मालेगांव विस्फोट मामले में NIA अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित, पीड़ितों ने लगाई थी न्याय की गुहार
Malegaon Blast Case: मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। एनआईए अदालत ने मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रखा है।

मालेगांव विस्फोट मामले में NIA अदालत ने फैसला रखा सुरक्षित
Malegaon Blast Case: वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की सुनवाई पूरी हो गई है। जानकारी के अनुसार, एनआईए अदालत ने मालेगांव विस्फोट मामले में फैसला सुरक्षित रखा है। बता दें, साल 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सुनवाई कर रही विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश ए.के. लाहोटी का कुछ दिन पहले तबादला कर दिया गया था। यह तबादला जिला न्यायाधीशों के वार्षिक तबादला नीति के तहत किया गया था। गौरतलब है कि यह तबादला ऐसे समय किया गया था, जब मालेगांव विस्फोट मामले को अदालत द्वारा फैसले से पहले सुरक्षित रखा जाना था। मालेगांव विस्फोट के पीड़ितों ने जज लाहोटी के तबादले पर नाराजगी जाहिर की थी और उनका कहना था कि इससे न्याय मिलने में और देरी होगी। बता दें, पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील शाहिद नदीम ने कहा था कि हम उच्च न्यायालय में एक आवेदन दायर करने पर विचार कर रहे हैं। हमने पहले भी मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र दिया था जिसमें फैसला आने तक जज का कार्यकाल बढ़ाने का अनुरोध किया गया था। अभियोजन पक्ष ने मुकदमे के दौरान 323 गवाहों की जांच की, जबकि बचाव पक्ष ने आठ गवाहों की जांच की।
BJP नेता प्रज्ञा ठाकुर हैं मुख्य आरोपी
बता दें, महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास विस्फोट हुआ था। यह विस्फोट मोटरसाइकिल में लगे विस्फोटक में हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस मामले में भाजपा नेता प्रज्ञा ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और पांच अन्य पर मुकदमा चल रहा था। आरोपियों पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा था।
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शशांक शेखर मिश्रा टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल (www.timesnowhindi.com/ में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। इन्हें पत्रकारिता में करीब 5 वर्षों का अनुभव ह...और देखें

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