साल का सबसे EXPLOSIVE इंटरव्यू: मैं PM पद का दावेदार नहीं, BJP प्रोपेगेंडा से जीतती है चुनाव-अखिलेश यादव

Akhilesh Se Sawal Public Ka: समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव और मैनपुरी सांसद डिंपल यादव और उनके बच्चों का साल का सबसे एक्सप्लोसिव इंटरव्यू देखिए, जिसमें उन्होंने हर सवाल के बारीकी से जबाव दिए हैं।

Akhilesh Yadav interview

अखिलेश यादव और मैनपुरी सांसद डिंपल का साल का सबसे बड़ा सबसे EXPLOSIVE इंटरव्यू

किंग या किंगमेकर.. 2024 को लेकर अखिलेश यादव की रणनीति क्या? तीखे सवालों से पहली बार डिंपल यादव की सीधी टक्कर, देखिए, टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के सैफई में पूछे गए तमाम सारे सवालों पर क्या बोले अखिलेश और डिंपल यादव, देखिए साल का सबसे EXPLOSIVE INTERVIEW-

सवाल - नेताजी की जो विरासत है इसे आगे कैसे लेकर जाएंगे, अखिलेश का क्या रास्ता रहेगा क्योंकि हम 2023 में हैं, 2024 दूर नहीं है?

जवाब - नेताजी ने हमें विरासत में समाजवादी आंदोलन दिया है, बड़े संघर्ष के साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाया।नेताजी हमें सेकुलर पॉलिटिक्स देकर गए हैं हमें ऐसी पार्टी से मुकाबला करना है कि जिसे 60% तक वोट मिला है इसलिए नेताजी के सेकुलर, सोशलिस्ट रास्ते पर चलकर लोकतंत्र को और मजबूत करना है हम हारे हैं लेकिन अनुभव भी मिला है....मैंने राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन किया, बीएसपी के साथ गठबंधन किया, छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया...इसलिए ये साल संघर्षों का है....जो चाहते हैं सेकुलर, सोशलिस्ट रास्ते पर चले, लोकतंत्र बचे, संविधान बचाए, बाबा साहब के रास्ते पर चले, उन सबको जोड़कर ही हम मुकाबला कर पाएंगे

सवाल - आपने सेकुलर शब्द का इस्तेमाल 3-4 बार किया, क्या सेकुलर शब्द की परिभाषा बदल गई है, कई लोग मानते हैं कि सेकुलर शब्द बड़ा abused word नहीं है, क्योंकि बीजेपी जिन्हें लोग कम्युनल कहते हैं उन्हें लोग वोट कर रहे हैं

जवाब - मुझे याद है कि सीएम और कई मंत्री सोशलिस्ट शब्द पर भी सवाल उठाते रहे हैं, वो कहते हैं कि सोशलिस्ट क्या है हम सब एक हैं लेकिन भेदभाव इसलिए पैदा करते हैं क्योंकि उन्हें वोट चाहिए।

सवाल - आपने नहीं किया, फरवरी के चुनावों में आपने कहा कि आपके सपने में कृष्ण जी आते हैं, कहीं आप जिन्ना का नाम लेते हैं, तो कहीं आप कन्फ्यूज्ड नहीं ?

जवाब - हमें कोई कन्फ्यूजन नहीं। जो नेताजी ने रास्ता दिखाया। हमारा रास्ता डेवलपमेंट का है। नई चीजें कैसे लाएं हम,यूपी का इन्फ्रास्ट्रक्चर कैसे बेहतर हो मैं उदाहरण दे सकता हूं - पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर वायुसेना का सबसे बड़ा विमान हरक्यूलस उतारा गया और बताया गया कि हम कैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप कर सकते हैंटेक्निकल स्पेशिफिकेशन समाजवादी सरकार के थे, एक भी इंच बीजेपी सरकार ने इधर-उधर नहीं हिलाया....

हमारी पालिटिक्स सबको जोड़कर राजनीति करना चाहते हैं

लेकिन जो बीजेपी की कैपेसिटी है वो हमारी नहीं है...शायद मैं जो न्यूज चलवाना चाहूं,,,जो नैरेटिव बनवाना चाहूं वो हैसियत मेरी नहीं है... ये पावर बीजेपी में है, कांग्रेस में भी नहीं है ये पावर, इसलिए मैंने जो शब्द कहें वो आप तोड़ मरोड़ लेंगे...मैंने कहीं गलत नहीं कहा... अगर मैंने कोई बात गलत कही तो उसे पूरा क्यों नहीं दिखाया गया...

