'गुड़ का गोबर करने में ये माहिर', पानी पी-पी यूं सदन में PM मोदी ने विपक्ष को कोसा, जानें- भाषण की बड़ी बातें

PM Narendra Modi's Loksabha Speech: पीएम मोदी ने संसद के निचले सदन लोकसभा में गुरुवार शाम को कहा- अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में विपक्ष ने जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की है।

Narendra Modi in Loksabha

सदन में अपनी बात रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
PM Narendra Modi's Loksabha Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कांग्रेस गुड़ का गोबर करने में माहिर है। ऐसा इसलिए क्योंकि विपक्ष के लिए देश से बड़ा दल है। उनके दिमाग पर सत्ता की भूख सवार है। यही वजह है कि वे लोग नो बॉल पर नो बॉल फेंके जा रहे हैं और हम इधर से सेंचुरी लगा रहे हैं। विपक्ष की ओर से देश को निराशा के सिवाय कुछ और नहीं दिया गया। ये बातें गुरुवार (10 अगस्त, 2023) शाम पीएम ने संसद के निचले सदन लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए कहीं। आइए, जानते हैं मोदी के संबोधन की बड़ी बातें:
  • यह अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष का टेस्ट है। यह प्रस्ताव ईश्वर का प्रस्ताव है। यह हमारे लिए शुभ है।
  • विपक्ष के लिए देश से बड़ा दल है। उन्हें सत्ता की भूख है और यही उनके दिमाग पर सवार है।
  • सोशल मीडिया में देख रहा हूं कि आपके दरबारी भी दुखी हैं। फील्डिंग विपक्ष ने लगाई पर चौके-छक्के यहीं से लगे।
  • इधर से सेंचुरी लग रही है, जबकि उधर से नो बॉल ही आ रही है। हमने इन्हेंपांच साल दिए, पर ये कुछ न कर पाए...क्या हाल है!
  • विपक्ष को दिखास-छपास की लालसा रही है। इन्होंने निराशा के सिवाय कुछ नहीं दिया। इनका बहीखाता बिगड़ा हुआ है।
  • अधीर बाबू क्यों दरकिनार किए गए? (मुस्कुराते हुए...) कांग्रेस उनका बार-बार अपमान करती आई है।
  • ये गुड़ का गोबर करने में माहिर हैं। हमने भारत के युवाओं को घोटालारहित सरकार दी है। हमने भारत की बिगड़ी साख को सुधारा।
  • अविश्वास प्रस्ताव की आड़ में विपक्ष ने जनता के आत्मविश्वास को तोड़ने की विफल कोशिश की।
  • ये लोग "शुतुरमुर्ग अप्रोच" रखते हैं और डिक्शनरी खोज-खोजकर हमें गालियां देने के लिए अपशब्द लाते हैं।
  • सदन में सीक्रेट - विपक्षियों को सीक्रेट वरदान, वो यह कि जिसका बुरा चाहेंगे उसका भला ही होगा...।
  • बैंकिंग सेक्टर, एचएएल और एलआईसी को लेकर इन्होंने बहुत कुछ गलत दावे किए, पर स्थितियां कुछ और ही हैं।
  • इन्हें (सियासी विरोधियों को) देश के पराक्रम और परिश्रम पर विश्वास नहीं है।
  • कांग्रेस की मानें तो सब कुछ अपने आप (भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के संदर्भ में) होने वाला है तब उनके पास न नीति है, नीति है, न दृष्टिकोण है और न ही भारत के अर्थजगत का उन्हें कुछ पता है।
  • देश का विश्वास है कि 2028 में आप जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे तब यह मुल्क पहली टॉप तीन इकनॉमीज़ में होगा।
  • पाकिस्तान आकर हमले करता था और भाग जाता था और ये लोग उनकी बात पर विश्वास कर लेते थे।
  • भारत के खिलाफ जब भी कुछ उल्टा-पुल्टा बोला जाता है, तब यह उसे पकड़ लेते हैं...इनके पास ऐसी चुंबकीय शक्तियां हैं।
  • जिस बात की मिट्टी की ढेले भर की वैल्यू नहीं होती है, ये उसका प्रचार-प्रसार करते हैं।
