नरसिम्हा राव के बाद,अब कांग्रेस को मिलेगा दक्षिण से अध्यक्ष, उत्तर-पश्चिम की 259 सीटें कमजोर कड़ी!

अगर कांग्रेस पार्टी का पिछले 52 साल का इतिहास देखा जाय तो इस दौरान साल 1992 से 1996 का ही दौर ऐसा था, जब पी.वी.नरसिम्हा रॉव पार्टी अध्यक्ष बने थे। और वह आंध्र प्रदेश से आते थे। इन चार साल को छोड़ दिया जाय तो करीब 40 साल कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रही है।

मुख्य बातें
  • राहुल गांधी का दक्षिण भारत पर ज्यादा फोकस है।
  • 2019 के लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 29 सीटें दक्षिण भारत से मिलीं थी
  • गुजरात, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली,राजस्थान, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर,उत्तराखंड में कांग्रेस का खाता नहीं खुला था।

Congress President Election: कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव का ड्रामा अब करीब-करीब खत्म हो गया है। और यह तय हो गया है कि अगर कोई बहुत बड़ा उलटफेर नहीं होता है, तो कांग्रेस का अगला अध्यक्ष दक्षिण से होगा। क्योंकि रेस में जो तीन नाम हैं, उसमें से दो दक्षिण भारत से आते हैं। पहला नाम गांधी परिवार के करीबी मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) का है। जिनका राजनीतिक केंद्र कर्नाटक है। वहीं दूसरा नाम सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) का है, जो केरल से आते हैं। एक और चौंकाने वाला नाम के.एन.त्रिपाठी का है। जो झारखंड से आते हैं, हालांकि मौजूदा परिस्थतियों में वोटिंग के दिन तक वह मैदान में बने रहते हैं, इसको लेकर भी शंका है।

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नरसिम्हा राव के बाद दक्षिण से पहला अध्यक्ष

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अगर कांग्रेस पार्टी का पिछले 52 साल का इतिहास देखा जाय तो इस दौरान साल 1992 से 1996 का ही दौर ऐसा था, जब पी.वी.नरसिम्हा राव पार्टी अध्यक्ष बने थे। और वह आंध्र प्रदेश से आते थे। इन चार साल को छोड़ दिया जाय तो करीब 40 साल कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास रही है। जबकि 6 साल कांग्रेस अध्यक्ष की कमान उत्तर भारत के नेता जगजीवन राम, डॉ शंकर दयाल शर्मा और सीता राम केसरी के पास रही।और अब कांग्रेस अध्यक्ष पद की असली लड़ाई मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच होने वाली है। और दोनों ही नेता दक्षिण भारत से आते हैं। ऐसे में दोनों में से कोई भी जीते, अध्यक्ष पद दक्षिण भारत के नेता को ही मिलेगा।

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