सवाल - आपका एक फॉर्मूला हुआ करता था - M Y, क्या आपको लगता है कि M हिला क्योंकि इसकी परिभाषा बदल गई क्योंकि जो स्कीमें आती हैं वो सबको जाती हैं

जवाब - MY हमारी स्ट्रेंथ है लेकिन समाजवादी पार्टी से जो लोग जुड़े हैं वो एक्क्रॉस द कम्युनिटी हैं

हमारी जो विचारधारा है उससे जुड़े लोग हैं

सवाल - क्या ओबीसी राजनीति में बीजेपी विपक्षी दलों को बहुत पीछे छोड़ चली है

जवाब - कुछ समय ओबीसी नहीं समझ पाया कि बीजेपी उनकी दुश्मन है। वो नहीं समझ पाया कि वो वोट लेते हैं लेकिन अधिकार नहीं देंगे।

सवाल - आप मैनपुरी जीत गए तो रामपुर क्यों हार गए? आजमगढ़ क्यों हार गए?

जवाब - आजम खान के साथ जो हुआ उससे बुरा किसी पालिटिकल नेता के साथ नहीं हो सकता। ये कैमरा झूठ नहीं बोलता। लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया गया।

सवाल - तो मैनपुरी में इलेक्शन फेयर था, रामपुर में नहीं था।

जवाब - सबसे जातिवादी पार्टी अगर देश में कोई है तो बीजेपी है।

सवाल - आपके पिता जी मुख्यमंत्री थे। सत्ता में परिवर्तन होता रहता है। आप मुख्यमंत्री थे तो सब सही था, आप हटे तो सब गड़बड़ हो गया?

जवाब - एक एग्जाम्पल दीजिए जब दुश्मनी की तरह हमने किसी नेता को फंसाया हो। जब मैं सरकार में आय़ा तो बहुजन समाज पार्टी के सारे प्रोजेक्ट चालू हुए इस प्राइमरी स्कूल से क्या दुश्मनी है बीजेपी को

सवाल - आपने खुद बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेस वे पर कुछ भी नहीं बदला....यही तो गवर्नेंस इन कंट्युनिटी है।

जवाब - जो लैंड एक्वीजिशन थी, जो स्पेसिफिकेशन था, वही था जो समाजवादी सरकार में था,मैं इसे डिनाइ नहीं कर रहा हूं लेकिन जो क्वॉलिटी होनी चाहिए थी, वह नहीं रही।

सवाल - 2017, 2022, 2014, 2019 के चुनाव देख लें...तो नरेंद्र मोदी पीएम बने हैं तो लोगों की वजह से हुआ है या बीजेपी ने कोई घपला किया है?

जवाब - जो हमारे स्पीच है, पीएम और मुख्यमंत्री की स्पीच निकाल लीजिए, पीएम ने 25 बार घोर परिवारवादी कहा

सवाल - कैसे कहेंगे

जवाब - बीजेपी में नहीं है परिवारवाद अगर मुझे कोई चुनता है तो मैं दोषी हूं।

सवाल - आपने चुना हुआ अध्यक्ष कहा- बड़ी अच्छी बात कही, इस पर हम आगे भी बात करेंगे...

अगर आप काम रोक दोगे, क्योंकि गांव अच्छा ना बन जाए, एकबार जुबिन मेहता, रतन टाटा मैंने यहां म्यूजिक कॉलेज दिया, सरकार चली जाए तो रोक दिया। ये पूरी जगह थी जहां म्यूजिक कॉलेज बनना था

सवाल - सरकारें बदलती हैं, एक पार्टी, दूसरी पार्टी, क्या इस वजह से

जवाब - मुझे जब मौका मिला, बीएसपी की सरकार थी, एक भी प्रोजेक्ट उनका रोका गया हो।महामाया पेंशन योजना मैंने नहीं रोकी।

एक भी पात्र नहीं बदला, केवल नाम बदला।जो लोग छूट गए थे उनको जोड़ा क्योंकि बहुत सारे लोग छूट गए थे।जो आगरा से लेकर दिल्ली तक एक्सप्रेव का काम था। पुरानी सरकार ने कुछ फैसले लिए थे। कुछ गलत लिए थे। उन फैसलों को बदलकर आगरा-दिल्ली एक्सप्रेस वे को पूरा किया हमने।जो सर्टिफिकेट दिया वो समाजवादी सरकार का दिया हुआ है, कुछ हिस्सा गलत दिया हुआ है उसमें। म्यूजिक कॉलेज का काम रोक दिया, प्राइमरी स्कूल का काम रोक दिया, मंडी बनाया था, एक परिवार खेती का काम कर रहा है, तो एक प्रोड्यूस बेचने का काम कर रहा है, तो जितना समाजवादी सरकार में काम हुआ, उसके आगे काम नहीं हुआ।ये किसान बाजार, उसके अंदर लाइब्रेरी है, अच्छा लाइब्रेरी से क्या दुश्मनी है बीजेपी को। लाइब्रेरी क्यों बंद कर दी।

सवाल - किसानों का एक आंदोलन चला, उसके बाद चुनाव हुए, जाटों का वोट कम हुआ

जवाब - वोट कम नहीं हुआ...मैं ये सर्वे नहीं मानता, ये सब बीजेपी स्पॉन्सर्ड होते हैं

जवाब - स्पॉन्सर्ड किसके हैं, फंडिंग किसकी है ?

