Nanded Hospital Death: नांदेड़ अस्पताल में गुरूवार को हुईं 14 और मौतें, मौत का आंकड़ा 51 हुआ

Nanded Hospital Death Update: महाराष्ट्र के नांदेड़ स्थित सरकारी अस्पताल में 5 अक्टूबर को 14 और मरीजों की मौत होने से यहां मौत का आंकड़ा 51 हो गया है।

Nanded Hospital Death Update

नांदेड जिले के सरकारी अस्पताल के कार्यवाहक डीन और एक डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज

Nanded Hospital Horror Update: नांदेड़ के सरकारी अस्पताल (Nanded Government Medical Hospital) में मौत का सिलसिला रूक नहीं रहा है, गुरूवार यानी 5 अक्टूबर को 14 और लोगों की जान चली गई इसके बाद अबतक 51 लोगों की मौत यहां हो चुकी है, ध्यान रहे कि 2 अक्टूबर को अस्पताल में 24 मौतें, 3 अक्टूबर को 6 और 4 अक्टूबर को 7 मौतें हुई थीं।
वहीं महाराष्ट्र पुलिस ने नांदेड जिले के सरकारी अस्पताल के कार्यवाहक डीन और एक डॉक्टर के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है इस अस्पताल में 51 मरीजों की मौत हो चुकी है, अधिकारी ने बताया कि डॉ.शंकर राव चव्हाण राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के कार्यवाहक डीन एस.आर. वाकोडे और बाल रोग विभाग के प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि यह प्राथमिकी एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है जिसकी बेटी और नवजात शिशु की मौत हो गई थी।

IPC की धारा-304 और धारा-34 के तहत प्राथमिकी दर्ज

अधिकारी ने बताया कि अस्पताल के दोनों अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा-304 (गैर इरादतन हत्या) और धारा-34 (साझा मंशा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।अधिकारियों ने बताया कि 30 सितंबर से अगले 48 घंटे में अस्पताल में नवजातों सहित 31 मरीजों की मौत दर्ज की गई थी जबकि दो और तीन अक्टूबर को छह और मरीजों की जान चली गई।

परिवार के सदस्यों से दवाएं, खून की थैली और अन्य सामान बाहर से लाने को कहा

प्राथमिकी के मुताबिक 21 वर्षीय गर्भवती महिला अंजलि को 30 सितंबर को रात आठ बजे अस्पताल लाया गया। अंजलि के पिता कामजी टोम्पे ने शिकायत में बताया कि उनकी बेटी ने 30 सितंबर की देर रात करीब एक बजे बेटी को जन्म दिया और डॉक्टरों ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों सेहतमंद हैं। शिकायत के मुताबिक बाद में सुबह अंजलि का रक्तस्राव होने लगा और नवजात की तबीयत भी बिगड़ गई । इसके बाद डॉक्टरों ने परिवार के सदस्यों से दवाएं, खून की थैली और अन्य सामान बाहर से लाने को कहा।
टोम्पे ने बताया कि जब सामान लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर वार्ड में मौजूद नहीं थे। उन्होंने आगे दावा किया कि वाकोडे ने जानबूझकर उन्हें अपने पास बैठा लिया और अंजलि की जांच करने के लिए किसी डॉक्टर या नर्स को नहीं भेजा, शिकायत के मुताबिक, 'डॉक्टरों ने अंजलि की बच्ची को दो अक्टूबर सुबह छह बजे मृत घोषित किया और शव सौंप दिया। बाद में चार अक्टूबर को पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट पर अंजलि को भी मृत घोषित कर दिया गया।'

'डीन ने जानबूझकर डॉक्टरों को अंजलि का इलाज करने नहीं दिया'

टोम्पे ने आरोप लगाया कि डीन ने जानबूझकर डॉक्टरों को अंजलि का इलाज करने नहीं दिया एवं डॉक्टरों ने परिवार के सदस्यों से करीब 45 हजार रुपये की दवाएं बाहर से लाने को कहा उन्होंने दावा किया कि उनकी नजरों के सामने कई और मरीजों की मौत डॉक्टरों, नर्स और दवाओं की अनुपलब्धता की वजह से हो गई, इस शिकायत पर वाकोडे प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।
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रवि वैश्य author

मैं 'Times Now नवभारत' Digital में Assistant Editor के रूप में सेवाएं दे रहा हूं, 'न्यूज़ की दुनिया' या कहें 'खबरों के संसार' में काम करते हुए करीब...और देखें

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