  • आप लोगों ने यूपीए का क्रियाकर्म और अंतिम संस्कार किया है। संवेदना जताने में देरी में मेरा कसूर नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप तब जश्न मना रहे थे- खंडहर पर नया प्लास्टर लगाने का।
  • आप जिसके पीछे चल रहे हो, उसको देश के संस्कार की समझ नहीं बची है। ये लाल और हरी मिर्च का फर्क नहीं समझ पा रहे।
  • चुनावी सिंबल से लेकर विचार तक सब...कांग्रेस ने ये सारी चीजें किसी और ले रखी हैं।
  • यह इंडिया गठबंधन नहीं, घमंडिया गठजोड़ है और इस बारात में हर कोई दूल्हा यानी पीएम बनना चाहता है।
  • लंका हनुमान ने नहीं घमंड ने जलाई थी। यही वजह है कि 400 से 40 (कांग्रेस) हो गए।
  • गरीब का बेटा यहां कैसे बैठा है, यह चिंता और चुभन आपको सताती है। यह सोने तक नहीं देती है।
  • कभी हवाई जहाज में केक काटे जाते थे, पर अब गरीब के लिए एक जगह से दूसरी जगह वैक्सीन जाती है।
  • फेल प्रोडक्ट को बार-बार लॉन्च करते हैं। हर बार लॉन्चिंग फेल हो जाती है तो नफरत जनता करते हैं। पर प्रचार मोहब्बत की दुकान का करते हैं। ये है लूट की दुकान और झूठ का बाजार, जिसमें घोटाला से लेकर कई चीजें हैं।
  • जिन्होंने कभी गमले में मूली न उगाई, वे खेतों को देखकर हैरान तो होंगे ही।
  • यह मोदी देश को गारंटी देता है कि मैं तीसरे टर्म में हिंदुस्तान को टॉप-3 में लाकर दिखाऊंगा।
  • कांग्रेस के डीएनए में नॉर्थ ईस्ट के लिए सौतेला व्यवहार रहा, पर हमारे लिए जिगर का टुकड़ा है।
  • इन लोगों की पीड़ा सेलेक्टिव है। इन्हें राजनीति के अलावा कुछ और नहीं सूझता है।
  • आशा करता हूं कि थोड़ा होम वर्क और दिमाग वाला काम भी करेंगे।
  • संसद का पल-पल का उपयोग देश के लिए खर्च होना चाहिए। 'चलो संसद घूम आते' वाली अप्रोच से राजनीति चल सकती है, पर देश नहीं चल सकता है।
  • आज का भारत रुकता नहीं है। दुनिया हम पर विश्वास करती है। 2047 तक यह विकसित भारत होगा।
दरअसल, विपक्ष की ओर से सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में चर्चा हुई, जो कि कांग्रेस के गौरव गोगोई ने आठ अगस्त, 2023 को सदन में पेश किया था। चर्चा की शुरुआत करते हुए वह बोले थे कि विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस यानी ‘इंडिया’ मणिपुर मुद्दे पर सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव इसलिए लेकर आया है क्योंकि राज्य न्याय की मांग कर रहा है। उन्होंने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए?

सुनिए, मोदी ने सदन में क्या-क्या कहा?:
वैसे, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अपने नौ साल में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा। हालांकि, संख्याबल (विपक्षी दलों के 150 से कम सदस्य) देखते हुए प्रस्ताव का विफल होना संभावित है, जबकि इससे पहले जुलाई, 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में सिर्फ 126 वोट पड़े थे, जबकि इसके खिलाफ 325 सांसदों ने वोट दिया था।
अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जरूरी है कि उसे कम से कम 50 सदस्यों का समर्थन हासिल हो। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करने के संदर्भ में 10 दिनों के भीतर फैसला करना होता है। सदन की मंजूरी के बाद इस पर चर्चा और मतदान होता है। अगर सत्ता पक्ष इस प्रस्ताव पर हुए मतदान में हार जाता है तो प्रधानमंत्री समेत पूरी मंत्रिपरिषद को इस्तीफा देना होता है।
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अभिषेक गुप्ता author

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