धर्मनिरपेक्षता बचाने को बना नया मोर्चा, कांग्रेस के नेता भी शामिल

Secular Front: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने विपक्षी दल सारे हथकंडे अपना रहे हैं। इसी कड़ी में धर्मनिरपेक्षता बचाने के नाम कांग्रेस के कुछ नेता और बुद्धिजीवियों ने ठ लोगों का सेकुलर मोर्चा बनाया है। ये मोर्चा मीडिया की सुर्खियों से दूर गुपचुप तरीके से अपनी मुहिम में जुटा हुआ है।

लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी को हराने के लिए बना सेकुलर मोर्चा

Secular Front: लोकसभा चुनाव 2024 में मोदी सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों से सियासी बलिदान करने की अनोखी मुहिम शुरू हो रही है। इसके लिए कांग्रेस के कुछ पुराने नेताओं और कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों ने आठ लोगों का सेकुलर मोर्चा बनाया है। ये समूह विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात करके धर्मनिरपेक्षता बचाने के नाम पर कुछ सीटें दूसरे दलों के लिए छोड़ देने का आग्रह करेंगे।

मोदी लौटे तो सेकुलरिज्म को खतरा

सेक्युलरिज्म बचाने के नाम पर बने इस मोर्चे का मानना है कि 2014 और 2019 के बाद अगर मोदी सरकार 2024 में भी हैट्रिक बनाती है तो देश का ताना-बाना खतरे में आ जाएगा। इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी दलों को अपने राजनीतिक स्वार्थ, महत्वाकांक्षा, सीटों की जिद छोड़कर एक साथ आना होगा। इसी मंत्र पर स्पेशल 8 लोगों का सेकुलर मोर्चा काम करने में जुट गया है। इस मोर्चे में 8 लोग शामिल हैं जिसके संयोजक कैप्टन प्रवीण डावर हैं। इसके अलावा इसमें प्रोफेसर अपूर्वानन्द, मणिशंकर अय्यर, जॉन दयाल, शशि थरूर, वजाहत हबीबुल्लाह, जवाहर सरकार और सलमान खुर्शीद का नाम है। ये मोर्चा मीडिया की सुर्खियों से दूर गुपचुप तरीके से अपनी मुहिम में जुटा हुआ है।

क्या है इस सेकुलर मोर्चे की रणनीति?

आठ लोगों का ये मोर्चा या समूह अपनी सियासी रणनीति तैयार कर चुका है। सबसे पहले ये मोर्चा रणनीति के तहत सभी विपक्षी दलों के नेताओं से अलग-अलग मुलाकात करके ये समझाने की कोशिश करेगा कि मोदी सरकार को हटाने और धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए हर कीमत पर सबको साथ आना ही होगा। चाहे इसके लिए एक दल को दूसरे दल के लिए कुछ सीटें छोड़नी ही क्यों न पड़ें।

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