सवाल - वेस्टर्न यूपी में कौन जीता है

जवाब - मैं ये स्वीकार कर रहा हूं कि बीजेपी जीती है लेकिन एसपी और आरएलडी का वोट परशेंटेज बढ़ा है, कम नहीं हुआ है

सवाल - आपने एक चुनाव मायावती जी के साथ लड़ा है. एक कांग्रेस के साथ लड़ा है, आपको फ्यूचर अलायंस इन्हीं में से चुनना पड़ेगा ?

जवाब - मैं भविष्य की बात नहीं कर सकता है, लेकिन एसपी अकेले चुनाव की तैयारी कर रही है, जो गठबंधन में हैं, उन्हीं के साथ मैं तैयारी कर रहा हूं।

सवाल - 2024 के रनअप में कौन सी पार्टियां इकट्ठी होंगी

जवाब - मैं आपको हॉस्पिटल दिखाना चाहता हूं...इसको शापोरजी पालोनजी।आपने फंड नहीं दिया। क्यों नहीं दिया, क्योंकि सैफई में बन रहा था।

अब आप इनवेस्टमेंट लेने जा रहे हैंआप तो कंपनी भगा रहे हैं

सवाल - योगी आदित्यनाथ सीएम हैं, डेवास जा रहे हैं, इन्वेस्टमेंट इनवाइट कर रहे हैं लेकिन आप निशाना साध रहे हैं

जवाब - मैं निशाना नहीं साध रहा हूं

सवाल - कितनी टेलीकॉम कंपनियां आईं बीजेपी के राज में

जवाब - और सरकार की कितनी टेलीकॉम कंपनियां थीं जो बंद हो गईं सब

सवाल - लोगों को कुछ तो लगा होगा तभी तो सरकार चुन कर आती है

जवाब - उनके प्रोपेगेंडा का कोई मुकाबला नहीं हो सकता

सवाल - प्रोपेगेंडा की वजह से जीत जाते हैं चुनाव

जवाब - बिल्कुल मानता हूं उनके पास संगठन है, लेकिन जिस तरह प्रोपेगेंडा करते हैं, उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता।उनकी पालिटिक्स है डिवाइड करने की, कभी हिंदू-मुस्लिम, कभी किसी जाति के खिलाफ भड़का दिया।जैसे अंग्रेजों का काम था - डिवाइड एंड रूल, समाज को बांटों, वोट पाओ,सरकार बनाओ।

सवाल - आपकी पार्टी में ही बंटवारा है, शिवपाल जी वापस आए, आजम खान है, कौन बड़ा आईकान है

जवाब - बीजेपी में इतना झगड़ा है, हमारा थोड़ा भी है तो आप दिखाएंगे

सवाल - आपने कहा कि बीजेपी नैरेटिव बहुत अच्छा बनाती है, क्या नैरेटिव की वजह से कोई इतने चुनाव जीतता है...आपने अभी गुजरात में देखा...27 साल बाद फिर से चुनाव जीतना आसान नहीं होता

जवाब - देखिए मैं गुजरात की बात नहीं करता, लेकिन महंगाई है, बेरोजगारी है, तो अबकी बार जो परिस्थितियां बनने जा रही है, बीजेपी मुकाबला नहीं कर पाएगी।

सवाल - आप 2024 का चुनाव कन्नौज से लड़ेंगे

जवाब - लोकसभा चुनाव लड़ूंगा।

सवाल - आप विपक्ष की ओर से पीएम पद के दावेदार हैं

जवाब - नहीं इतना बड़ा सपना नहीं है, ये स्टेडियम बन जाए इससे बड़ा सपना नहीं देखता मैं।मैं ये दिखाना चाहता था कि इतने बड़े स्वीमिंग पूल का हाल क्या किया आपने?इसका उद्घाटन मैंने किया था। जब मैंने उद्घाटन किया था तो ओलंपिक एसोसिएशन वाले आए थे। तो उन्होंने कहा था कि ऐसे इंफ्रास्ट्रक्चर वाला एक्वेटिक सेंटर कहीं नहीं

