NEET Paper Leak : बड़े पैमाने पर धांधली के सबूत मिलने पर ही री-टेस्ट, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी

NEET Paper leak : प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी 40 से अधिक अर्जियों पर सुनवाई के दौरान की। इन अर्जियों में नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता बरतने और धांधली करने का आरोप लगाया गया है। अर्जियों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा कराने की मांग की गई है।

नीट पेपर लीक मामला।

मुख्य बातें
  • गुरुवार को नीट पेपर लीक मामले में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
  • सरकारी-निजी मेडिकल स्कूलों की सीटों की संख्या के बारे में कोर्ट ने पूछा
  • कोर्ट ने कहा कि परीक्षा बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई, यह जाहिर होने पर ही री-टेस्ट

NEET Paper leak : नीट पेपर लीक मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 'NEET-UG 2024 का री-टेस्ट तभी संभव है जब इस बात के पुख्ता प्रमाण मिल जाएं कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की शुचिता बड़े पैमाने पर प्रभावित हुई है।' प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी 40 से अधिक अर्जियों पर सुनवाई के दौरान की। इन अर्जियों में नीट-यूजी प्रवेश परीक्षा में अनियमितता बरतने और धांधली करने का आरोप लगाया गया है। अर्जियों में मेडिकल प्रवेश परीक्षा दोबारा कराने की मांग की गई है।

री-एग्जामिनेशन का आदेश नहीं दे सकते-CJI

कोर्ट में याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा से प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि 'यह जाहिर अवश्य होना चाहिए कि पेपर लीक व्यवस्थित तरीके से हुआ और इससे पूरी परीक्षा प्रभावित हुई, तभी जाकर पूरी परीक्षा रद्द करने पर बात की जा सकती है। 23 लाख बच्चों में से केवल एक लाख छात्रों को दाखिला मिलेगा, ऐसे में हम री-एग्जामिनेशन का आदेश नहीं दे सकते। दोबारा परीक्षा तभी हो सकती है जब पूरी परीक्षा प्रभावित होने के पुख्ता प्रमाण मिलें।'

प्राथमिकता के आधार पर कर रहे सुनवाई-डीवाई चंद्रचूड़

सीजेआई ने इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया कि वह प्राथमिकता देते हुए नीट मामले की सुनवाई कर रहा है। गूगल बनाम सीसीआई और आयकर रिटर्न जैसे मामलों की सुनवाई आगे टालते हुए वह इस मामले को देख रहा है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि नीट पेपर लीक मामले में नतीजे का इंतजार लाखों छात्र कर रहे हैं।

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