Goa: 'कैश फॉर जॉब' घोटाले में आया नया मोड़, AAP का दावा- CM सावंत ने मीडिया को चुप कराने की कोशिश की

Cash for Job Scam: ‘कैश फॉर जॉब्स’ घोटाले का मुद्दा इन दिनों गोवा की सियासत का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु बनता दिख रहा है। विपक्षी दलों के नेता आए दिन सीएम प्रमोद सावंत की सरकार पर गंभीर इल्जाम लगा रहे हैं। इसी बीच गोवा में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने बड़ा दावा करते हुए ये आरोप लगाया कि CM सावंत ने मीडिया को चुप कराने की कोशिश की।

AAP vs Goa Sarkar on Cash for Job Scam

CM प्रमोद सावंत और AAP प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर

Goa Politics: गोवा की राजनीति में इन दिनों ‘कैश फॉर जॉब स्कैम’ को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। इस मुद्दे ने प्रमोद सावंत सरकार को विपक्ष के निशाने पर ला खड़ा किया है। इस घोटाले को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखे हमले किए हैं। आरोप है कि सरकारी नौकरियों को बेचने का खेल पिछले दस वर्षों से गोवा में जारी है। आप के प्रदेश अध्यक्ष अमित पालेकर ने तो ये तक दावा कर दिया है कि खुद मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मीडिया को चुप कराने की कोशिश की है। आपको सारा माजरा समझाते हैं।

AAP गोवा अध्यक्ष का वीडियो विवाद

घोटाले पर चर्चा तब और तेज हो गई जब AAP गोवा के अध्यक्ष अमित पालेकर ने एक वीडियो बयान जारी कर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत पर तीखे आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि उनके बयान का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया संस्थानों पर दबाव बनाकर इसे हटवा दिया।

उनके ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'गोवा में अभिव्यक्ति की आज़ादी खतरे में है! मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मेरे वायरल वीडियो के बाद मीडिया हाउस को कॉल कर इसे हटवाने का दबाव बनाया। सौभाग्य से, मेरे पास वीडियो का रॉ फुटेज है, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा ताकि गोवा के लोग सच जान सकें।'

AAP ने मुख्यमंत्री पर लगाए गंभीर आरोप

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मामले संसद में उठाने का दावा करते हुए भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को कटघरे में खड़ा किया। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री की पत्नी और भाजपा नेताओं की संलिप्तता है। उन्होंने कहा कि गोवा के बेरोजगार युवाओं के साथ यह गंभीर धोखा है।

क्या घोटाले की जांच से डर रही है भाजपा सरकार?

AAP के आरोपों के बीच सवाल उठ रहे हैं कि अगर प्रमोद सावंत सरकार निर्दोष है, तो वह न्यायिक जांच आयोग नियुक्त करने से क्यों कतरा रही है? AAP ने मुख्यमंत्री से इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है।

प्रमोद सावंत ने दिया था इस घोटाले पर जवाब

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा, 'यह आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है। विपक्ष केवल सस्ती राजनीति कर रहा है. हमारी सरकार ने हमेशा पारदर्शिता को प्राथमिकता दी है। जिन लोगों के खिलाफ सबूत हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है, और कानून अपना काम कर रहा है।' सावंत ने यह भी दावा किया कि विपक्षी दलों के पास आरोप लगाने के अलावा कोई ठोस सबूत नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गोवा सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रही है।

सरकार पर कांग्रेस भी लगातार हमलावर

कांग्रेस ने भी इस मामले में भाजपा सरकार को घेरते हुए आरोप लगाया कि पार्टी इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने विशेष जांच दल (SIT) के गठन की मांग की है।

क्या है मामला, जानें घोटाले से जुड़ी खास बातें

इस कथित घोटाले का खुलासा तब हुआ जब रिश्वतखोरी के आरोप में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें भाजपा की एक महिला कार्यकर्ता भी शामिल है, जो कथित तौर पर नौकरी दिलाने के नाम पर रिश्वत लेती थी। यह मामला अब गोवा की सीमाओं को पार कर राष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। आम आदमी पार्टी ने इस घोटाले को संसद में उठाने का ऐलान किया है। सांसद संजय सिंह ने भी निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए इसे एक बड़े षड्यंत्र का हिस्सा बताया था।

मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भरोसा दिलाया है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले की गहराई से जांच की जाएगी। विपक्ष जहां न्यायिक आयोग की मांग कर रहा है, वहीं सरकार ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। अब देखना यह है कि क्या प्रमोद सावंत सरकार इस घोटाले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करती है, या विपक्ष के दबाव में न्यायिक जांच का रास्ता अपनाती है। इस घोटाले के खुलासे और राजनीतिक घमासान ने गोवा की राजनीति में हलचल मचा दी है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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