चेहरे अलग अलग लेकिन मिशन एक, बहुत कुछ कहती हैं ये तस्वीरें

General Elections 2024: आठ जुलाई को अलग अलग समय पर तीन अलग अलग तस्वीरें आईं। तेलंगाना के भद्रकाली मंदिर में पीएम मोदी की हाथ जोड़ने वाली फोटो वहीं राहुल गांधी हरियाणा के सोनीपत में धान के खेत में नजर आए तो अपने ही भतीजे अजित पवार के बगावत का सामना करने वाले शरद पवार एक कार में भीगे कपड़ों में बैठे हुये नजर आए। बेशक ये सिर्फ तस्वीरें हैं लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थ हैं।

तस्वीरें अलग, मिशन एक

General Elections 2024: कभी कभी शब्दों या बयान से अधिक मारक तस्वीरें होती हैं। तस्वीरें किसी भी शख्सियत की भाव भंगिमा और सोच को दर्शाती हैं। महीना सावन का है और देश का हर हिस्सा मानसूनी बारिश से सराबोर है, चारों तरफ हरियाली आंखों को लुभा रही है। लेकिन सियासी अखाड़े (General Elections 2024) में गर्मी बनी हुई है। इस गरमाहट के पीछे वजह भी है। किसी के सामने सत्ता में बने रहने की चुनौती तो किसी के सामने सत्ता छीनने की तो किसी के सामने सत्ता के साथ अस्तित्व बचाने की लड़ाई। वैसे तो हर दिन खास होता है। लेकिन आठ जुलाई का दिन कुछ अधिक खास रहा। तेलंगाना में भद्रकाली मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की हाथ जोड़े वो तस्वीर जैसे कह रही हो कि आस्था हमारे लिए कोई खास मौके तक सीमित नहीं तो दूसरी तरफ धान के खेत में बेहन लिए राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की तस्वीर मानो कह रही हो कि हमारे लिए तो अन्नदाता की हित ही सर्वोपरि, वहीं कार में भीगे हुए कपड़े में बैठे शरद पवार(Sharad Pawar)की तस्वीर कह रही हो कि उम्र 82 है तो क्या हुआ, संघर्ष के पथ से हटने वाले नहीं। ये तस्वीरें भले ही अलग अलग चेहरों की हों लेकिन इनके साथ सियासी होने का टैग संदेश दे रहा है कि मिशन 2024 ऐसे ही एकतरफा नहीं होने देंगे।

भद्रकाली मंदिर में थे पीएम मोदी

तेलंगाना के भद्रकाली मंदिर में पीएम नरेंद्र मोदी ने पूजा अर्चना की। उन्होंने एक रैली में कहा कि उनके लिए सत्ता सिर्फ सुख भोगने का साधन नहीं है। वो एक बेहतर भारत का निर्माण करने की कोशिश में जुटे हैं। पिछले 9 साल में जिस तरह से जनता ने समर्थन दिया उसका असर अब साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। हम विरासत की राजनीति नहीं करते, हमारी सोच बड़ी साफ है कि देश के विकास के लिए समाज के हर वर्ग को एक साथ लाने की जरूरत है और हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। आने वाला समय भारत का है इसे दुनिया के दूसरे मुल्क भी स्वीकार करते हैं।

धान के खेत में राहुल गांधी

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