मैं ये दिखाना चाहता था कि बीजेपी की सरकार आने के बाद यहां कबूतर रह रहे हैं।आप इससे अच्छा बना लो, कौन रोक रहा।

आपने अटल जी की प्रतिमा लगायी, लोकभवन में लगायी जो समाजवादी सरकार ने बनायी, कल्याण सिंह की प्रतिमा वहां लगायी जो कैंसर इंस्टीट्यूट नेताजी ने बनवाया, मैंने पूरा किया। आपने स्टेडियम का नाम बदला। अटलजी का गांव यहां से 80 किलोमीटर दूर है, वहां यूनिवर्सिटी क्यों नहीं बनायी आपने।

सवाल - जब यहां स्टेडियम बना तो क्या यहां डिमांड थी, या बन गया क्योंकि ये सैफई है

जवाब - नहीं SAI का सेंटर था, यहां स्पोर्ट्स हास्टल है।

अखिलेश - कितने बच्चे हैं स्वीमिंग के 76 बच्चे हैं, मैंने बनाया था, पूरे प्रदेश के बच्चे हैं।

गोरखपुर का बच्चा भी ठंडे पानी में स्वीमिंग कर रहा है ये वर्ल्ड क्लास क्रिकेट स्टेडियम हैजो पिच क्यूरेटर भी सेम है, धर्मशाला

नाविका - अब डिंपल यादव जी है जो मैनपुरी से लोकसभा का चुनाव जीती हैं, नेताजी की लिगेसी कैसे आगे ले जाएंगी

डिंपल - क्षेत्र ने चुना है मुझे। लोकसभा में द्वेष और द्रोह ना रखते हुए, बच्चों को देखते हुए, सरकारों को काम करना चाहिए

सवाल - नेताजी और अखिलेश में सिमलैरिटी क्या है, आप अंतर क्या है

डिंपल - मेरा मानना है कि हर व्यक्ति अलग होता है

पॉलिटिक्स में कहते हैं एजुकेटेड यूथ चाहिए, जो समाजवादी पार्टी प्रोवाइड कर रही है

सवाल - पिछले 2 चुनाव में समाजवादी जीत नहीं पायी, इनका कहना है नैरेटिव और प्रोपेगेंडा है, आपको भी ऐसा लगता है

डिंपल - नेरेटिव तो बीजेपी सेट करती है, लेकिन जिस तरह महंगाई है,बेरोजगारी बढ़ गई, मुझे लगता है कि लोग देख रहे हैं,

सवाल - पार्टी में ये आपके बॉस है, पार्टी प्रेसीडेंट हैं, घर में कौन बॉस है

डिंपल - ये नेता है, घर में तो आप जानते हैं, आपके घर में कौन लीडर है, (हंसते हुए)

नाविका - अखिलेश जी कभी डांट पड़ती है

अखिलेश - नहीं पड़ती है

नाविका - आप घर में भी पार्टी प्रेसीडेंट ही रहते हैं

अखिलेश - जब आदत पड़ जाती है, पार्टी प्रेसिडेंट की फिर वही रहता है सब

डिंपल - घर में हम तीन महिलाएं हैं और हम साथ खड़े होते हैं

नाविका - अखिलेश जी घर में कुछ हाथ बंटाते हैं

डिंपल - बस चले तो सब कुछ खुद कर सकते हैं

नाविका - आप खाना वाना बना लेते हैं

अखिलेश - मैं हास्टल में रहा हूं,तो सब कर लेता हूं

नाविका - आप बच्चों से कनवर्सेशन होता है, क्या करना है

अखिलेश - मुझे लगता है कि आज के बच्चे बहुत समझदार है, उन्हें पता है कि क्या करना है। आप अब्सट्रक्शन करेंगे तो शायद आपको पसंद नहीं करेंगे...

नाविका - अनपापुलर पेरेंट कौन है, जो डिसिपलिन में रखता है

अखिलेश - कुछ चीजें ऐसी है जो उन्हें क्या पढ़ाई करना है, आज बच्चे equipped हैं।

नाविका - बच्चों ने डिसाइड किया है, किस तरह जाना है उनको

डिंपल - मेरी बच्ची ग्रेजुएशन थर्ड ईयर है, उसने इंटरनेशनल पॉलिटिक्स लिया है, बाकी 2 अभी क्लास 11 में हैं

नाविका - अखिलेश जी राहुल के बारे में क्या कहेंगे. आप मानेंगे कि भारत जोड़ो यात्रा से ट्रैक्शन वापस मिलेगा ?

akhilesh - उनकी यात्रा से मैं जुड़ा हूं भावना से....मैं शुभकामनाएं देता हूं...भारत की पहचान ही यही है कि सब लोग मिल जुल कर रहते हैं। लेकिन उसमें शामिल होना, नहीं होना,, क्योंकि वो पॉलिटिकल पार्टी का एक कार्यक्रम है। पालिटिकल पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते।

