जब मां के लिए भावुक हुए मोदी,हीरा बेन की वो 5 बातें जो बाल नरेंद्र ने उनसे सीखी

Narendra Modi Mother Heeraben Death: पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते जून में अपने मां के संघर्ष और उनके जीवन के अनछुए पहलुएं को बारे में एक ब्लॉग लिखा था। जिसमें साफ पता चल रहा था कि नरेंद्र मोदी के जीवन में उनकी मां हीरा बेन कितना असर था।

Narendra Modi with Heeraben

नरेंद्र मोदी का मां से गरहा नाता

Narendra Modi Mother Heeraben Death: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबेन का निधन हो गया है। वह उम्र के 100 वें वर्ष के पड़ाव पर पहुंच चुकी थी। इसी साल जून में उन्होंने अपना 99 वां जन्मदिन मनाया था। पीएम मोदी हमेशा से अपनी मां से जीवन में मिले सबक और संघर्ष की कहानियां बयां करते रहे हैं। एक बार वह अमेरिका में जब फेसबुक के मुख्यालय गए थे। तो उस वक्त एक सवाल पर बेहद भावुक हो गए थे। प्रधानमंत्री ने बताया था कि उनकी मां कैसे अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए दूसरों के घर में बर्तन धुलने का काम करती थीं। पीएम मोदी ने बीते जून में अपने मां के संघर्ष और उनके जीवन के अनछुए पहलुएं को बारे में एक ब्लॉग लिखा था। जिसमें साफ पता चल रहा था कि नरेंद्र मोदी के जीवन में उनकी मां हीरा बेन कितना असर था।

छत से टपकते पानी तक का इस्तेमाल कर लेतीं थी

डेढ़ कमरे के घर की छत को दुरुस्त करने के लिए वो खुद छत की मरम्मत करती थीं। लेकिन जब इतनी कोशिशों के बाद भी छत का टपकना बंद नहीं होता था वो उस जगह पर बर्तन रख देती थीं और उस पानी का इस्तेमाल घर के कार्यों के लिए करती थीं।

सुबह 4 बजे उठना और खुद सारे काम

नरेंद्र मोदी अक्सर यह कहते रहे हैं कि उनकी मां इस उम्र में भी अपना सारा काम खुद करती थीं। हीरा बेन अनाज पीसने से लेकर चावल-दाल छानने तक का सारा काम खुद करती थी। हीरा बेन अपने ससुराल में सबसे बड़ी बहू थीं। ससुराल की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर थी।

सफाई का बेहद ध्यान

पीएम मोदी ने अपनी ब्लॉग में लिखा था कि वह बिस्तर पर धूल का एक कण भी बर्दाश्त नहीं करती थी। हल्की सी सिलवट का मतलब था कि चादर को झाड़ा जाएगा और फिर से बिछाया जाएगा। वह हमेशा इस बात का ध्यान रखती थीं कि घर में साफ-सफाई एक दम दुरूस्त हो। मोदी ने यह भी लिखा था कि मैं जब भी उनसे मिलने गांधीनगर जाता हूं तो वह मुझे अपने हाथों से मिठाई खिलाती हैं।

गांव की डॉक्टर थीं

हीरा बेन को गांव की डॉक्टर भी थी। ऐसे में लोग उन्हें देसी मां कहा करते थे। मोदी लिखते हैं कि भले ही वह कभी स्कूल नहीं गई, लेकिन वह हमारे गांव की डॉक्टर थी। कड़ी मेहनत और देसी नुस्खों के दम पर ही उन्होंने अपनी उम्र के 100 साल पूरे किए।

जब मोदी से बोलीं-लगता है तुम कुछ अच्छा काम कर रहे हो

पीएम मोदी जब संगठन में काम करते थे, तो उस वक्त हीराबेन केदारनाथ गईं थीं। उस वक्त का किस्सा बताया कि ज्यादा व्यस्त होने की वजह से परिवार के संपर्क में बहुत कम रह पाता था। उस दौरान मेरे बड़े भाई मां को केदारनाथ ले गए। वहां स्थानीय लोगों को ये बात पता चल गई कि नरेंद्र मोदी की मां आ रही हैं। वे सड़कों पर बुजुर्ग महिलाओं से पूछते रहे कि क्या वे नरेंद्र मोदी की मां हैं। जब वह मुझसे मिलीं तो बोलीं 'ऐसा लगता है कि तुम कुछ अच्छा काम कर रहे हैं, क्योंकि लोग तुमको पहचानते हैं।'

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प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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