मोदी का शपथ ग्रहण: इतिहास के गवाह बने इन 7 देशों के नेता, राजनायिक संबंधों में कितना आएगा बदलाव; समझिए भारत की रणनीति

World Leaders in India: नरेंद्र मोदी ने जब प्रधानमंत्री पद का शपथ लिया, तो दुनिया के सात देशों के नेता उसके गवाह बने। मालदीव के राष्ट्रपति, मॉरीशस के प्रधानमंत्री, भूटान के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश की राष्ट्रपति, नेपाल के प्रधानमंत्री, श्रीलंका के राष्ट्रपति और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति ने इस समारोह में शिरकत की।

PM Modi Oath Ceremony World Leaders

मोदी के शपथ ग्रहण में इन सात देशों के नेता।

PM Modi Oath Ceremony: भारत के राजनीतिक इतिहास में एक नया अध्याय लिखा जा चुका है। नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। वो ऐसे दूसरे व्यक्ति हैं, जिन्होंने आजाद हिंदुस्तान ने इस खिताब को अपने नाम किया हो। मोदी ने प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली तो सारी दुनिया को एक बड़ा और ठोस संदेश गया। शपथ ग्रहण समारोह में 7 पड़ोसी देशों के नेताओं ने शिरकत किया।

इन 7 देशों के नेता बने शपथ ग्रहण के गवाह?

भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर जब नरेंद्र दमोदरदास मोदी ने शपथ लिया, तो दुनिया के सात देशों के नेता उसके गवाह बने। शपथ ग्रहण समारोह में दुनिया के 7 देशों के नेता ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इसमें मालदीव के राष्ट्रपति, मॉरीशस के प्रधानमंत्री, भूटान के प्रधानमंत्री, बांग्लादेश की राष्ट्रपति, नेपाल के प्रधानमंत्री, श्रीलंका के राष्ट्रपति और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति ने शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन में हुए इस समारोह की भव्यता पूरे दुनिया ने देखी।
1मालदीव के राष्ट्रपतिमोहम्मद मुइज्जू
2बांग्लादेश की राष्ट्रपतिशेख हसीना
3श्रीलंका के राष्ट्रपतिरानिल विक्रमसिंघे
4भूटान के प्रधानमंत्रीशेरिंग तोबगे
5मॉरीशस के प्रधानमंत्रीप्रविंद कुमार जगन्नाथ
6नेपाल के प्रधानमंत्रीपुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’
7सेशेल्स के उपराष्ट्रपतिअहमद अफीफ

राजनायिक संबंधों में कितना आएगा बदलाव

नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण में अपने पड़ोसी देशों के नेताओं को बुलाकर भारत ने पूरी दुनिया को ये संदेश दिया कि हम सबका साथ-सबका विकास की नीति में यकीन रखते हैं। बीते दिनों मालदीव से तनाव और नेपाल से संबंधों को लेकर लगातार ये सवाल खड़े हो रहे थे कि क्या अब भारत के पड़ोसी देशों से रिश्ते बिगड़ने लगे हैं? हालांकि शपथ ग्रहण के लिए विदेशी मेहमानों को बुलाकर विदेश मंत्रालय ने विवादों की अटकलों पर पूर्णविराम लगा दिया। कहीं न कहीं इस कदम से इन देशों से राजनायिक संबंध काफी हद तक मजबूत होंगे।

दुनिया के कौन से नेता कब पहुंचे थे भारत?

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे। पिछले साल नवंबर में मालदीव के राष्ट्रपति बनने के बाद मुइज्जू पहली बार भारत आए हैं। अब मालदीव से जुड़ी तनाव की खबरों पर काफी हद तक विराम लग गया। मुइज्जू, जगन्नाथ और तोबगे भारत के पड़ोसी देशों और हिंद महासागर क्षेत्र के सात देशों के उन नेताओं में शामिल हैं, जो राष्ट्रपति भवन में मोदी और उनकी मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए।

'भारत और मालदीव समुद्री साझेदार और करीबी पड़ोसी'

विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'भारत और मालदीव समुद्री साझेदार और करीबी पड़ोसी हैं।' ये एक संदेश है जो दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती लाएगा। बता दें, बांग्लादेश की राष्ट्रपति शेख हसीना और सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफीफ शनिवार को दिल्ली पहुंचे थे। तोबगे के आगमन के बाद जायसवाल ने कहा था कि उनके दौरे से भारत और भूटान के बीच मित्रता और सहयोग मजबूत होंगे।

मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू का भारत आना कितना अहम

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए नयी दिल्ली द्वारा मुइज्जू को दिया गया निमंत्रण भी भारत और मालदीव के बीच हाल के तनावपूर्ण संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है। मुइज्जू ने शनिवार को कहा था कि वह भारत के साथ घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से नरेन्द्र मोदी के साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा था कि दोनों देशों के बीच संबंध 'सकारात्मक दिशा' की ओर बढ़ रहे हैं। चीन का समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू के राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद पिछले वर्ष नवंबर से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं। कयास लगाए जा रहे हैं उनके इस दौरे के बाद हालात बेहतर होंगे।

‘पड़ोसी पहले’ नीति को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता

नरेंद्र मोदी के लगातार तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नेताओं की यात्रा भारत द्वारा अपनी ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण को दी गई सर्वोच्च प्राथमिकता के अनुरूप है। जिसका जिक्र खुद विदेश मंत्रालय ने किया। भारत, ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) की व्यापक नीति रूपरेखा के अंतर्गत हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के साथ सहयोग कर रहा है।
बता दें, शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के अलावा सभी नेता अब राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा आयोजित भोज में भी शामिल होंगे। क्षेत्रीय समूह दक्षेस (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) देशों के नेताओं ने मोदी के पहले शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था, जब उन्होंने भाजपा की भारी चुनावी जीत के बाद प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था। मोदी जब 2019 में लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने तो उनके शपथ ग्रहण समारोह में बिम्सटेक देशों के नेताओं ने भाग लिया था।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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