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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे से मांगा जवाब, बताएं कैसे रोकी जा सकती हैं ऐसी घटनाएं?

हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा कि वह प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री और यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करने के प्रावधानों के क्रियान्वयन संबंधी उन मुद्दों की समीक्षा करे जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल में मची भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका में उठाए गए हैं।

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रेलवे स्टेशन पर भगदड़

New Delhi Railway Station stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने रेलवे से जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने रेलवे बोर्ड के उच्च अधिकारियों से इस बात पर विचार करने को कहा कि ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। हाईकोर्ट ने रेलवे अधिनियम को पूरी तरह से लागू करने को कहा। मामले में 26 फरवरी को अगली सुनवाई होगी।

अपने कदमों का ब्यौरा पेश करने को कहा

हाई कोर्ट ने रेलवे से कहा कि वह प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री और यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करने के प्रावधानों के क्रियान्वयन संबंधी उन मुद्दों की समीक्षा करे जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हाल में मची भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका में उठाए गए हैं। मुख्य न्यायाधीश डी.के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने संबंधित प्राधिकारियों से कहा कि वे अपने हलफनामे में इन मुद्दों के संबंध में उठाए जाने वाले अपने कदमों का ब्यौरा प्रस्तुत करें।

अदालत ने कहा, जैसा कि सॉलिसिटर जनरल ने सुझाव दिया है, याचिका में उठाए गए मुद्दों की समीक्षा रेलवे बोर्ड में उच्चतम स्तर पर की जाए और उसके बाद प्रतिवादी द्वारा एक हलफनामा दायर किया जाए जिसमें रेलवे बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों का विवरण दिया जाए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले को विरोधात्मक तरीके से नहीं लिया गया है और रेलवे कानून का पालन करने के लिए बाध्य है।

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