Ganga Jamuna School: दमोह की 'कट्टर पाठशाला' पर नरोत्तम मिश्रा बोले-NIA आई तो करेंगे पूरा सहयोग
Ganga Jamuna School News : गंगा जमुना स्कूल के संचालकों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। हिंदू बच्चे जब तिलक लगाकर और कलावा बांधकर स्कूल पहुंचते थे तो टीचर उन्हें रोकते एवं टोकते थे।
Ganga Jamuna School : दमोह के गंगा जमुना स्कूल हिजाब मामले में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है। मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि ऐसे मामलों की जांच NIA करती है। इस मामले में एनआईए ने अभी संपर्क नहीं किया। जांच एजेंसी अगर संपर्क करती है तो उसका पूरा सहयोग किया जाएगा। इस स्कूल पर हिंदू लड़कियों पर इस्लामिक तौर-तरीके थोपने और उन्हें हिजाब पहनने के लिए बाध्य करने का आरोप है। दमोह की इस कट्टर पाठशाला पर चौंकाने और हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। मामला सामने आने के बाद जब सरकार सक्रिय हुई तो पीड़ित परिवार भी सामने आकर स्कूल का काला-चिट्ठा खोला है।
हिंदू छात्राओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य था
गंगा जमुना स्कूल के संचालकों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिली हैं। बताया जा रहा है कि स्कूल में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य कर दिया गया था। हिंदू बच्चे जब तिलक लगाकर और कलावा बांधकर स्कूल पहुंचते थे तो टीचर उन्हें रोकते एवं टोकते थे। छात्राएं अपने घर से सामान्य कपड़ों में निकलती थीं लेकिन स्कूल के गेट पर उन्हें हिजाब पहनने के लिए दिया जाता था।
सीएम ने डीजीपी, मुख्य सचिव को दिए निर्देश
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य के डीजीपी एवं मुख्य सचिव को इस मामले का संज्ञान लेने के निर्देश दिए हैं। सीएम के निर्देश के बाद इस मामले की जांच तेज हो गई है। जांच में पता चला है कि इस स्कूल के संचालक अन्य कारोबार से भी जुड़े हैं। सबूत जेहादी मानसिकता को फंडिंग करने के भी सबूत मिले हैं। इन संचालकों की बाकी संपत्तियों की जांच चल रही है। पुलिस टेरर फंडिंग के एंगल की भी जांच करेगी। संचालकों के खिलाफ बुधवार रात एफआईआर दर्ज हुई।
'हिजाब पहनने के लिए बाध्य किया जाता था'
बच्चियों ने बताया है कि उन्हें हिजाब पहनने के लिए मजबूर किया जाता था। फिलहाल स्कूल संचालक अंडर ग्राउंड है और स्वास्थ्य का हवाला देकर अस्पताल में भर्ती होने की बात पुलिस से कही है। पुलिस का कहना है कि छात्राओं के बयान दर्ज करने के बाद स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की जाएगी। जांच में पता चला है कि स्कूल की आड़ में बीड़ी और रीयल स्टेट कारोबार चल रहा है। स्कूल और ट्रस्ट के नाम अलग-अलग जगहों पर 1800 एकड़ जमीन है। शहर के बाहरी इलाके में स्कूल की 300 एकड़ जमीन बताई जा रही है।
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