NEET-UG Row: सुप्रीम कोर्ट में आज NEET मामले की सुनवाई, 38 याचिकाओं का होगा निपटारा
11 जून को एक याचिका पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है और हमें जवाब चाहिए, इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा था।
NEET मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
NEET-UG Row: सुप्रीम कोर्ट में आज मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET-UG 2024 के संबंध में कई याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में 5 मई की नीट परीक्षा में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाते हुए अदालत से दोबारा परीक्षा आयोजित करने का निर्देश देने की मांग भी शामिल है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की बेंच परीक्षा से संबंधित 38 याचिकाओं की समीक्षा करेगी, जो देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक राष्ट्रव्यापी परीक्षा है।
पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ियां
पेपर लीक और ग्रेस मार्क्स देने में गड़बड़ियों सहित कई अनियमितताओं के आरोपों के बाद पूरे भारत में विरोध प्रदर्शन हुआ। 67 छात्रों ने शुरू में पूर्ण 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें छह शीर्ष स्कोरर हरियाणा के एक ही केंद्र से होने से अनियमितताओं का संदेह पैदा हुआ। नतीजे तय तारीख से 10 दिन पहले 4 जून को घोषित कर दिए गए। एनईईटी-यूजी का संचालन करने वाले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी एनटीए ने बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन और हजारों ईमानदार उम्मीदवारों को हुए नुकसान को लेकर सबूत की कमी का हवाला ददेते हुए परीक्षा को रद्द करने से इनकार कर दिया। इस बीच मामले की गूंज संसद में भी सुनाई पड़ी।
सरकार ने कहा, लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को होगा नुकसान
सरकार ने कहा कि परीक्षा को पूरी तरह से रद्द करने से 2024 में प्रश्न पत्र का प्रयास करने वाले लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को भारी नुकसान होगा। वहीं, एनटीए के हलफनामे में परीक्षा को रद्द करने को सार्वजनिक हित और योग्य उम्मीदवारों के करियर की संभावनाओं के लिए काफी हानिकारक बताया। एजेंसी ने व्यापक कदाचार के दावों को निराधार और भ्रामक बताते हुए खारिज करते हुए कहा कि परीक्षा निष्पक्ष और सुरक्षित रूप से आयोजित की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा था जवाब
11 जून को इसी तरह की एक याचिका पर विचार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है और हमें जवाब चाहिए, इसके साथ ही अदालत ने केंद्र और एनटीए से जवाब मांगा था। जस्टिस अमानुल्लाह ने एनटीए के वकील से कहा, यह इतना आसान नहीं है। क्योंकि आपने यह किया है। पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए। याचिकाओं में परीक्षा को रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने का अनुरोध किया गया है और अदालत की निगरानी में जांच की मांग की गई है। 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी।
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