न युद्ध,न मंदी, जानिए कैसे केजरीवाल के पंजाब ने दी है पीएम मोदी को सबसे बड़ी टेंशन!

पंजाब पुलिस ने पहले ही ये कह दिया था कि अमृतपाल और उसके समर्थकों की तरफ से जो एविडेंस दिए गए हैं, उससे स्पष्ट होता है कि लवप्रीत सिंह उर्फ तूफान सिंह घटनास्थल पर था ही नहीं। इसलिए कल पंजाब पुलिस लवप्रीत सिंह को छोड़ देगी।

Amritpal Singh : आज आपको बता रहे हैं कि कैसे न युद्ध,न मंदी..केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दे दी है PM मोदी को सबसे बड़ी टेंशन। पंजाब (Punjab) में पाकिस्तानी साज़िश, भारत के टुकड़े करने का प्लान है क्या और खालिस्तान (Khalistan) समर्थक..लहराती तलवार,बंदूक..देश के सबसे बड़े खतरे का चैप्टर अब आपके सामने है। पंजाब से वो तस्वीरें आई हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की भी टेंशन यकीनन बढ़ा दी होगी। पंजाब से आई तस्वीरों में दिख रहा है कि एक पुलिस स्टेशन में हजारों की भीड़ हाथ में तलवार-बंदूक लहराती हुई घुस जाती है और पुलिस बेबस और लाचार सी खड़ी नजर आती है। आपने इससे पहले ऐसा कुछ शायद किसी फिल्म में देखा होगा कि लोग तलवार वगैरह लेकर आए औऱ पुलिस स्टेशन से किसी को छुड़ा कर ले गए।

क्या है मामला

घटना पंजाब के अमृतसर की है। पंजाब पुलिस ने अमृतसर के अजनाला थाने में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के समर्थक लवप्रीत सिंह ऊर्फ तूफान सिंह को अरेस्ट किया था उसे छुड़ाने ये भीड़ पहुंच गई पुलिस कुछ ना कर पाई। बताया जा रहा है कि डीसीपी समेत 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए सो अलग और 24 घंटे के अंदर ही आज पंजाब पुलिस ने किडनैपिंग के केस में गिरफ्तार अमृतपाल सिंह के समर्थक लवप्रीत सिंह को रिहा भी कर दिया, जबकि लवप्रीत सिंह के खिलाफ केडनैपिंग, मारपीट, आपराधिक धमकी, दंगे और गैरकानूनी तरीके से जमा होने जैसी गंभीर धाराएं लगी थी। लेकिन आरोप लग रहा है कि पंजाब पुलिस ने भीड़ का ये रौद्र रुप देखकर मानो सरेंडर ही कर दिया। यही वजह है कि पंजाब की भगवंत मान सरकार और वहां की पुलिस दोनों सवालों के घेरे में है।

क्यों है पीएम के लिए टेंशन

लेकिन क्यों पंजाब में जो हुआ वो पीएम मोदी और देश के लिए बड़ी चिंता की बात है और कैसे ये टेंशन पीएम मोदी को केजरीवाल ने दी है। इसे समझने से पहले आज जब लवप्रीत को अमृतसर जेल से जब रिहा किया गया तो क्या हुआ आपको वो जानना चाहिए। जेल के बाहर अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने उसका स्वागत किया, लवप्रीत सिंह ने कहा कि अमृतपाल सिंह सिख कौम के जरनैल है। अमृतपाल सिंह के समर्थक की रिहाई के पीछे कल की इन तस्वीरों को भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। गुरुवार को तो पंजाब पुलिस ने मानो सरेंडर ही कर दिया था जो भीड़ दिख रही है इसकी अगुवाई अमृतपाल सिंह कर रहा था। पंजाब पुलिस ने इस भीड़ को रोकने के लिए कई लेयर की बैरेकिंडग की थी,लेकिन पंजाब पुलिस इस भीड़ को नहीं रोक पाई, इनके पास लाठी-डंडे, तलवारें थी, कुछ के पास हथियार भी थे।

थाने पर हमला

हैरानी की बात ये है कि अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने पहले ही पंजाब पुलिस को धमकी दे दी थी कि वो उनके साथी को छोड़ दे वरना कुछ भी होगा तो पंजाब पुलिस जिम्मेदार होगी, अमृतपाल के समर्थक ने लवप्रीत सिंह को छुड़ाने के लिए थाने पर हमला कर दिया था। अमृतपाल सिंह जब थाने पहुंचा तो वही अपने समर्थकों के साथ डेरा डाल लिया और चेतावनी दी कि वो तब तक यहां से नहीं जाएगा तब तब उसके साथी को छोड़ा नहीं जाता और FIR दर्ज नहीं की जाती, इसके बाद दो घंटे तक अमृतपाल और पुलिस के बीच बातचीत हुई, जब अमृतपाल को ये आश्वासन मिला तभी समर्थकों के साथ थाने से निकला।
पुलिस के बयान पर सवाल

