New Parliament Building: नए संसद भवन उद्घाटन पर PM Modi के विरोधी जान लें ये History और Facts, देखें ये वीडियो
New Parliament Building: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई विपक्षी दलों के बहिष्कार के बीच, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से लैस नये संसद भवन का संडे को उद्घाटन करेंगे, हालांकि, विपक्ष के 20 दलों का कहना है राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नये संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए।
नया संसद भवन हिंदुस्तान के लिए क्यों इतना जरूरी था ये हर भारतीय के लिए जानना बेहद जरूरी है
21 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह (New Parliament Inauguration) का यह कहते हुए बहिष्कार किया है कि इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू (President Draupadi Murmu) को ना बुलाना उनका अपमान है, विपक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति संसद का मुखिया होता है और मोदी सरकार आदिवासी और महिला विरोधी है, इसी वजह से राष्ट्रपति मुर्मू को इस कार्यक्रम से दूर रखा जा रहा है।
ये संसद भवन (Sansad Bhawan) में क्या-क्या खास है और नया संसद भवन हिंदुस्तान के लिए क्यों इतना जरूरी था ये हर भारतीय के लिए जानना बेहद जरूरी है। इस वीडियो में अगले 5 मिनट में आपको देश की नई संसद के बारे में हर जानकारी बेहद आसान भाषा में मिल जाएगी।
रस्मी राजदंड इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में
गौर हो कि नये संसद भवन में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की कालीन, त्रिपुरा के बांस से बने फर्श और राजस्थान के पत्थर की नक्काशी भारत की संस्कृतिक विविधता को दर्शाती है। तमिलनाडु से संबंध रखने वाले और चांदी से निर्मित एवं सोने की परत वाले ऐतिहासिक राजदंड (सेंगोल) को लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया जाएगा। अगस्त 1947 में सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक के तौर पर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को दिया गया यह रस्मी राजदंड इलाहाबाद संग्रहालय की नेहरू दीर्घा में रखा गया था।
राजदंड को लेकर भी राजनीतिक विवाद
उद्घाटन समारोह का 20 विपक्षी दलों द्वारा बहिष्कार किए जाने के बीच, राजदंड को लेकर भी राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को दावा किया कि इस बारे में कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है, जिससे यह साबित होता हो कि लॉर्ड माउंटबेटन, सी राजगोपालाचारी और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 'सेंगोल' को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा भारत को सत्ता हस्तांतरित किए जाने का प्रतीक बताया हो।
गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की
'सेंगोल' पर कांग्रेस के रुख को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस को अपने व्यवहार पर अच्छी तरह से विचार करने की आवश्यकता है। उन्होंने पार्टी के इस दावे की निंदा की कि 1947 में ‘सेंगोल’ को ब्रिटेन द्वारा भारत को सत्ता सौंपे जाने का प्रतीक होने का कोई उदाहरण नहीं है।
सरकार 75 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी करेगी
नये संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर, सरकार 75 रुपये का स्मारक सिक्का भी जारी करेगी। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक कार्य विभाग द्वारा बृहस्पतिवार को जारी एक अधिसूचना के अनुसार, 'नये संसद भवन के उद्घाटन के उपलक्ष्य में 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया जाएगा। सिक्के का वजन 35 ग्राम है और यह चार धातुओं से बना हुआ है।' सिक्के के एक तरफ अशोक स्तंभ का शेर अंकित है, जिसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा है। इसके बाईं ओर देवनागरी में 'भारत' और दाईं ओर अंग्रेजी में 'इंडिया' लिखा होने के साथ ही रुपये का प्रतीक चिन्ह भी अंकित है वहीं, सिक्के के दूसरी तरफ नए संसद भवन की तस्वीर है। इसके ऊपर देवनागरी में 'संसद संकुल' और नीचे अंग्रेजी में 'पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स' लिखा है। नीचे 2023 भी लिखा हुआ है।
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित
टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा निर्मित नये संसद भवन में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान हॉल, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थल मौजूद होगा। त्रिभुजाकार वाले चार मंजिला संसद भवन का निर्मित क्षेत्र 64,500 वर्ग मीटर है। भवन के तीन मुख्य द्वार हैं- ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार। इसमें वीआईपी, सांसदों और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार हैं।
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