नए CDS का विपिन रावत से अजब कनेक्शन,जानें नियुक्ति-रेजीमेंट-जिले का क्या है नाता

चाहे जनरल बिपिन रावत को थल सेनाध्यक्ष बनाने की बात हो या फिर अनिल चौहान को सीडीएस बनाने की बात, दोनों की नियुक्ति चौंकाने वाली रही है। रावत जहां जूनियर होते हुए भी थल सेनाध्यक्ष बनाए गए थे। वहीं अनिल चौहान एक साल पहले ही सेना से रिटायर हो गए थे।

सीडीएस अनिल चौहान और जनरल बिपिन रावत

मुख्य बातें
  • जरनल बिपिन रावत को सीनियर अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर थल सेनाध्यक्ष बनाया गया था।
  • जनरल बिपिन रावत और सीडीएस अनिल चौहान पौड़ी गढ़वाल जिले के रहने वाले हैं।
  • नए सीडीएस के सामने अंतरिक्ष और डिजिटल युद्ध के लिए सेना को तैयार करने की चुनौती है।

New CDS Anil Chauhan:भारत के नए सीडीएस (CDS)अनिल चौहान ने पदभार ग्रहण कर लिया है। उन्होंने देश के पहले CDS (Chief of Defence Staff) बिपिन रावत की जगह ली है। चूंकि बिपिन रावत (Bipin Rawat) की असमय मौत हो गई, ऐसे में जिस उद्देश्य के लिए पहली बार सीडीएस की नियुक्ति की गई थी, वह काम अटक गया था। अब, अनिल चौहान (Anil Chauhan) के ऊपर उन सुधारों को रफ्तार देने की सबसे पहली चुनौती है। साथ ही उन्हें, भारतीय सेना के तीनों अंगों को भविष्य के युद्धों के लिए तैयार करना है। करीब 9 महीने के इंतजार के बाद जब अनिल चौहान ने पूर्व सीडीएस बिपिन रावत की जगह ली तो तीन चौंकाने वाले संयोग बन गए। जो आम तौर इस तरह के शीर्ष पदों पर कम ही देखने को मिलते हैं..

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दोनों की नियुक्ति चौंकाने वाली

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चाहे जनरल बिपिन रावत को थल सेनाध्यक्ष बनाने की बात हो या फिर अनिल चौहान को सीडीएस बनाने की बात, दोनों की नियुक्ति चौंकाने वाली रही है। जब 31 दिसंबर, 2016 को जब जनरल बिपिन रावत को थल सेना की कमान सौंपी गई तो कइयों को आश्चर्य हुआ था। असल में जरनल रावत को थल सेना प्रमुख बनाना कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं थी। उन्हें दो सीनियर अधिकारियों की वरिष्ठता को नजरअंदाज कर थल सेनाध्यक्ष बनाया गया था।

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