नाविका - तो आप भावना के साथ जुड़े हैं, लेकिन साथ में मार्च नहीं कर सकते

अखिलेश -नहीं साथ मार्च नहीं कर सकते हैं। हमारी पार्टी का अपना चल रहा है कार्यक्रम। 2000 किमी. बच्चे चल चुके। तो वो भी बीजेपी को हटाने के लिए चल रहा है। तो जगह-जगह ऐसी यात्राएं चल रही हैं।

नाविका - लेकिन भारत क्या टूटा हुआ है, जिसे जोड़ने की जरूरत है

अखिलेश - सब एक साथ हैं, हमारी पहचान ही यही है कि हम दूसरे से जुड़े हैं। हम संस्कृति, परंपराओं से जुड़े लोग हैं। अगर वो जोड़ना चाहते हैं, भावनाओं से मिलकर जोड़ना चाहते हैं तो अच्छी बात है।

नाविका - कमलनाथ जी का एक स्टेटमेंट आया है कि वो प्राइमिनिस्टीरियल कैंडिडेट हैं और देखा जाए तो वो नेशनल पार्टी हैं बीजेपी के मुकाबले में अगर देश में देखा जाए तो....

अखिलेश - समय बदल गया है, नेशनल पार्टियों ने प्रदेश की भावनाओं को नहीं समझा।आज रीजनल पार्टियां बहुत मजचूत दिखायी दे रही है, साउथ में अगर आप देख लें....तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश हो, तेलंगाना हो....या कर्नाटर हो जहां चुनाव होने जा रहा है, प.बंगाल है जहां ममता जी हैं..आपके बिहार में आदरणीय नीतीश कुमार जी हैं, तेजस्वी हैं। यूपी में समाजवादी पार्टी है, ओडिशा में दूसरी पार्टी है। रीजनल पार्टिज की भी अपनी ताकत है।

नाविका - आप रीजनल ताकत हैं, लेकिन पैन इंडिया अगर बीजेपी को चुनौती देनी है तो क्या आप साथ आएंगे।

अखिलेश - यही सब स्टेट हैं अगर यही हरा दिए तो बीजेपी नेशनल पार्टी कहां बची?

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नाविका - हम दोबारा समाजवादी रथ में है, अब ये सैफई की सड़कों से होता हुआ मैनपुरी की ओर जा रहा है।

क्या किसी पॉलिटिशन के लिए कोई ब्रेक टाइम होता है, हाउ डू यू मैनेज?

डिंपल - he does not have break time, b'cos he is always on move...कैंपेनिंग में शाम को वक्त मिला...he has quite busy schedule.

नाविका - बच्चे ग्रोइंग एज में मिस करते हैं, क्योंकि पॉलिटिक्स काफी टाइम कंज्यूमिंग होता है

डिंपल - हां, लेकिन मैंने बच्चों को अधिकतम समय देने की कोशिश की है, बच्चे मेरी प्रॉयरिटी हैं। लेकिन अब वो बड़े हो चुके हैं तो शायद मुझे और वक्त मिलेगा।

नाविका - हमारे साथ टीना हैं, विद योर परमिशन कैन वी फोकस कैमरा ऑन हर

टीना हाउ डु यू सी देम ऐज पेरेंट्स, हाउ डु यू डील विद देम बीइंग सो फेमस एंड पेरेंट एट होम

टीना -

नाविका - घर में बच्चों को नॉर्मल माहौल देना एक पॉलिटिकल फैमिली में कितना बड़ा चैलेंज है?

डिंपल - मुझे नहीं लगता कि ये कोई चैलेंज है हामरे लिए।

नाविका - लेकिन मिलने जुलने वाले बहुत आते हैं, क्या आप उन्हें exposed होने देना चाहते हैं, एक मां के मन में क्या चलता रहता है।

डिंपल - नहीं इन्हें expose नहीं होने दिया गया, लेकिन अब जब ये बड़े हो गए हैं, इन्हें चीजें सीखनी भी हैं।

नाविका - राजनीतिक रणनीति बनाने में आप कितना पैशन रखती हैं

डिंपल - मैं सिर्फ समाजवादी कार्यकर्ता हूं, मुझे जो भी ड्यूटी मिलती है उसे निभाने की कोशिश करती हूं।

नाविका - आप क्या ड्यूटी देते हैं

अखिलेश - नहीं अभी हम उस लेवल पर काम नहीं करते हैं कि रणनीति बनाएं, लेकिन बेसिक जो काम होता है समाजवाद का वही देते हैं। बीजेपी की तरह नहीं है क्रिएट करना है कुछ, खुद ही करो और उसका इश्यू बना लो।

