविवार को सर्वदलीय बैठक में जोर दिया कि नीट मामले, उत्तर प्रदेश सरकार के भोजनालयों को आदेश और जम्मू और मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा स्थिति जैसे मुद्दों पर संसद के बजट सत्र के दौरान चर्चा की जानी चाहिए। कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने पार्टी की ओर से कई मुद्दे रखे जिन्हें सोमवार से शुरू हो रहे संसद सत्र में उठाया जाना चाहिए। रमेश ने कहा कि गोगोई ने नीट, नेट मामले, यूपीएससी विवाद, रेलवे सुरक्षा में गिरावट और अग्निवीर से संबंधित शासन संबंधी मुद्दों पर चर्चा का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस पर भी जोर दिया कि जम्मू और मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति को लेकर सत्र के दौरान चर्चा होनी चाहिए।
चीन की चुनौती से लेकर यूपी कांवड़ यात्रा का मामला उठाया
रमेश के अनुसार, गोगोई ने बैठक में यह भी कहा कि चीन के साथ सीमा पर चुनौतियों और बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं, वनों की कटाई और प्रदूषण से उत्पन्न पर्यावरण संबंधी चिंताओं पर सत्र के दौरान चर्चा की जानी चाहिए। कांग्रेस ने केंद्र-राज्य संबंधों और अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दों को भी उठाते हुए कहा कि इस पर बहस होनी चाहिए। बैठक में शामिल रहे रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के विवादास्पद निर्देश का हवाला देते हुए पार्टी ने असंवैधानिक आदेश पारित करके उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ध्रुवीकरण के जानबूझकर किए जा रहे प्रयासों के मुद्दे को भी उठाया।
जेडीयू ने की बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग
इससे पहले, बैठक शुरू होते ही रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया कि सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) के नेता ने बिहार के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा देने की मांग की। रमेश ने पोस्ट में कहा, युवजन श्रमिक रायथु कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात रही कि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के नेता इस मामले पर चुप रहे। उन्होंने कहा, राजनीतिक माहौल कैसे बदल गया है! सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में बीजू जनता दल (बीजद) के नेता ने रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।
इंडिया गठबंधन ने मांगा डिप्टी-स्पीकर पद
रमेश ने एक्स पर एक अन्य पोस्ट में कहा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में 24 विभाग-संबंधित स्थायी समितियों के गठन और उन्हें उचित महत्व दिए जाने की सार्वभौमिक मांग की गई। परामर्श समितियों को फिर से शुरू करने की भी सार्वभौमिक मांग है, जहां सांसद संबंधित मंत्रियों के साथ बातचीत कर सकें। बाद में कांग्रेस नेता के. सुरेश ने संवाददाताओं को बताया कि परंपरा के अनुसार लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगने में 'इंडिया' गठबंधन के अन्य सदस्यों के साथ उनकी पार्टी भी शामिल हुई।
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