पुलिस का बयान

पहले पुलिस स्टेशन पर हमला, फिर गंभीर धाराओं के आरोपी अमृतपाल सिंह के समर्थक को छोड़ना..इस घटना से पंजाब पुलिस की काफी किरकिरी हुई, इसलिए पंजाब पुलिस के DGP गौरव यादव ने शनिवार को प्रेस क्रॉन्फ्रेंस की और कहा कि अमृतपाल के समर्थक गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर आए थे और उसकी आड़ में पंजाब पुलिस पर हमला किया, पंजाब पुलिस ने काफी संयम दिखाया। पंजाब के DGP ने कहा कि पंजाब पुलिस इस साजिश को सफल नहीं होने देगी, वो ऐसे एलिमेंट्स को चेतावनी दे रहे हैं, पुलिस पर हमले के मामले पर DGP ने कहा कि वीडियो फुटेज देखी जा रही है, उचित कार्रवाई की जाएगी। SIT का गठन किया गया है।

लवप्रीत पर हैं ये आरोप

लवप्रीत सिंह के वकील जसबीर सिंह ने बताया कि 16 फरवरी को FIR दर्ज हुई थी, काफी संगीन धाराएं लगाई थी लवप्रीत को अरेस्ट किया, लवप्रीति सिंह के परिवार ने इसका विरोध किया, पुलिस में एप्लिकेशन दी कि लवप्रीत सिंह निर्दोष है, पुलिस ने इस अर्जी को देखते हुए ये पाया कि लवप्रीत सिंह वारदात के वक्त वहां नहीं था, इसलिए वो निर्दोष साबित हुआ। अमृतसर के अजनाला पुलिस थाने में अमृतपाल, उसके साथी लवप्रीत सिंह समेत कुल 30 लोगों के खिलाफ किडनैपिंग और मारपीट का केस दर्ज हुआ था। पंजाब के रूपनगर में रहने वाले बरिंदर सिंह नाम के शख्स ने आरोप लगाया था कि अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने उसका अपहरण किया था और बुरी तरह मारपीट की थी। जिसके बाद लवप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

मित्रता निभाने में व्यस्त हैं केजरीवाल

पंजाब पुलिस पर कल हमला हुआ, थाने के अंदर हिंसा हुई, इस पर अमृतपाल सिंह ने उल्टे पंजाब पुलिस पर ही आरोप लगया दिया कि पुलिस ने उन पर अटैक किया था और इसलिए जवाब देना पड़ा। अमृतपाल सिंह ने कहा कि जब कोई विकल्प नहीं बचता तो जंग होती है। अमृतपाल ने फिर की खालिस्तान की वकालत कहा खालिस्तान की मांग रखना गलत नही है ये हमारा डेमोक्रेसी मे अधिकार है। पंजाब में हालात कितने गंभीर हैं ये पूरा देश देख रहा, पिछले 2 दिनों में क्या- क्या हुआ ये भी सबने देखा। पंजाब सरकार और पुलिस बैकफुट हैं लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल मुबंई में अपनी राजनीतिक मित्रता निभा रहे हैं। आज इन्होने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है यहां 2024 के चुनावों को लेकर विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी की जा रही है।अरे भाई 2024 में अभी टाइम है, पहले आप पंजाब की कानून व्यवस्था तो देखिए हालांकि भगवंत मान का कहना है कि पंजाब में अब शांति है अरे भाई जब पुलिस ही आरोपियों को ऐसे छोड़ने लगी तो शांति तो हो जाएगी लेकिन आने वाली अशांति की गारंटी दी जा सकती।

कौन है अमृतपाल सिंह

अमृतपाल सिंह कुछ महीने पहले ही दुबई से लौटा है और आते ही खालिस्तानी समर्थकों का हीरो बन गया। कैसे भाई...ऐसा क्या कर दिया कि इतने लोगों अपने साथ जोड़ लिया और इतना बड़ा आंदोलन कर दिया। आज आपको इसके बारे में बताते हैं। 30 साल का अमृतपाल सिंह अमृतसर के एक छोटे से गांव जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। -इसने अपने पैतृक गांव में ही 10वीं तक की पढ़ाई की। इसके बाद इसने कपूरथला में पॉलिटेक्निक की पढ़ाई के लिए कॉलेज में दाखिला लिया फिर 2012 में ये अपने परिवार का ट्रांसपोर्ट बिजनेस संभालने के लिए दुबई चला गया। वहां इसकी दिलचस्पी खालिस्तान आंदोलन में बढ़ने लगी, खालिस्तान के समर्थन में इसने कई वीडियो भी बनाए और सोशल मीडिया पर पोस्ट किए। इसके बाद अमृतपाल सिंह सितंबर 2022 में वापस भारत आ गया और खुलेआम खालिस्तान और अलगाव की बातें करना शुरू कर दिया।
हैरानी की बात ये है कि पंजाब की पुलिस और सरकार ने इस पर कोई कार्यवाही नहीं की। कैसे इतनी खुली छूट मिली हुई है...पंजाब सरकार ने एक्शन क्यों नहीं लिया इसका कोई जवाब नहीं। सितंबर में भारत लौटने के बाद अमृतपाल ..खालिस्तानी नेता जरनैल सिंह भिंडरावाले के गांव गया जिसका ऑपरेशन ब्लू स्टार में एनकाउंटर किया गया था। 29 सितंबर को मोगा जिले के रोडे गांव में अमृतपाल ने 'वारिस पंजाब दे' की पहली वर्षगांठ पर एक कार्यक्रम किया था। तभी से इसकी तुलना जरनैल सिंह भिंडरावाले से की जा रही है।
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