नए CEC के चुनाव को लेकर पीएम मोदी के साथ मीटिंग में शामिल हुए राहुल, कांग्रेस बोली- कोर्ट में होनी है सुनवाई, रुक जाइए

कानून के अनुसार, सीईसी और ईसी की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक कैबिनेट स्तर के केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे।

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पीएम मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी

मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में तीन सदस्यीय चयन समिति की बैठक हुई। यह बैठक साउथ ब्लॉक स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में आयोजित की गई। चयन समिति की बैठक में पीएम मोदी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हुए। यह समिति नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इस पद के लिए नियुक्ति की घोषणा की जाएगी। यानी अगले मुख्य चुनाव आयुक्त के नाम का ऐलान जल्द हो सकता है।

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CEC की नियुक्ति प्रक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय चयन समिति की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति भारत के नए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की नियुक्ति करेंगी। अब तक परंपरा रही है कि सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में प्रमोट किया जाता है। इस समय चुनाव आयोग में वरिष्ठता के आधार पर इस पद के लिए नामों पर चर्चा की जा रही है। ऐसे में चयन समिति बैठक के बाद अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को सौंपेगी और राष्ट्रपति द्वारा उस सिफारिश के आधार पर अगले मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 के तहत भारत में मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) की यह पहली नियुक्ति होगी। यह अधिनियम दिसंबर 2023 में लागू हुआ था और इसके बाद से चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। इस नए अधिनियम के तहत, मार्च 2024 में एसएस संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। दोनों आयुक्तों की नियुक्ति अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की रिटायरमेंट के बाद की गई थी। ऐसे में अब सीईसी की वर्तमान नियुक्ति इस अधिनियम के तहत की जाने वाली पहली नियुक्ति होगी।

क्या बोली कांग्रेस

कांग्रेस सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के नाम तय करने वाली समिति की बैठक अगले एक-दो दिनों के लिए स्थगित करनी चाहिए थी, क्योंकि उच्चतम न्यायालय संबंधित कानून पर सुनवाई करने वाला है। पार्टी प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यह दावा भी किया कि चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखने का मतलब है कि यह सरकार इस संवैधानिक संस्था पर अपना नियंत्रण चाहती है। उनके मुताबिक, मोदी सरकार को चयन समिति की बैठक करने के बजाय उच्चतम न्यायालय से आग्रह करना चाहिए था कि मामले का त्वरित निस्तारण हो।

कांग्रेस का आरोप

उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वर्तमान चयन समिति उच्चतम न्यायालय के दो मार्च, 2023 के उस आदेश का स्पष्ट और सीधा उल्लंघन है जिसमें कहा गया था कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी वाली समिति होनी चाहिए। सिंघवी ने संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार शाम चयन समिति की जो बैठक हुई उसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। उनका यह भी कहना था कि बैठक में क्या हुआ है यह अगले 24 या 48 घंटे में पता चल जाएगा।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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