New Parliament Inauguration: नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद पुरानी संसद का क्या होगा? जानिए सरकार का प्लान
New Parliament Inauguration: मोदी सरकार की ओर से यह कहा गया कि वर्तमान संसद भवन आज के समय की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए नए संसद की जरूरत है। जिसके बाद दो साल के कठिन निर्माण कार्य के बाद नई संसद की इमारत तैयार हो गई है। नया संसद भवन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
- 28 मई को पीएम मोदी करेंगे नई संसद का उद्घाटन
- आधुनिक सुविधाओं से लैस है नई संसद
- नई संसद को लेकर विपक्ष के निशाने पर है मोदी सरकार
New Parliament Inauguration: नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को किया जाना है। नए संसद भवन के अस्तित्व में आने के बाद सबसे बड़ा सवाल है कि मौजूदा संसद भवन का क्या होगा? मौजूदा संसद भवन का एक अपना इतिहास है, यह स्वतंत्र भारत की पहली संसद के रूप में कार्य करता रहा है, संविधान को अपनाने सहित कई ऐतिहासिक घटनाओं का गवाह रहा है। ऐसे में सवाल है कि कही नई संसद के बाद कहीं पुराने संसद भवन को तोड़ नहीं दिया जाए?
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नई संसद की जरूरत क्यों
मोदी सरकार की ओर से यह कहा गया कि वर्तमान संसद भवन आज के समय की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। इसलिए नए संसद की जरूरत है। जिसके बाद दो साल के कठिन निर्माण कार्य के बाद नई संसद की इमारत तैयार हो गई है। नया संसद भवन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्र को समर्पित किया जाएगा।
पुराने संसद भवन का क्या होगा ( what will happen to the old Parliament building)
सरकार के अनुसार वर्तमान संसद भवन की समृद्ध विरासत का संरक्षण और कायाकल्प राष्ट्रीय महत्व का विषय है। इसलिए इसे तोड़ा नहीं जाएगा। मार्च 2021 में, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने राज्यसभा को बताया कि एक बार नया संसद भवन तैयार हो जाने के बाद, मौजूदा भवन की मरम्मत करनी होगी ताकि वैकल्पिक उपयोग के लिए इसका प्रयोग किया जा सके। अधिकारियों के अनुसार मौजूदा संसद भवन का इस्तेमाल संसदीय आयोजनों के लिए किया जा सकता है।
पुराने संसद भवन का इतिहास
मूल रूप से काउंसिल हाउस कहे जाने वाले पुराने संसद भवन में इम्पीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल थी और इसे भारत की लोकतांत्रिक भावना का प्रतीक माना जाता है। वर्तमान में, यह सेंट्रल विस्टा के केंद्र में स्थित है। ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन किए गए पुराने संसद भवन को बनने में छह साल लगे थे। इसका निर्माण कार्य 1927 में पूरा हुआ था।
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