बीजद ने कब-कब बचाई NDA की डूबती नैया? हर बार BJP का साथ क्यों देते हैं नवीन पटनायक; जानिए

Delhi Services Bill: बीजू जनता दल ने दिल्ली सेवा बिल पर भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है। इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी भाजपा का समर्थन करने की घोषणा की थी। बीजद और वाईएसआर कांग्रेस के इस हालिया ऐलान के बाद राज्यसभा में बिल पास होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है।

Naveen Patnaik- PM Modi

Naveen Patnaik- PM Modi

Delhi Services Bill: दिल्ली में अधिकारों के नियंत्रण को लेकर 'दिल्ली सेवा बिल' लोकसभा में पेश कर दिया गया है। इस बिल पर आज संसद में चर्चा संभव है। एक तरफ जहां, विपक्षी गठबंधन INDIA इस बिल का विरोध कर रहा है, तो वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इसे विरोध की राजनीति करार दिया है। सबसे अहम बात यह है कि बीते मंगलवार को इस बिल पर बीजू जनता दल ने भाजपा को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है।
इससे पहले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने भी भाजपा का समर्थन करने की घोषणा की थी। बीजद और वाईएसआर कांग्रेस के इस हालिया ऐलान के बाद राज्यसभा में बिल पास होने का रास्ता लगभग साफ हो गया है। इसके बाद कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन की पार्टियों ने बीजद और वाईएसआर कांग्रेस की आलोचना भी शुरू कर दी है।
आइए जानते हैं वर्तमान में राज्यसभा की स्थिति क्या है? दिल्ली सेवा बिल को पास कराने के लिए भाजपा को कितने सांसदों की जरूरत है? बीजद और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन के बाद स्थिति कितनी मजबूत हो गई? नवीन पटनायक अहम मौकों पर भाजपा के साथ क्यों आते हैं? इससे पहले उन्होंने भाजपा का साथ कब-कब दिया...

राज्यसभा की वर्तमान स्थिति और BJP को कितने सांसदों की जरूरत

दिल्ली सेवा बिल और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर लोकसभा में भाजपा का रास्ता बिल्कुल साफ है। पार्टी खुद के बल पर संसद के निचले सदन में इतनी मजबूत है कि वह यहां दोनों मुद्दों पर विपक्ष से भारी दिखाई देती है। हालांकि, पेंच राज्यसभा में फंसा हुआ है। दरअसल, राज्यसभा में कुल सांसदों की संख्या 238 है और सात सीटें खाली हैं। इस लिहाज से भाजपा को विधेयक को पारित कराने के लिए 120 सांसदों के समर्थन की आवश्यकता है। जबकि, भाजपा के नेतृत्व वाले NDA के पास सिर्फ 103 सांसद ही हैं। हालांकि, बीजद और वाईएसआर कांग्रेस के समर्थन के बाद राज्यसभा में भी भाजपा मजबूत हो गई है। बता दें, बीजद और वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा में 9-9 सांसद हैं।

बीजद ने कब-कब लगाई NDA की नैया पार?

नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल भले ही NDA का हिस्सा न हो, लेकिन BJD और BJP की जुगलबंदी काफी पुरानी है। 1997 में बीजद के गठन से लेकर अब तक पार्टी ने कई अहम मौकों पर भाजपा का साथ दिया है। हालिया मौकों की बाद करें तो राज्यसभा में बीजेपी ने कई चुनौतीपूर्ण मौकों पर बीजद के दम पर विधेयकों को पास कराया है। आंकड़ों का रुख करें तो 2019 में नागरिकता संशेधन विधेयक पर भी बीजद ने भाजपा का साथ दिया था। इसके अलवा आर्टिकल 370 को निरस्त करने, तीन तलाक को गैर-कानूनी बनाने वाले विधेयक अश्विननी वैष्णव को राज्यसभा में जिताने मे भी बीजद भाजपा के साथ खड़ी दिखाई दी थी।

BJP का हर बार साथ क्यों देते हैं पटनायक?

इस कहानी का समझने के लिए हमें नवीन पटनायक की राजनीति को समझना होगा। दरअसल, नवीन पटनायक की छवि एक ऐसे नेता की रही है, जिनके केंद्रीय पार्टी से हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं। जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार सत्ता में थी, तब भी नवीन पटनायक के केंद्रीय सरकार के साथ अच्छे संबंध थे। वहीं, जब यूपीए सत्ता में आई तब भी उनके संबंध सोनिया गांधी के साथ मधुर थे। उनकी राजनीति को नजदीक से समझने वालों का कहना है कि नवीन पटनायक हमेशा ओडिशा में अपनी पार्टी को मजबूत रखना चाहते हैं। यही कारण है कि वह किसी के न होकर भी केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए सबकुछ होते हैं।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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