Rashtrapati Bhavan: राष्ट्रपति भवन के 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' के नाम बदले, जानें क्या कहे जायेंगे अब
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदल दिया, यानी अब यहां का दरबार हॉल गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा।
राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदला
- राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदलने का आदेश दिया
- दरबार हॉल का नाम बदलकर 'गणतंत्र मंडप' रखा गया
- अशोक हॉल का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' हुआ
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बड़ा फैसला लेते हुए राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉलों का नाम बदलने का आदेश दिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दरबार हॉल का नाम बदलकर गणतंत्र मंडप और अशोक हॉल का नाम बदलकर अशोक मंडप रखा है बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन ने दोनों हॉल के नाम बदलने को लेकर एक बयान जारी किया है।
वहीं इसे लेकर विपक्ष का विरोध भी सामने आ रहा है, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "दरबार की कोई अवधारणा नहीं है, लेकिन 'शहंशाह' की अवधारणा है।'
राष्ट्रपति सचिवालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, 'लोगों के लिए इसे और अधिक सुलभ बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के माहौल को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों और लोकाचार को प्रतिबिंबित करने वाला बनाने का लगातार प्रयास किया गया है।' बयान के अनुसार, इसी क्रम में राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल - 'दरबार हॉल' और 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर क्रमशः 'गणतंत्र मंडप' और 'अशोक मंडप' करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रसन्नता है।
राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और कार्यक्रम के आयोजन का स्थान
'दरबार हॉल' राष्ट्रीय पुरस्कारों की प्रस्तुति जैसे महत्वपूर्ण समारोहों और कार्यक्रम के आयोजन का स्थान है।बयान में कहा गया है, 'दरबार' शब्द भारतीय शासकों और ब्रिटिश अदालतों और सभाओं को संदर्भित करता है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद दरबार की प्रासंगिकता खत्म गई। 'गणतंत्र' की अवधारणा प्राचीन काल से भारतीय समाज में गहराई से निहित है। 'गणतंत्र मंडप' आयोजन स्थल के लिए एक उपयुक्त नाम है।'
'अशोक' शब्द का अर्थ किसी ऐसे व्यक्ति से है जो 'सभी कष्टों से मुक्त' या 'किसी भी दुख से रहित
बयान के अनुसार, 'अशोक' शब्द का अर्थ किसी ऐसे व्यक्ति से है जो 'सभी कष्टों से मुक्त' या 'किसी भी दुख से रहित' है तथा इसके अलावा, 'अशोक' का तात्पर्य एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रतीक सम्राट अशोक से है।बयान में आगे कहा गया है, 'भारत गणराज्य का एक राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ है।'
'मंडप' भाषा में एकरूपता लाता है'
इसके अनुसार, 'अशोक हॉल' का नाम बदलकर 'अशोक मंडप' रखा गया है। 'मंडप' भाषा में एकरूपता लाता है और 'अशोक' शब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बरकरार रखते हुए अंग्रेजीकरण की संस्कृति के निशान को मिटाता है।'
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