'जबरन सांप्रदायिक रंग देने की हो रही कोशिश', नेमप्लेट मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट; समर्थन में डाली गई याचिका
Kanwar Yatra: दुकानों के आगे नेमप्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अब एक बार फिर ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अब कोर्ट में इसके समर्थन में याचिका डाली गई है।
नेमप्लेट मामला फिर पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
Nameplate Case: उत्तर प्रदेश में कांवड यात्रा के दौरान दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने के योगी सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस बीच अब एक बार फिर नेमप्लेट मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। बता दें, इस बार अदालत में इसके समर्थन में याचिका डाली गई है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के साथ उत्तराखंड और मध्यप्रदेश सरकार को भी ऐसे ही आदेश पर नोटिस जारी किया। कोर्ट ने सभी आदेशों पर अंतरिम रोक भी लगा दी थी।
बेवजह दिया जा रहा साम्प्रदायिक रंग- याचिकाकर्ता
बता दें, मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा जारी निर्देश का समर्थन करते हुए एक याचिकाकर्ता ने कहा कि इस मामले को जबरन साम्प्रदायिक रंग देने की मांग की जा रही है। याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने कहा कि ये आदेश शिवभक्तों की सहूलियत, आस्था और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए दिया गया था। उन्होंने कहा कि इसे बेवजह साम्प्रदायिक रंग दिया गया है।
याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव का कहना है कि इस मामले पर कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले दुकानदार नहीं हैं, बल्कि वो लोग हैं, जो इसे सियासी रंग देना चाहते हैं। याचिकाकर्ता ने शिवभक्तों के मूल अधिकारों का हवाला देकर खुद को इस मामले में पक्षकार बनाये जाने और उसका पक्ष सुने जाने की भी मांग की है।
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम प्रदर्शित करने संबंधी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार के निर्देश पर सोमवार को अंतरिम रोक लगा दी। इसके साथ ही अदालत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के इन निर्देशों के खिलाफ दायर याचिकाओं पर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकारों को नोटिस भी जारी किया। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों के उस आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया था जिसमें कहा गया था कि कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित भोजनालयों को अपने मालिकों के नाम प्रदर्शित करने होंगे।
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