पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी शक्तिपीठ, मोदी भी टेक चुके है मत्था

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर है। जब भगवान शिव, देवी सती के मृत शरीर को ले जा रहे थे, तब यहां उनका सिर गिरा था। तभी से यह स्थान हिंगलाज माता मंदिर के रूप में पूजा जाने लगा। हिंगलाज माता मंदिर हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक गुफा मंदिर है। मंदिर में कोई द्वार या द्वार नहीं है।

पाकिस्तान स्थित हिंगराज माता मंदिर

मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश के शक्तिपीठ में जाकर देवी मां के दर्शन कर चुके हैं।
  • पुराणों के अनुसार कुल 51 शक्तिपीठ हैं।
  • हिंगलाज माता मंदिर हिंगोल नदी के तट पर स्थित एक गुफा मंदिर है।

Navratri Festival And 51 Shaktipeeth:शारदीय नवरात्रि शुरू हो गए हैं। और इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि में 51 शक्तिपीठों का भी बेहद महत्व है। पुराणों के अनुसार देवी सती ने जब यज्ञ कुंड में अपने आपको भस्म कर दिया था। उसके बाद भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव करने लगे और धरती पर विचरण करते रहे। इस दौरान देवी सती के अंग, जिन जगहों पर गिरे वह बाद में शक्ति पीठ कहलाए। इन शक्ति पीठों में कुछ शक्ति पीठ पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी हैं। इसमें से एक पाकिस्तान में शक्ति पीठ है, जबकि बांग्लादेश में 4 शक्ति पीठ हैं।

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पाकिस्तान में है हिंगलाज माता का मंदिर

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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर है। जब भगवान शिव, देवी सती के मृत शरीर को ले जा रहे थे, तब यहां उनका सिर गिरा था। तभी से यह स्थान हिंगलाज माता मंदिर के रूप में पूजा जाने लगा। मंदिर में माता अपने पूरे रूप में नहीं दिखतीं,बल्कि उनका सिर्फ सिर नजर आता है। ऐसी मान्‍यता है कि इस शक्तिपीठ पर भगवान श्रीराम, परशुराम के पिता जमदग्नि, गुरु गोरखनाथ, गुरु नानक देवजी भी आ चुके हैं। मौजूदा मंदिर को करीब 2000 साल पुराना माना जाता है। हिंगलाज मंदिर पहुंचना अमरनाथ यात्रा से भी ज्यादा कठिन माना जाता है।

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