अगर किया तिरंगे का अपमान, जान लें इस गुस्ताखी के लिए क्या है सजा
Flag Code Of India: 15 अगस्त को पूरे देश ने स्वतंत्रता दिवस का जश्न मनाया। मगर आजादी के इस पर्व के बाद अक्सर ऐसी तस्वीरें सामने आती है, जिसमें तिरंगे का अपमान किया जाता है। सड़कों पर तिरंगा फेंक दिया जाता है। अगर कोई ने ऐसा कृत्य करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे कानून के मुताबिक सजा का प्रावधान है। आपको उन नियम और कानून के बारे में जानना चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का अपमान है एक अपराध।
Tiranga News: राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है। अगर कोई तिरंगे का अपमान करता है तो इसके लिए भारतीय कानून में कड़ी सजा के प्रावधान हैं। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देशभर से मनमोहक तस्वीरें सामने आईं। हर घर तिरंगा अभियान को एक बार फिर सफल बनाने में भारतवासियों ने अहम भूमिका निभाई। अब देशवासियों को उन नियम-कानून को समझना चाहिए, जिसके तहत तिरंगे के अपमान को अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। अगर इस तरह की गुस्ताखी करता कोई पकड़ा जाता है तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है।
क्या है भारतीय ध्वज संहिता?
भारत के राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगे का अपमान करना अपराध की श्रेणी में गिना जाता है। इस अपराध की सजा के लिए कानून भी है। भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code Of India) के तहत यदि तिरंगा डैमेज हो गया है या फिर फट गया है तो उसे बेहद सावधानी से एकांत में दफलाया या जलाया जाना चाहिए। ऐसा हर कोई नहीं कर सकता है। कई सिविक अथॉरिटीज ने लोगों से कई बार ये अपील की है कि तिरंगे का अपमान न करें, ऐसा करने के बजाय तिरंगा उन्हें दे दें। सरकारी विभागों ने भी लोगों से अपील की है कि यदि तिरंगा डैमेज हो जाता है तो उसे उन्हें सौंप दे, जिससे राष्ट्रीय ध्वज को नियमानुसार डिस्पोज किया जा सके।
तिरंगे का अपमान करने पर कितनी सजा?
यदि कोई तिरंगा सड़कों पर, चौक-चौराहों पर, पार्क में या फिर किसी भी पब्लिक प्लेस पर लगाया गया है तो स्थानीय प्रशासन की ये जिम्मेदारी है कि उसकी देखभाल की जाए। अगर कोई भी व्यक्ति तिरंगे का अपमान करते, जैसे- कुचलते, फाड़ते, जलाते, दूषित करते या फिर नियम के खिलाफ ध्वजारोहण करते पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। भारतीय झंडा संहिता, 2021 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 के तहत उसे तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों सजा मिल सकती है।
भारतीय ध्वज संहिता, 2002 को समझिए
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 के पैरा 2.2 के नियम के अनुसार यदि राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) डैमेज हो जाता है तो इसे डिस्पोज करने के दो तरीके हैं। पहला- जलाना और दूसरा- दफनाना। दोनों के लिए ही सख्त नियमों का पालन करना अनिवार्य है। तिरंगे को दफनाने के लिए लकड़ी का बॉक्स बनाकर झंडे को उसमें रखा जाता है और फिर एकांत में सुरक्षित स्थान पर उसे जमीन में दफनाया जाता है। वहीं डैमेज झंडे तो जलाने के लिए सुरक्षित और एकांत स्थान का चयन करना अनिवार्य है। नियमों के अनुसार तिरंगे को कूड़ेदार या कहीं और नहीं फेंकना चाहिए।
अब 24 घंटे फहराया जा सकता है तिरंगा
राष्ट्रीय ध्वज को पहले सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराने की अनुमति थी। मगर नए नियमों के अनुसार अब तिरंगे को 24 घंटे फहराया जा सकता है। सरकार ने 20 जुलाई 2022 को ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत कानून में संशोधन किया था। इससे पहले 26 जनवरी 2002 में बने नियमों के तहत पॉलिस्टर से बने और मशीन से बने झंडे को फहराने की इजाजत नहीं थी। हालांकि साल 2021 के दिसंबर महीने में इसकी अनुमति दे दी गई थी।
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