Ambedkar Jayanti 2023: पहली बार मुस्लिम लीग की सहायता से संविधान सभा पहुंचे थे आंबेडकर, दूसरी बार देनी पड़ी धमकी, तब मानी थी कांग्रेस

Ambedkar Jayanti 2023: बाबा साहेब आंबेडकर के जितना पढ़ा-लिखा नेता शायद आज की तारीख में भी कोई नहीं है। दलितों के उत्थान के लिए बाबा साहब आजीवन कोशिश करते रहे। इस मामले पर वो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से भी भिड़ते रहे, दोनों के बीच शुरुआत में तल्ख रिश्ते भी रहे।

Ambedkar Jayanti 2023: जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में कानून मंत्री के रूप में शपथ लेते हुए बाबा साहेब डॉ अंबेडकर (फोटो- Wikimedia Commons)

Ambedkar Jayanti 2023: आज भारत के संविधान निर्माता बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती है। आज हम जिस बाबा साहेब को जानते हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्होंने आजीवन संघर्ष किया। पढ़ाई से लेकर राजनीति तक और संविधान सभा के सदस्य बनने तक की कहानी संघर्षों से भरी है। बाबा साहेब आंबेडकर को जिस पंडित नेहरू ने अंतरिम सरकार में कानून मंत्री बनाया था, उसी नेहरू ने उन्हें लोकसभा चुनाव में हराने की कोई कसर नहीं छोड़ी थी, वही कांग्रेस उन्हें संविधान सभा में पहुंचने से रोक भी रही थी, हालांकि जब आंबेडकर ने धमकी दी, तब कांग्रेस ने ही एक सदस्य को इस्तीफा दिलवाकर, उनका संविधान सभा में पहुंचने का रास्ता साफ किया था।

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संविधान सभा चुनाव में पहली हार

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भारत के संविधान बनाने की जब कहानी शुरू हुई तब तक बाबा साहेब आंबेडकर राजनीति में आ चुके थे। आजादी से पहले 1936 में उन्होंने अपनी पार्टी- स्वतंत्र लेबर पार्टी की स्थापना की थी और चुनाव भी लड़े थे और जीते भी थे। हालांकि जब 1946 में संविधान सभा का चुनाव हुआ तो वो हार गए। उन्हें यह हार वहां मिली थी, जहां उनका जन्म हुआ था, जहां से उन्होंने राजनीति की शुरुआत की थी, यानि कि महाराष्ट्र में।

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