नाविका - मैं राजनीति का रैपिड फायर राउंड करना चाहूंगी...मायावती और कांग्रेस में बेहतर अलायंस पार्टनर कौन है ?

akhilesh - मैं इस पर कोई जवाब नहीं दूंगा क्योंकि अनुभव मेरा दोनों का खराब रहा।

नाविका - अगर 2024 में आपको मिल कर काम करना है, तो ऑर्डर ऑफ प्रेफरेंस में मुझे बताइये - नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, केसीआर या इनके अलावा और कोई

अखिलेश - मैं तीनों के साथ अच्छा काम कर सकता हूं

नाविका - इन तीनों में बेहतर पीएम कैंडिडेट किसे मानते हैं

अखिलेश - अभी तीनों हैं

नाविका -पीएम कैंडिडेट?

अखिलेश -क्यों नहीं हैं, प्रयास अगर कर रहे हैं कि विपक्ष को जोड़ रहे हैं तो अच्छी बात है।

नाविका -अखिलेश अगर कैटेलिस्ट बनेंगे तो कैसे ?

अखिलेश - मैं कैटेलिस्ट नहीं बनूंगा, मुझसे जो होगा वह काम करूंगा।

यूपी में और जनता के जो मुद्दे है वो उठाउंगा।

नाविका - इन तीनों को आप कह रहे हैं कि ये कैपेबिल हैं, और राहुल गांधी ?

अखिलेश - वो भी अच्छा काम कर सकते हैं,

नाविका - अच्छा काम कर रहे हैं, या कर सकते हैं ?

अखिलेश - मैंने उनकी भारत जोड़ो यात्रा की शुभकामनाएं दीं लेकिन आज बहुत सारी बुराइयां हैं जो कांग्रेस की देन हैं।

नाविका - पॉसिबल है कांग्रेस और एसपी लोकसभा चुनाव के लिए साथ आ सकती है

अखिलेश - मुझे नहीं लगता कि कभी भी ऐसा होगा। 24 तक तो नहीं होगा

नाविका - राहुल पीएम मैटेरियल हैं ?

अखिलेश - जो प़ॉलिटिक्स में है, और इतनी बड़ी पार्टी के नेता है, तो स्वाभाविक है उनकी इच्छा तो होगी।

नाविका - पर वो मैटेरियल हैं कि नहीं

अखिलेश - इच्छा तो है उनकी

नाविका - इच्छा होना और

अखिलेश -मैं कैसे तय कर सकता हूं कि कौन है कौन नहीं है?

मुझे लगता है कि अगर कांग्रेस के लीडर हैं तो क्यों नहीं इच्छा होगी।

नाविका - अखिलेश खुद को क्यों नहीं पीएम कैंडिडेट घोषित करते ?

अखिलेश - मैं ये जानता था कि ये सवाल होगा।

नाविका - आप बहुत स्मार्ट हैं

अखिलेश - नहीं मेरा इतना बड़ा सपना नहीं है।

नाविका - 2024 में मोदी के मुकाबले कोई खड़ा हो सकता है ?

अखिलेश - इस बार जनता खड़ी होगी।

नाविका -मोदी की कोई एक अच्छाई ?

अखिलेश - अच्छाई बहुत हो सकती है, बुराई बहुत हो सकती है, पर्सनल लेवल पर मैं जाना ही नहीं चाहता।

नाविका - मैं पर्सनल नहीं कह रही, मैं पॉलिटिकल कह रही हूं, कोई अच्छा काम जो उन्होंने किया, जिसकी आप सराहना करते हैं ?

अखिलेश - सराहना की बात तो यही है कि कोई काम ही नहीं, बस प्रचार हो जाए यही सबसे बड़ा काम है।

नाविका - कोई एक चीज जो आप उनसे सीखना चाहें

अखिलेश - प्रचार।

नाविका - डिंपल जी, रैपिड फायर अब आपके साथ

आपका रोल मॉडल कौन है पॉलिटिक्स में ?

डिंपल - रोल मॉडल नेता जी रहे हैं.....क्योंकि उन्होंने रूरल एरिया की बात की है, शहरों को भी आगे बढ़ाने का काम किया है। I think, अखिलेश जी भी अच्छे रोल मॉडल हैं। समझते हैं कि देश की समस्या क्या है ? कैसे प्रदेश को आगे लेकर जाना है।

नाविका -- एक सेल्फ इम्पावर्ड विमेन आप किसको मानते हैं ?

डिंपल - मुझे लगता है कि ममता बनर्जी।

नाविका - अखिलेश कितने पार्टनर हैं, इन पॉलिटिक्स, इन टर्म्स ऑफ सपोर्ट ?

