NEET Paper Leak: सीबीआई ने कई राज्यों में जांच संभाली, गिरफ्तारियों का सिलिसिला जारी, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ

नीट-यूजी और यूजीसी-नेट में कथित अनियमितताओं को लेकर केंद्र को आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। इसकी गूंज संसद से लेकर सड़क तक सुनाई दे रही है।

NEET पर हंगामा

NEET Exam 2024 Paper Leak: सीबीआई ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट-यूजी’ में गड़बड़ी के पांच नए मामलों की जांच अपने हाथ में ले ली है। इन मामलों की जांच गुजरात, राजस्थान और बिहार की पुलिस कर रही थी। यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है जब पेपर लीक मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने के लिए विपक्ष की तैयारी के बीच सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। वहीं महाराष्ट्र के लातूर से आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में कथित गड़बड़ी से जुड़े मामले में जिला परिषद स्कूल के एक प्रधानाध्यापक को गिरफ्तार किया है और एक अन्य शिक्षक को हिरासत में लिया है। यह कार्रवाई यह बात सामने आने के बाद की गई कि कम से कम चार लोग पैसे देकर परीक्षा पास करने को तैयार नीट छात्रों की मदद करने के लिए एक गिरोह चला रहे थे।

ममता बनर्जी ने लिखा पीएम मोदी को पत्र

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया कि ‘पेपर लीक’ विवाद को देखते हुए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) खत्म करने और राज्यों द्वारा परीक्षा आयोजित कराने की पुरानी प्रणाली बहाल करने पर विचार किया जाए। कई विपक्षी सांसदों ने 18वीं लोकसभा के पहले दिन कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संसद में जवाब देना होगा क्योंकि इससे लाखों छात्रों को परेशानी हो रही है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जैसे ही लोकसभा में शपथ लेने के लिए आगे बढ़े, विपक्ष के सदस्यों ने नीट, नीट के नारे लगाए।

प्रदीप सिंह खरोला ने संभाला पदभार

विरोध और मुद्दे पर अदालतों में याचिकाएं दायर किये जाने के बीच, केंद्र ने शनिवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध सिंह को हटा दिया था और नीट-यूजी में अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंप दी, जो अब इस मामले में कुल छह मामलों की जांच कर रही है। प्रदीप सिंह खरोला ने सोमवार को एनटीए के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाला और परीक्षा एजेंसी के अधिकारियों के साथ बैठक की। शिक्षा मंत्रालय ने एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति गठित की है।
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