30Kg RDX ले तब संसद में घुस गए थे आतंकी, AK-47 से करने लगे थे गोलियों की बौछार...पढ़िए, कैसे बड़ी अनहोनी हुई थी नाकाम
Story of Parliament Attack: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ट्वीट के जरिए कहा- आज ही के दिन 2001 में हुए आतंकवादी हमले के खिलाफ संसद की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों को राष्ट्र श्रद्धांजलि देता है। हम वीरों के साहस और सर्वोच्च बलिदान के लिए सदैव कृतज्ञ रहेंगे।
2001 में 13 दिसंबर की सुबह आतंक का काला साया देश के लोकतंत्र की दहलीज तक आ पहुंचा था। (क्रिएटिवः अभिषेक गुप्ता)
Story of
पांच आतंकियों ने तब लगभग 45 मिनट तक संसद भवन परिसर में कोहराम मचाया था। गोलियों की तड़तड़ाहट और दहशत के माहौल के बीच वहां तब 200 सांसद और मंत्री फंस गए थे। अटल बिहारी वाजपेयी तब पीएम थे, सोनिया गांधी विपक्ष की नेता थीं। हुआ यूं था कि सदन में शोर-शराबे के बीच सुबह 11 बजकर 28 मिनट के आसपास संसद 40 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई थी। पीएम वहां से इसके बाद निकल गए थे। हालांकि, गृह मंत्री एलके आडवाणी समेत 200 सांसद थे। इस बीच, संसद के गेट नंबर-11 से तेज रफ्तार में सफेर एंबैस्डर कार घुस गई थी। वह कार उप-राष्ट्रपति के वाहन से जाकर टकरा गई।
BJP on Parliament Attack
आगे अफरा-तफरी के आलम के बीच एंबैस्डर के गाड़ी से पांच लोग निकलते ही एके-47 से फायरिंग करने लगे थे। गोलियों की तड़तड़ाहट की गूंज को लेकर पहले सांसदों को लगा था कि पटाखे फोड़े जा रहे हैं। सुरक्षागार्ड्स इस दौरान चौकस हो गए, जबकि इस दौरान आतंकियों की ओर से हैंड ग्रेनेड फेंका गया। वहीं, वीवीआईपी लोगों को अंदर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया गया था, जबकि बाहर एक आतंकी गोली चलाते हुए गेट नंबर-1 की तरफ भागने लगा था। वह जैसे ही दरवाजे की ओर बढ़ा वह सुरक्षाकर्मियों की गोली का शिकार होता है। चूंकि, वह फिदायीन (मानव सुसाइड बॉम्बर) था और समझ गया था कि वहां से निकलना मुश्किल है, इसलिए उसने खुद को उड़ा लिया था।
बाकी चार 12 नंबर गेट की ओर थे। वे अंदर घुसने के लिए दरवाजा खोज रहे थे। इस बीच, एक और आतंकी को गोली लगी और ढेर हो जाता है। फिर तीन आतंकी बचे, जो संसद के अंदर घुसने के प्रयास तेज करने लगे। इस बीच, वह गेट नंबर-9 पर पहुंचे, पर वहां सुरक्षाबल पहले से चाक-चौबंद था। इन्हें भी थोड़ी देर में घेर कर मार गिराया गया। गोली-बारी की आवाज बंद होने के बाद खतरा और आशंका इस बात की थी कि जो ग्रेनेड फेंके गए थे, वे न फट जाएं। इन बमों को बाद में बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज किया था।
एंबैस्डर कार में 30 किलो आरडीएक्स था और कार में उसकी पूरी वायरिंग कर रखी की गई थी। जानकारों के हवाले से ऐसा कहा जाता है कि अगर वह कार ब्लास्ट कर दी जाती, तब आधी संसद तब उड़ (ध्वस्त) सकती थी। चूंकि, एंट्री के जो सफेद एंबैस्डर की टक्कर हुई थी उससे तारों की वायरिंग टूट गई थी, जिससे धमाका नहीं हो सका था। कार पर होम मिनिस्ट्री के स्टीकर भी लगे थे। यह भारत के खिलाफ अब तक की सबसे खतरनाक और गहरी साजिश मानी जाती है।
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