डिंपल - he supports a lot I think

नाविका - Is he over bearing as a husband ?

डिंपल - Not really.

नाविका - आप थोड़ा उधर देखिए वो डर रही हैं

अखिलेश - ये जमाना डरने डराने वाला ही नहीं है

नाविका - उन्होंने कहा कि घर में दोनों बेटियों और उनकी ज्यादा चलती हैं, आप माइनॉरिटी में आ जाते हैं, क्या पैंतरे इस्तेमाल करते हैं

अखिलेश - ये स्टेज कभी आती नहीं है और घर में ऐसा नहीं है

नाविका - ऐसा तो नहीं होता है, हर घर में होता है

अखिलेश -होता ही नहीं

नाविका - अच्छा लड़ाई होती है, आपस में

अखिलेश - नहीं होती

नाविका - नहीं होती, ऐसा कैसे हो सकता है ?

सारा गुस्सा आप बीजेपी पर उतार देते हैं,

अखिलेश - नहीं, नहीं कोई लड़ाई नहीं होती

नाविका - ये रूठती भी नहीं हैं आपसे ?

अखिलेश - ये जमाना रूठने, रुठाने वाला है ही नहीं, ये जमाना ही दूसरा आ गया है

नाविका - ऐसा कैसे हो सकता है कि पति-पत्नी में लड़ाई ना हो

डिंपल - नहीं, होती है ऑफकोर्स।

नाविका - अच्छा आदमियों को नहीं लगती कि ये लड़ाई होती है, इनको लगता है कि ये भी नॉर्मल है

नाविका - मैनपुरी की सड़कें अपनी सांसद को देख रही हैं

अखिलेश जी ये भीड़ अपने आप आयी है या आपके आने का संदेशा पहले पहुंच जाता है?

अखिलेश - ये लोग अपने आप आए हैं और हमारे बुलाने से नहीं आए हैं।

अगर बुलाया गया होता तो रेड कैप होती है सर पर।

देखिए जीत जो हुई है वो 3 लाख वोटों से हुई है, 64% से अधिक वोट मिला है। नेताजी का क्षेत्र रहा है। सब लोग नेताजी और समाजवादी पार्टी से पहले से जुड़े लोग हैं।

हर वर्ग के लोग नेताजी के साथ जुड़े हुए हैं।

नाविका - पिछले कुछ साल में ऐसा हुआ कि नेताजी का परिवार बिखरा हुआ था., आप ने क्याकिया ऐसा कि शिवपाल जी वापस आए, कुछ मैसेज ये भी गया कि परिवार सारा इकट्ठा है।

डिंपल - सब चाह रहे थे कि सभी साथ आएं, कृपा है परमात्मा की कि इतने कम्पैक्ट तरीके से हम साथ आए हैं।

आप देखेंगे कि आने वाले चुनाव में हम साथ रहेंगे।

नाविका - कई बार डोर में गांठे पड़ जाए तो उसे हटाना आसान नहीं होता

अखिलेश - देखिए चाचा पहले भी थे, चाचा आज भी हैं। और जो पॉलिटिकल दूरियां थीं, वो खत्म हो गईं।

नाविका - डिंपल जी परिवार को संजोने में इनकी भूमिका ज्यादा थी या आपकी ?

डिंपल - मैंने पहले भी बताया कि जो सिचुएशन आयी उसकी वजह से परिवार पूरा परिवार उखड़ गया। अब किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं क्योंकि परिवार एक है।

नाविका - अगली रणनीति क्या रहेगी क्योंकि 2024 आ रहा है

अखिलेश - देखिए, लोगों के मुद्दे और जो लोग चाह रहे हैं हम ये कहने में कामयाब हो गए तो परिवर्तन होगा। क्योंकि वो बातें कहनी चाहिए जो जनता को पसंद हैं। अगर जनता के पसंद वाली बात कहेंगे तो जनता का समर्थन मिलेगा। जो बुनियादी सवाल हैं वो as it is....चरम सीमा पर महंगाई है, चरम सीमा पर बेरोजगारी है....किसान को जो मदद मिलनी चाहिए थी, वो नहीं मिल पा रही है, उसकी पैदावार की कीमत नहीं मिल पा रही है। और सबसे बड़ी बात बीजेपी ने ये कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, अब हम 2023 में हैं तो किसान अपना हिसाब-किताब लगाएगा....कि क्या उसकी आय दोगुनी हो गई। जो लागत है, लागत की कीमत बढ़ गई लगातार। और खाद वगैरह सब बढ़ गई।

नाविका - लेकिन बीजेपी ने जब ये कहा था तब कोरोना नहीं था। कोरोना से कुछ सेटबैक तो हुआ है।..

