NISAR: संयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे NASA-ISRO, 12 दिन में पूरे विश्व की मैपिंग करेगा निसार

निसार 12 दिन में पूरे विश्व का मानचित्रण करेगा और पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र, बर्फ द्रव्यमान, वनस्पति बायोमास, समुद्र स्तर में वृद्धि, भूजल और भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी और भूस्खलन सहित प्राकृतिक खतरों में बदलाव को समझने के लिए डेटा प्रदान करेगा।

नासा-इसरो का संयुक्त अंतरिक्ष मिशन

NISAR: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) और इसरो (ISRO) ‘नासा-इसरो सिंथेटिक अपर्चर राडार’ (NISAR) के तहत संयुक्त अंतरिक्ष मिशन पर काम कर रहे हैं। इस मिशन के तहत पूरे विश्व का मानचित्रण किया जाएगा और इससे हासिल होने वाले डेटा से अहम जानकारियां हासिल की जाएंगी। नासा के अधिकारियों ने कहा है कि निसार कुछ परीक्षणों के बाद 2024 के पहले तिमाही में प्रक्षेपण के लिए तैयार है। नासा निसार के परियोजना प्रबंधक फिल बरेला ने बुधवार को बेंगलुरू में पत्रकारों से कहा कि इसरो अगले साल की पहली तिमाही का अनुमान लगा रहा है। तो, मेरा मतलब है कि यह तैयार है।

निसार का प्रक्षेपण जनवरी से पहले नहीं

उन्हें उम्मीद है कि निसार का प्रक्षेपण जनवरी से पहले नहीं हो सकता। यह प्रक्षेपण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के भूस्थैतिक उपग्रह परीक्षण यान मार्क-II के जरिए सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया जाएगा। तीन वर्ष की अवधि वाले इस मिशन का लक्ष्य हर 12 दिन में पृथ्वी की संपूर्ण भूमि और बर्फ से ढकी सतहों का सर्वेक्षण करना है। शेष बचे अहम परीक्षणों के संबंध में बरेला ने कहा कि कंपन परीक्षण चल रहा है, लेकिन कई परीक्षण करने होंगे।

बैटरी और सिमुलेशन परीक्षण किए जाने बाकी

उन्होंने कहा कि प्रणाली सही तरीके से काम कर रही है, यह सुनिश्चित करने के लिए बैटरी और सिमुलेशन परीक्षण किए जाने हैं। बरेला ने कहा कि हम राडार और विभिन्न अंतरिक्षयान इलेक्ट्रॉनिक्स पर परीक्षण करेंगे। अभी काफी सारे परीक्षण बाकी हैं लेकिन जो अहम परीक्षण अभी बाकी है वह है कंपन के संबंध में। नासा जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के निदेशक डॉ. लॉरी लेशिन ने कहा कि निसार परियोजना पूर्व की किसी भी परियोजना से बेहतर है।

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