अखिलेश - नहीं, कोरोना का क्या है, कोरोना में जो जिम्मेदारी सरकार की थी, वो जिम्मेदारी सरकार को निभानी चाहिए थी। सरकार ने जिम्मेदारी क्यों नहीं निभायी?

नाविका - WHO, बाहर के तमाम देश सरकार की तारीफ कर रहे हैं।

अखिलेश - WHO के पास अपने आंकड़े थोड़े हैं। आंकड़े तो भारत सरकार ने दिए होंगे। आज मैं कहता हूं कि जो कोरोना में जिनकी जान गई है, उनकी मदद करे। वो कहेंगे कि सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया है कि जो टेस्ट कराया है इसके तहत मदद होगी। कोई ऐसा गांव नहीं जिसमें किसी ना किसी परिवार ने अपना सदस्य खोया ना हो। इलाज किसी को मिला नहीं और इलाज अपना कराते रहे वों।

नाविका - तो आपने कहा कि तमाम मुद्दे हैं जिन पर आप सरकार को घेर सकते हैं, और घेरेंगे भी....लेकिन सरकार को चैलेंज करना और मुद्दे उठाना एक तरफ, ये मुद्दे 2022 के चुनाव में भी आपने उठाए थे। 2019 में भी उठाए थे। लेकिन फिर भी नरेंद्र मोदी के नाम पर हमेशा वोट पड़े हैं। मैं पूछना चाहती हूं कि इस बार की रणनीति क्या रहेगी ?

अखिलेश - अभी बीजेपी की जिम्मेदारी है, कि उन्हें बताना पड़ेगा कि उन्होंने जो वादे किए वो कितने पूरे हुए ? 2024 में बीजेपी की सरकार नहीं होगी। प्रधानमंत्री कौन होगा, मुझे नहीं पता।

नाविका - बहुत दावेदार हैं

अखिलेश - अच्छी बात है, दावेदार ज्यादा है, तो च्वाइस भी हमारे पास है।

नाविका - ये आपको लगता है, शायद जनता को नहीं लगता ?

अखिलेश - ये आप पाएंगे कि देश को जरूरत है कि किसान की बात हो। नौकरी-रोजगार मिले, महंगाई कम हो, जनता समझेगी, जनता महसूस करेगी।

नाविका - लेकिन जनता कभी-कभी ये समझती है कि बहुत से लोग हों तो जनता में कन्फ्यूजन भी ज्यादा होता है ?

अखिलेश - च्वाइस होना अच्छी बात है

नाविका - डिंपल जी, आप क्या देखती हैं 2024 में

डिंपल - मुझे लगता है कि सब दलों को साथ आना चाहिए। एक प्लेटफॉर्म आप देखेंगे कि बनेगा। इस बार चांसेज बहुत ब्राइट है।

नाविका - प्लेटफॉर्म बनेगा, बहुत नेता बनेंगे, उन नेताओं में फर्स्ट एमंग इक्वल कौन होगा ?

डिंपल - जिसकी जितनी सीट आएंगी, I think ये deciding factor होगा।

नाविका - कांग्रेस इस प्लेटफॉर्म का हिस्सा होगा या नहीं ?

डिंपल - सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए, ऐसे मेरा मानना है

नाविका - अखिलेश जी, कांग्रेस विपक्षी पार्टियों के साथ, उसकी जगह आप देखते हैं ?

अखिलेश - इसके लिए मैं क्या कह सकता हूं, कांग्रेस बताएगी लेकिन जो लीडर्स आज जोड़ने का काम कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि कोई ना कोई रास्ता निकलेगा।

नाविका -नीतीश जी, ममता जी

अखिलेश - मैं नहीं तय कर सकता हूं लेकिन अपने आप कोई ना कोई फैसला हो जाएगा। एक समय में जनता पार्टी को लोगों ने वोट दिया, लीडर बाद में तय हो जाएंगे। पहले बीजेपी को हराइये।

अखिलेश यादव, अध्यक्ष, एसपी- नहीं... नहीं.... नहीं... फिर तो आप इलेक्शन कमीशन को बुरा कह रहे हैं... या हमारे पूरे पॉलिटिकल सिस्टम को बेकार कह रहे हैं आप.... अगर मुझे कोई चुनता है तो उसके लिए क्या मैं दोषी हूं... और मैं दोषी हूं उसके लिए अगर मुझे कोई चुन रहा है तो... ये सवाल तो मैनपुरी लोकसभा में भी उठा था... तो इसका मतलब जनता खराब है... जो सवाल आप मुझसे पूछ रहे हैं... जो सवाल आप मुझसे चाहते हैं... उसका जवाब आप खुद नहीं देना चाहते हैं...

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